अगर कुछ ही वर्षों में केविन पीटरसन आपको साउथ अफ्रीका की टीम की तरफ से छक्के लगाते दिखें तो हैरान मत होइएगा! जी हां, केविन पीटरसन इंग्लैंड नहीं बल्कि साउथ अफ्रीका की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने जा रहे हैं.
कभी इंग्लैंड के सुपरस्टार बल्लेबाज रहे पीटरसन का करियर 2013 में समय से पहले ही इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के साथ विवादों के बाद खत्म हो गया था. पीटरसन साउथ अफ्रीका में पैदा हुए थे. नियमों के मुताबिक पीटरसन 2018 में साउथ अफ्रीका के लिए खेलने के लिए उपलब्ध होंगे. तब तक पीटरसन 37 साल के हो चुके होंगे. लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने की उनका जुनून और भूख अभी खत्म नहीं हुई है. यही वजह है कि पीटरसन ने कहा है कि ऐसा अवसर मिलने पर वह निश्चित तौर पर साउथ अफ्रीका के लिए खेलना चाहेंगे.
अगर ऐसा हुआ तो दो देशों के लिए खेलने वाले पीटरसन अकेले क्रिकेटर नहीं होंगे बल्कि पहले और भी कई क्रिकेटर्स ऐसा कर चुके हैं. अब तक ऐसे कुल 26 क्रिकेटर हुए हैं जो दो देशों की तरफ से खेले हैं. इनमें से 14 ने टेस्ट, 9 ने वनडे और 3 ने टी20 क्रिकट में ऐसा किया है. आइए जानें ऐसा करने वाले कुछ प्रमुख क्रिकेटर्स के बारे में जो अलग-अलग कारणों से अलग हुए अपने देश की टीमों से.
केविन पीटरसन 2018 में साउथ अफ्रीका की तरफ से खेलने की योजना बना रहे हैं |
1. बिली विडविंटरः इंग्लैंड में जन्मे बिली विडविंटर दो देशों के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी थे. वह 1877 में खेले गए सबसे पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड की तरफ से खेले थे.उन्होंने कुल 12 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 4 इंग्लैंड और 8 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ...
अगर कुछ ही वर्षों में केविन पीटरसन आपको साउथ अफ्रीका की टीम की तरफ से छक्के लगाते दिखें तो हैरान मत होइएगा! जी हां, केविन पीटरसन इंग्लैंड नहीं बल्कि साउथ अफ्रीका की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने जा रहे हैं.
कभी इंग्लैंड के सुपरस्टार बल्लेबाज रहे पीटरसन का करियर 2013 में समय से पहले ही इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के साथ विवादों के बाद खत्म हो गया था. पीटरसन साउथ अफ्रीका में पैदा हुए थे. नियमों के मुताबिक पीटरसन 2018 में साउथ अफ्रीका के लिए खेलने के लिए उपलब्ध होंगे. तब तक पीटरसन 37 साल के हो चुके होंगे. लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने की उनका जुनून और भूख अभी खत्म नहीं हुई है. यही वजह है कि पीटरसन ने कहा है कि ऐसा अवसर मिलने पर वह निश्चित तौर पर साउथ अफ्रीका के लिए खेलना चाहेंगे.
अगर ऐसा हुआ तो दो देशों के लिए खेलने वाले पीटरसन अकेले क्रिकेटर नहीं होंगे बल्कि पहले और भी कई क्रिकेटर्स ऐसा कर चुके हैं. अब तक ऐसे कुल 26 क्रिकेटर हुए हैं जो दो देशों की तरफ से खेले हैं. इनमें से 14 ने टेस्ट, 9 ने वनडे और 3 ने टी20 क्रिकट में ऐसा किया है. आइए जानें ऐसा करने वाले कुछ प्रमुख क्रिकेटर्स के बारे में जो अलग-अलग कारणों से अलग हुए अपने देश की टीमों से.
केविन पीटरसन 2018 में साउथ अफ्रीका की तरफ से खेलने की योजना बना रहे हैं |
1. बिली विडविंटरः इंग्लैंड में जन्मे बिली विडविंटर दो देशों के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी थे. वह 1877 में खेले गए सबसे पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड की तरफ से खेले थे.उन्होंने कुल 12 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 4 इंग्लैंड और 8 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थे.
2. केविन पीटरसनः
हालांकि अभी ये तय नहीं है कि 2018 में साउथ अफ्रीका के लिए खेलने के लिए उपलब्ध होने पर पीटरसन को ये मौका मिलेगा या नही. लेकिन अगर ऐसा होगा तो पीटरसन भी उन खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हो जाएंगे जिन्होंने अपने बोर्ड से मनमुटाव के बाद दूसरे देश से क्रिकेट खेली है. पीटरसन ने इंग्लैंड के लिए 104 टेस्ट मैचों में 23 सेंचुरी की मदद से 8423 रन बनाए हैं.
3. इयान मोर्गनः
टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम ने जिस इयान मोर्गन के नेतृत्व में फाइनल तक का सफर तय किया था, उन्होंने अपना करियर आयरलैंड की टीम के साथ शुरू किया था. जी हां, मोर्गन ने तो आयरलैंड की तरफ से वनडे में सेंचुरी भी जड़ी थी.मोर्गन की प्रतिभा से प्रभावित इंग्लैंड ने उन्हें अपने देश के लिए खेलने के लिए बुलाया. संयोग देखिए बाद में एक वनडे में मोर्गन ने अपने जन्म स्थान डबलिन में ही आयरलैंड के खिलाफ इंग्लैंड की तरफ से सेंचुरी जड़ते हुए उसे जीत दिलाई थी.
4. कैपलर वैसेल्सः
साउथ अफ्रीका में जन्में कैपलर वैसेल्स दो देशों के लिए वनडे और टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए 24 टेस्ट खेलने के बाद वह रंगभेद के कारण 15 साल के बैन के बाद 1992 में इंटरनेशनल क्रिकेट मे वापसी करने वाली साउथ अफ्रीका की टीम के कप्तान बने. इस तरह कभी ऑस्ट्रेलिया के लिए रन बनाने वाले वैसल्स ने साउथ अफ्रीका की तरफ से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन बनाए. जब कुछ लोगों ने वैसेल्स की निष्ठा पर सवाल उठाए तो उन्होंने कहा, 'मेरे अंदर और क्रिकेट खेलने की भूख थी.'
5. ल्यूक रोंचीः
न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज दो देशों के लिए खेलने वाले सबसे हालिया उदाहरण हैं. रोंची ने ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे और टी20 क्रिकेट खेली है. लेकिन गिलक्रिस्ट और ब्रैड हैडिन की मौजूदगी में उनके लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बनाना आसान नहीं था. इसलिए उन्होंने अपनी जन्मभूमि न्यूजीलैंड की तरफ से खेलने का फैसला किया और 2013 में न्यूजीलैंड के लिए पहला वनडे खेला. रोंची ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तरफ से खेलने वाले पहले क्रिकेटर हैं.
6. इफ्तिखार अली खान पटौदीः
मंसूर अली खान उर्फ टाइगर पटौदी के पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी इंग्लैंड और भारत की तरफ से टेस्ट खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं. उन्होंने कुछ छह टेस्ट मैच खेले, जिनमें से इंग्लैंड और भारत दोनों की तरफ से 3-3 टेस्ट मैच खेले. भारत के लिए वह सभी मैचों में कप्तान के तौर पर खेले. सीनियर पटौदी ने ये सभी टेस्ट मैच देश की आजादी से पहले (1932 से 1946 के दौरान) खेले.
टाइगर पटौदी के पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी भारत और इंग्लैंड दोनों देशों की तरफ से खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं |
महमूद और गेल की अलग कहानीः
1. क्रिस गेलः
गेल ने पेमेंट वेस्टइंडीज बोर्ड के साथ पेमेंट विवाद के बाद लंबे समय तक वेस्टइंडीज की तरफ से कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला. हालांकि गेल ने किसी और देश का रुख नहीं किया और अब भी वेस्टइंडीज के ही क्रिकेटर हैं. लेकिन अपने बोर्ड से विवाद के दौरान वह पिछले कई वर्षों से अपने देश की टीम से खेलने के बजाय ज्यादातर समय आईपीएल, बिग बैश और नेटवेस्ट ट्रोफी जैसे कई टूर्नामेंट्स में अपनी जोरदार बैटिंग से दुनिया भर में धूम मचाते रहे हैं. दुनिया के सबसे बेहतरीन टी20 बल्लेबाज माने जाने वाले गेल का अपने बोर्ड के साथ विवाद जारी है.
2. अजहर महमूदः
अजहर महमूद को कभी पाकिस्तान क्रिकेट के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक माना जाता था. लेकिन बाद में परफॉर्मेंस में गिरावट, बोर्ड के साथ मतभेद और बार-बार टीम से अंदर बाहर होने से परेशान महमूद ने पहले यूएई में क्रिकेट खेली और फिर विवादित इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़ गए. जिसके बाद पीसीबी ने उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया.इसके बाद 2011 में महमूद इंग्लैंड में काउंटी खेलने लगे. अब उन्हें ब्रिटेन की नागरिकता मिल चुकी है. एक इंग्लिश क्रिकेटर के तौर पर वह वह आईपीएल के भी दो सीजन खेल चुके हैं. हालांकि उन्हें कभी इंग्लैंड की नेशनल टीम से खेलने का मौका नहीं मिला.
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