चैंपियनों की एक ही निशानी होती है. वे न सिर्फ मुकाबले जीतते हैं, बल्कि प्रतिद्वंद्वी को रौंद के भी आते हैं. भाला फेंकते नीरज चोपड़ा का वीडियो जरा गौर से देखिए. लगेगा कि वे अपनी अलग ही दुनिया में हैं. नजर आ जाएगा कि वे सिर्फ खुद से ही मुकाबला कर रहे हैं. और आत्मविश्वास ऐसा कि भाला फेंकने के बाद वे मुड़कर भी नहीं देखते. मानो पता हो कि वो कहां जाएगा. नीरज के हौंसलों में इतना दम था कि, जहां उनका भाला 87.58 मीटर पर जाकर गिरा. वहीं वर्ल्ड रिकार्ड धारक जर्मनी के जोहनस वेटर अपना भाला 82 मीटर से आगे नहीं फेंक पाए.
Tokyo Olympic 2021 में गोल्ड मेडल की आस लगाए भारत को आखिरकार बड़ी कामयाबी मिल ही गई. स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास तो रचा ही साथ ही उन्होंने एथलेटिक्स में मेडल लाने का 121 साल के इंतजार को विराम दे दिया है. नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया है. नीरज का खेल कैसा था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय करते हुए गोल्ड पर कब्जा किया है. दिन की शुरुआत से ही नीरज का खेल धमाकेदार रहा. नीरज ने पहले अटेम्प्ट में 87.03 मीटर और अपने दूसरे अटेम्प्ट में 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंका. मैच में दूसरा मुकाम हासिल करने वाले चेक के जाकुब वेदचेव मेडल के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. 86.67 देकर जाकुब ने अपना बेस्ट दिया और जैवलिन के सिल्वर पर कब्जा जमाया. ब्रॉन्ज भी चेक को ही मिला है 85.44 मीटर थ्रो के साथ चेक के ही वितेस्लाव वेसेली ने ब्रॉन्ज हासिल किया.
माना जा रहा है कि नीरज के इस बेमिसाल प्रदर्शन की बदौलत ये भारत का ओलंपिक में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. टोक्यो ओलंपिक में भारत ने कुल 7 पदक...
चैंपियनों की एक ही निशानी होती है. वे न सिर्फ मुकाबले जीतते हैं, बल्कि प्रतिद्वंद्वी को रौंद के भी आते हैं. भाला फेंकते नीरज चोपड़ा का वीडियो जरा गौर से देखिए. लगेगा कि वे अपनी अलग ही दुनिया में हैं. नजर आ जाएगा कि वे सिर्फ खुद से ही मुकाबला कर रहे हैं. और आत्मविश्वास ऐसा कि भाला फेंकने के बाद वे मुड़कर भी नहीं देखते. मानो पता हो कि वो कहां जाएगा. नीरज के हौंसलों में इतना दम था कि, जहां उनका भाला 87.58 मीटर पर जाकर गिरा. वहीं वर्ल्ड रिकार्ड धारक जर्मनी के जोहनस वेटर अपना भाला 82 मीटर से आगे नहीं फेंक पाए.
Tokyo Olympic 2021 में गोल्ड मेडल की आस लगाए भारत को आखिरकार बड़ी कामयाबी मिल ही गई. स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास तो रचा ही साथ ही उन्होंने एथलेटिक्स में मेडल लाने का 121 साल के इंतजार को विराम दे दिया है. नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया है. नीरज का खेल कैसा था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय करते हुए गोल्ड पर कब्जा किया है. दिन की शुरुआत से ही नीरज का खेल धमाकेदार रहा. नीरज ने पहले अटेम्प्ट में 87.03 मीटर और अपने दूसरे अटेम्प्ट में 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंका. मैच में दूसरा मुकाम हासिल करने वाले चेक के जाकुब वेदचेव मेडल के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. 86.67 देकर जाकुब ने अपना बेस्ट दिया और जैवलिन के सिल्वर पर कब्जा जमाया. ब्रॉन्ज भी चेक को ही मिला है 85.44 मीटर थ्रो के साथ चेक के ही वितेस्लाव वेसेली ने ब्रॉन्ज हासिल किया.
माना जा रहा है कि नीरज के इस बेमिसाल प्रदर्शन की बदौलत ये भारत का ओलंपिक में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. टोक्यो ओलंपिक में भारत ने कुल 7 पदक हासिल किए हैं जिसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
नीरज का गोल्ड भारत के लिए बड़ी उपलब्धि इसलिए भी है क्योंकि 13 साल बाद ऐसा हुआ है जब भारत को किसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल हुआ है. पूर्व में 2008 में बीजिंग ओलंपिक में शूटर अभिनव बिंद्रा ने भारत को गोल्ड मेडल दिलवाया था. बिंद्रा को पदक 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में हासिल हुआ था.
ध्यान रहे कि नीरज के इस गोल्ड के साथ ओलंपिक खेलों में भारत कुल 10 पदक हासिल करने में कामयाब हुआ है. पूर्व में भारत हॉकी में 8 और शूटिंग में 1 गोल्ड जीत चुका है. नीरज का पदक उनके लिए इसलिए भी खास है क्योंकि किसी इंडीविजुअल इवेंट में भारत का ये दूसरा पदक है.
माना जा रहा है कि नीरज का ये गोल्ड उन सभी खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा जो ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में लगातार मेहनत कर रहे हैं. ध्यान रहे कि ट्रैक एंड फील्ड इवेंट का शुमार हमेशा ही ओलंपिक के मेन अट्रैक्शन होते हैं. नीरज आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं वो एक देश के रूप में भारत के लिए इसलिए भी बड़ी उपलब्धि है क्यों कि इससे पहले कोई भी भारतीय एथलीट इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाया था.
क्या नीरज के इस गोल्ड की बदौलत भारत में एथलेटिक्स नए कीर्तिमान स्थापित करेगी? क्या आने वाले वक्त में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में भारत और पदक हासिल करेगा? क्या भारत में खेलों और खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल है? सवाल तमाम हैं जिनका जवाब हमें उन प्रतिक्रियाओं ने दे दिया है जो इस समय ट्विटर और फेसबुक पर तैर रही हैं. आइये नजर डालें उन प्रतिक्रियाओं पर जो भारत द्वारा गोल्ड हासिल करने के बाद सोशल मीडिया पर बज बनाती नजर आ रही हैं.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर नीरज चोपड़ा को बधाई दी है और इसे भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है. थरूर ने लिखा है कि, नीरज चोपड़ा, जो पहले दौर की शुरुआत के बाद से शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं, ने भारत को स्वतंत्रता के बाद अपना पहला एथलेटिक्स दिलाया है.
नीरज के इस गोल्ड के बाद पूरा देश गदगद है और लगातार बधाइयां आ रही हैं.
वीडियो में साफ़ है कि नीरज आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं वो कीर्तिमान स्थापित करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. मुकाबला वाक़ई बहुत टफ था.
जैसा कि हम बता चुके हैं मेडल के बाद बधाई संदेशों का तांता लगा हुआ है.सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि जैवलिन थ्रो में शानदार जीत हासिल कर भारत को प्रथम स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा को इस ऐतिहासिक विजय की हार्दिक बधाई.
पडोसी मुल्क पाकिस्तान से प्रतिक्रिया, खासकर नीरज के साथ एथलीट नदीम की बात...
नीरज की इस जीत पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लोग कह रहे हैं कि नीरज का प्रदर्शन कई मायनों में तारीफ के काबिल है. इसमें उल्लेखनीय है पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम की प्रतिक्रिया, जो टोक्यो आलंपिक के जेवलिन थ्रो मुकाबले का हिस्सा थे. उन्होंने भी नीरज के साथ फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था. पाकिस्तान को उनसे मैडल की उम्मीद थी, लेकिन निराशा हाथ लगी. वे 84.62 मीटर तक ही भाला फेंक पाए, और पांचवे स्थान पर रहे. उन्होंने ट्विटर पर आकर नीरज चोपड़ा को बधाई दी. साथ ही खुद मैडल न जीत पाने के लिए पाकिस्तानियों से माफी मांगी. हालांकि, ये ट्वीट नदीम ने बाद में डिलीट कर दिया, और इसकी जगह अगला ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने नीरज को बधाई देने के साथ अगले ओलंपिक में फिर उतरने की बात कही.
नीरज को पाकिस्तानी खेल पत्रकार और यूट्यूबर सवेरा पाशा ने भी बधाई भेजी. साथ ही अरशद नदीम को हौंसला रखने के लिए भी कहा.
लंबे इंतजार के बाद गोल्ड आना भारत के लिए वाक़ई बहुत बड़ी उपलब्धि है और लोगों का जश्न मानना स्वाभाविक है. इस गोल्ड के लिए हम नीरज की जितनी तारीफें करें वो इसलिए भी कम हैं क्योंकि उन्होंने एक ऐसे स्पोर्ट्स में कीर्तिमान स्थापित किया है जिसका भारत में कोई नाम लेने वाला ही नहीं है. कहना गलत नहीं है कि नीरज के इस प्रदर्शन के बाद हममें से तमाम लोग होंगे जिन्हें शायद ही पता हो कि जैवलिन थ्रो जैसा कोई खेल भी है.
हम फिर इस बात को दोहराना चाहेंगे कि नीरज के इस गोल्ड ने न केवल भारत का नाम विश्व पटल पर रौशन किया है. बल्कि इस गोल्ड की बदौलत भारतीय खिलाडियों के लिए नयी संभावनाएं खुल गयीं हैं. कुल मिलाकर नीरज के इस गोल्ड ने भारतीय खिलाड़ियों को दिशा दे दी है.
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