ब्रिटेन के लंदन ब्रिज पर बीती शनिवार देर रात हुए धमाकों के भारत-पाक के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी का मुकाबला जहां हो रहा है वो बर्मिंघम हमलों से दहले लंदन से महज 2 घंटे की दूरी पर है. किसी भी अनहोनी घटना से बचने के लिए भारतीय टीम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पिछले दिनों मैनचेस्टर में हुए आतंकी हमले के बाद भी ICC ने चैंपियंस ट्रॉफी की सुरक्षा की चिंता जताई थी. मैनचेस्टर से बर्मिंघम की दूरी भी करीब 180 किलोमीटर ही है. ये अब मना जा रहा है कि इंग्लैंड जो की एक सुरक्षित देश मन है, अब चौतरफा आतंकवादी हमलों से कतई सुरक्षित नहीं है.
शनिवार रात लंदन में हमलावरों ने पुलिस पर गोलीबारी की और फिर वैन से उतरकर लोगों पर चाकुओं से हमला शुरू कर दिया. अभी तक इस हमले में 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं जिनमे कुछ बुरी तरह जख्मी है. ब्रिटिश पुलिस ने इस हमले को आतंकी वारदात करार देते हुए इसमें शामिल तीनों हमलावरों को मार गिराने का दावा किया है, फिर भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आतंकवाद की गिरफत में आये इंग्लैंड में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता काफी बढ़ गयी है. क्रिकेट की प्रतिष्ठित चैंपियंस ट्रॉफी पर आतंक के साये मंडरा रहे हैं. ये कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी की क्रिकेट पर आंतक का साया आज भी उसी तरह मंडरा रहा है, जैसा पहले भी हुआ था. गौरतलब है कि पिछली घटनाओं को लेकर स्थानीय टीम और होस्ट देशों के सुरक्षा तंत्र पर बड़े सवाल उठ खड़े हुए थे, और इतिहास गवाह है कई मौके पर विदेशी टीमों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने टीम को वापस बुला लिया था. आज हरभजन सिंह ने भी सुरक्षा व्यवस्था पर तीखे सवाल उठाये हैं और टीम को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया की गयी है.
ब्रिटेन के लंदन ब्रिज पर बीती शनिवार देर रात हुए धमाकों के भारत-पाक के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी का मुकाबला जहां हो रहा है वो बर्मिंघम हमलों से दहले लंदन से महज 2 घंटे की दूरी पर है. किसी भी अनहोनी घटना से बचने के लिए भारतीय टीम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पिछले दिनों मैनचेस्टर में हुए आतंकी हमले के बाद भी ICC ने चैंपियंस ट्रॉफी की सुरक्षा की चिंता जताई थी. मैनचेस्टर से बर्मिंघम की दूरी भी करीब 180 किलोमीटर ही है. ये अब मना जा रहा है कि इंग्लैंड जो की एक सुरक्षित देश मन है, अब चौतरफा आतंकवादी हमलों से कतई सुरक्षित नहीं है.
शनिवार रात लंदन में हमलावरों ने पुलिस पर गोलीबारी की और फिर वैन से उतरकर लोगों पर चाकुओं से हमला शुरू कर दिया. अभी तक इस हमले में 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं जिनमे कुछ बुरी तरह जख्मी है. ब्रिटिश पुलिस ने इस हमले को आतंकी वारदात करार देते हुए इसमें शामिल तीनों हमलावरों को मार गिराने का दावा किया है, फिर भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आतंकवाद की गिरफत में आये इंग्लैंड में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता काफी बढ़ गयी है. क्रिकेट की प्रतिष्ठित चैंपियंस ट्रॉफी पर आतंक के साये मंडरा रहे हैं. ये कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी की क्रिकेट पर आंतक का साया आज भी उसी तरह मंडरा रहा है, जैसा पहले भी हुआ था. गौरतलब है कि पिछली घटनाओं को लेकर स्थानीय टीम और होस्ट देशों के सुरक्षा तंत्र पर बड़े सवाल उठ खड़े हुए थे, और इतिहास गवाह है कई मौके पर विदेशी टीमों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने टीम को वापस बुला लिया था. आज हरभजन सिंह ने भी सुरक्षा व्यवस्था पर तीखे सवाल उठाये हैं और टीम को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया की गयी है.
पिछली कुछ घटनाओं पर वाजिब तौर पर निगाह डालना जरूरी है ..
अप्रैल 21, 1987 को श्रीलंका में बम बिस्फोट में करीब 100 लोगों की मौत के बाद न्यूजिलैंड टीम ने अपने 3 टेस्ट मैच की सीरीज को कम करके 1 मैच में तब्दील कर दिया था. शायद ये पहली बड़ी घटना थी और इस घटना के बाद श्रीलंका सरकार की बड़ी फ़ज़ीहत हुयी थी.
1996 के विल्स विश्वकप से पहले ही श्रीलंका में तमिल टाइगर्स की ओर से सेंट्रल बैंक में बम धमाके किये गये, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने अपनी टीमों को श्रीलंका भेजने से मना कर दिया था. श्रीलंका की ओर से कड़ी सुरक्षा देने का भरोसा भी दिया गया, लेकिन टीमें नहीं गई. जिसके बाद आईसीसी ने दोनों मैच का विजेता श्रीलंका को घोषित कर दिया था, और वह सीधा क्वार्टर फाइनल में चली गई थी.
मई 2002 में न्यूजीलैंड ने अपने पाकिस्तान टूर को ख़त्म कर दिया था जब कराची होटल के बाहर बम विस्फोट हुआ था. इसमें 11 फ्रेंच इंजीनियर की मौत हो गयी थी.
2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज चल रही थी. यह सीरीज 7 मैचों की थी. सीरीज के 5 मैच ही हुए थे लेकिन उसके बाद धमाके हो गये. इंग्लैंड की टीम दौरा बीच में ही छोड़ कर चली गई. भारत उस समय सीरीज में 5-0 से आगे था. हालांकि, इंग्लैंड टीम बाद में टेस्ट सीरीज खेलने के लिए वापस आई थी.
मार्च 11, 2008: ऑस्ट्रिया टीम ने अपने पाकिस्तान टूर को स्थगित कर दिया था, जब लाहौर में बम विस्फोट से 15 लोगों की मौत हुयी थी.
2009 में श्रीलंका की टीम जब पाकिस्तान के दौरे पर थी. तब श्रीलंका की टीम पर ही आतंकी हमला हुआ था. इसमें 6 पुलिस के सुरक्षा कर्मी सहित 7 श्रीलंका के खिलाडी भी चोटिल हुए थे. इसके बाद से ही विदेशी टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से परहेज किया है. पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बाद भी कोई बड़ी टीम वहां खेलने नहीं गई, पाकिस्तान काफी समय से दुबई को अपने घरेलू मैदान की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
मई 30, 2015 जब एक सुसाइड अटैक लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के बहार हुआ था उस समय ज़िम्बाब्वे टीम पाकिस्तान में थी और उसे पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय क्रिकेट खेलना था. 2009 के बाद ये पहली बार था जब कोई विदेशी टीम पाकिस्तान खेलने गई थी.
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