15 मई 2013 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियन्स बनाम राजस्थान रॉयल्स के मैच को देखने के लिए मौजूद 25 हजार दर्शक मौजूद थे. इन लोगों को जरा भी अंदाजा नहीं था कि मैच खत्म होने के 6 घंटे के अंदर ही क्या खुलासा होने वाला है. इस मैच को मुंबई इंडियन्स ने 14 रनों से जीतकर अपने फैन्स को शानदार तोहफा दिया था.
राजस्थान रॉयल्स के सीईओ रघु अय्यर भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदलने वाले मई की उस सुबह हुई घटना को याद करते हुए बताते हैं- "हम ओबेरॉय होटल में ठहरे थे. सुबह 5.30 बजे होटल के ड्यूटी मैनेजर का मुझे फोन आया. उसने कहा कि अस्सिटेंट कमिश्नर कुछ पुलिस वालों के साथ नीचे हमारा इंतजार कर रहे हैं."
रॉयल्स के सीईओ तुरंत नीचे पहुंचे जहां अस्सिटेंट कमिश्नर के नेतृत्व में आए दिल्ली पुलिस की एक टीम से वो मिले. पुलिस वाले रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार करने आए थे. अय्यर को नींद से उठाकर नीचे बुला लिया गया था और अब उन्हें खिलाड़ियों की गिरफ्तारी के बारे में बता रहे थे. वो असहाय सा महसूस कर रहे थे. वो सिर्फ उनलोगों से इतना ही पूछ पाए कि क्या पुलिस के पास वारंट है. पुलिस के पास वारंट था और कुछ घंटे पुलिस ने अय्यर को वो सारे सबूत दिखाया जो तीनों खिलाड़ियों के खिलाफ थे. ये सबूत इतना साबित करने के लिए काफी थे कि कुछ तो पक रहा था.
ये तूफान के पहले की शांति थी. वो तूफान जो ठीक 2 घंटे बाद मीडिया के सवालों के रुप में उनपर आने वाला था. अय्यर बताते हैं- "8 बजे मैंने राहुल को इस घटना की जानकारी दी. वो निराश, हताश थे. उन्होंने अपने सिर पकड़ लिया और वो कुछ बोल नहीं पाए. उनके जैसे कद के खिलाड़ी को इस तरह से निराश देखना दुखी करने वाला था. हम में से किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था...
15 मई 2013 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियन्स बनाम राजस्थान रॉयल्स के मैच को देखने के लिए मौजूद 25 हजार दर्शक मौजूद थे. इन लोगों को जरा भी अंदाजा नहीं था कि मैच खत्म होने के 6 घंटे के अंदर ही क्या खुलासा होने वाला है. इस मैच को मुंबई इंडियन्स ने 14 रनों से जीतकर अपने फैन्स को शानदार तोहफा दिया था.
राजस्थान रॉयल्स के सीईओ रघु अय्यर भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदलने वाले मई की उस सुबह हुई घटना को याद करते हुए बताते हैं- "हम ओबेरॉय होटल में ठहरे थे. सुबह 5.30 बजे होटल के ड्यूटी मैनेजर का मुझे फोन आया. उसने कहा कि अस्सिटेंट कमिश्नर कुछ पुलिस वालों के साथ नीचे हमारा इंतजार कर रहे हैं."
रॉयल्स के सीईओ तुरंत नीचे पहुंचे जहां अस्सिटेंट कमिश्नर के नेतृत्व में आए दिल्ली पुलिस की एक टीम से वो मिले. पुलिस वाले रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार करने आए थे. अय्यर को नींद से उठाकर नीचे बुला लिया गया था और अब उन्हें खिलाड़ियों की गिरफ्तारी के बारे में बता रहे थे. वो असहाय सा महसूस कर रहे थे. वो सिर्फ उनलोगों से इतना ही पूछ पाए कि क्या पुलिस के पास वारंट है. पुलिस के पास वारंट था और कुछ घंटे पुलिस ने अय्यर को वो सारे सबूत दिखाया जो तीनों खिलाड़ियों के खिलाफ थे. ये सबूत इतना साबित करने के लिए काफी थे कि कुछ तो पक रहा था.
ये तूफान के पहले की शांति थी. वो तूफान जो ठीक 2 घंटे बाद मीडिया के सवालों के रुप में उनपर आने वाला था. अय्यर बताते हैं- "8 बजे मैंने राहुल को इस घटना की जानकारी दी. वो निराश, हताश थे. उन्होंने अपने सिर पकड़ लिया और वो कुछ बोल नहीं पाए. उनके जैसे कद के खिलाड़ी को इस तरह से निराश देखना दुखी करने वाला था. हम में से किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. सिवाए इसके कि जांच में मदद करें. मैंने लंदन स्थित अपने मालिक और आपीएल के सीईओ सुंदर (रमन) को सूचना दे दी. ये तभी तय कर लिया गया था कि हम कुछ नहीं छुपाएंगे और एक प्रेस रिलीज के जरिए अपनी बात लोगों तक रखेंगे."
खबर के फैलते ही मीडिया पागल हो गई. स्पॉट फिक्सिंग में कुछ और खिलाड़ियों के शामिल होने की अफवाहें उड़ने लगीं. साथ ही आलोचकों ने पूरे टूर्नामेंट की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा करना शुरु कर दिया. अचानक ही 2013 में आईपीएल का हर मैच ही शक के दायरे में आ गया और बीसीसीआई के लिए परेशानी का सबब बन गया.
भारत को दो विश्व कप जिताने वाली टीम का हिस्सा रहे श्रीसंत की फोटो किसी अपराधी की तरह मीडिया दिखाने लगी. लोगों में गुस्सा भर गया और हर कोई ये जानने के लिए उत्सुक था कि आखिर तीनों खिलाड़ियों ने और क्या छुपा रखा है. बीसीसीआई ने स्पॉट फिक्सिंग के इस आरोप की जांच के लिए अपने एंटी करप्शन चीफ रवि सवानी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन किया. वहीं राजस्थान रॉयल्स ने तीनों दागी खिलाड़ियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी.
(बोरिया मजूमदार की किताब इलेवन गॉड्स एंड ए बिलियन इंडियन्स के कुछ हिस्से)
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