किसी भी खेल में जीत एक रोमांच भर देती है. बात टेनिस की हो तो जीतने वाला खिलाड़ी कुछ एक बॉल दर्शकों की तरफ हिट कर देता है और रोमांच ग्रैंड स्लैम का हो तो सीधे रैकेट को ही भीड़ की तरफ उछाल देता है. वहीं फुटबॉल में गोल मार दिया तो कपड़े उतार कर साथी खिलाड़ियों से दूर भागने लगता है और बाकी टीम उसे लपकने के लिए पीछे-पीछे. खेल और जीत फॉर्मूला वन की हो तो शैम्पेन की बोतल से खुद और चाहने वालों को नहलाकर रोमांच प्रदर्शित हो जाता है. और अब बात क्रिकेट की तो सौरव गांगूली कपड़े उतारकर उत्तेजना को जाहिर कर देतें हैं या बाकी खिलाड़ी स्टंप और गिल्ली लपकने के लिए दौड़ जाते हैं.
विवाद तब शुरू होता है जब लॉर्ड्स के मैैदान पर जीत के बाद जाहिर ऐसा रोमांच जहां पाकिस्तान के खिलाड़ी खुशी से पुश-अप करना शुरू कर देते हैं. हाल में इंग्लैंड दौर पर पाकिस्तान को जब मैच में जीत मिली, पूरी टीम भरे स्टेडिम में मैच खत्म होते ही पुशअप करने लगती.
जीत पर पुशअप जेनटलमैन एक्ट नहीं |
जीत की खुशी जाहिर करने का यह तरीका पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को रास नहीं आ रहा. बोर्ड ने कहा कि पाकिस्तान की टीम जीत के बाद पुशअप कर देश के नाम को खराब कर रही है. बोर्ड खिलाड़ियों को याद दिला रही है कि क्रिकेट एक जैनटलमैन गेम है और उसे एक जेनटलमैन की तरह खेला जाना चाहिए और हार और जीत पर प्रतिक्रिया भी जेनटलमैन की तरह देना चाहिए.
बोर्ड ने अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए ये भी कहा कि यदि खिलाड़ी चाहें तो वह जीत के बाद मैदान में नफ्ल की नमाज (अतिरिक्त) अदा करें या सजदा किया करें. बोर्ड इसे जेनटलमैन कृत कह रहा है लेकिन पुशअप मारना उन्हें पूरी तरह से नागवार...
किसी भी खेल में जीत एक रोमांच भर देती है. बात टेनिस की हो तो जीतने वाला खिलाड़ी कुछ एक बॉल दर्शकों की तरफ हिट कर देता है और रोमांच ग्रैंड स्लैम का हो तो सीधे रैकेट को ही भीड़ की तरफ उछाल देता है. वहीं फुटबॉल में गोल मार दिया तो कपड़े उतार कर साथी खिलाड़ियों से दूर भागने लगता है और बाकी टीम उसे लपकने के लिए पीछे-पीछे. खेल और जीत फॉर्मूला वन की हो तो शैम्पेन की बोतल से खुद और चाहने वालों को नहलाकर रोमांच प्रदर्शित हो जाता है. और अब बात क्रिकेट की तो सौरव गांगूली कपड़े उतारकर उत्तेजना को जाहिर कर देतें हैं या बाकी खिलाड़ी स्टंप और गिल्ली लपकने के लिए दौड़ जाते हैं.
विवाद तब शुरू होता है जब लॉर्ड्स के मैैदान पर जीत के बाद जाहिर ऐसा रोमांच जहां पाकिस्तान के खिलाड़ी खुशी से पुश-अप करना शुरू कर देते हैं. हाल में इंग्लैंड दौर पर पाकिस्तान को जब मैच में जीत मिली, पूरी टीम भरे स्टेडिम में मैच खत्म होते ही पुशअप करने लगती.
जीत पर पुशअप जेनटलमैन एक्ट नहीं |
जीत की खुशी जाहिर करने का यह तरीका पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को रास नहीं आ रहा. बोर्ड ने कहा कि पाकिस्तान की टीम जीत के बाद पुशअप कर देश के नाम को खराब कर रही है. बोर्ड खिलाड़ियों को याद दिला रही है कि क्रिकेट एक जैनटलमैन गेम है और उसे एक जेनटलमैन की तरह खेला जाना चाहिए और हार और जीत पर प्रतिक्रिया भी जेनटलमैन की तरह देना चाहिए.
बोर्ड ने अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए ये भी कहा कि यदि खिलाड़ी चाहें तो वह जीत के बाद मैदान में नफ्ल की नमाज (अतिरिक्त) अदा करें या सजदा किया करें. बोर्ड इसे जेनटलमैन कृत कह रहा है लेकिन पुशअप मारना उन्हें पूरी तरह से नागवार है.
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यह फैसला बोर्ड ने तब लिया जब नवाज शरीफ की पार्टी के सांसद राना अफजल खान मे पार्लियामेंट की स्पोर्ट्स कमेटी में टीम के पुशअप पर आपत्ति जताई. बोर्ड ने पार्लियामेंट को जवाब में कहा है कि टीम भविष्य में किसी मैच के बाद पुशअप नहीं करेगी.
पाकिस्तान क्रिकेट में जीत के बाद पुशअप मारने की शुरुआत टेस्ट कप्तान मुसबाह उल हक ने इसी साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ सेंचुरी मारने के साथ की थी. फिर हाल में खत्म हुए इंग्लैंड दौरे के दौरान टीम ने लॉर्ड्स में जीत के बाद स्टेडियम में पुशअप किया.
जीत पर कप्तान को फौजी सलामी |
इसके अलावा लॉर्ड्स के मैदान पर जीत के बाद पाकिस्तानी टीम ने सैनिकों की तरह कप्तान को सलामी भी दी. इस तरह खेल के मैदान पर फौजी सलामी देने के लिए इंग्लैंड की मीडिया ने पाकिस्तान टीम को जमकर आलोचना की. इसके अलावा भी लॉर्ड्स स्टेडियम में मौजूद अंग्रेज दर्शकों को जीत पर पाकिस्तान टीम द्वारा दी गई सलामी रास नहीं आई.
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इंग्लैंड के अखबार में प्रकाशित हो रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान टीम ने इंग्लैंड के दौरे से पहले आर्मी अटैचमेंट लिया था. इस अटैचमेंट में इनकी ट्रेनिंग सेना के अफसरों ने की थी. ट्रेनिंग के साथ-साथ पाक सेना ने खिलाडियों को जेनटलमैन खिलाड़ी बनाने की भी ट्रेनिंग दी थी. इसी ट्रेनिंग का असर था कि इग्लैंड दौरे पर गई पाकिस्तान टीम सभी जीत के बाद पुशअप कर टीम की खुशी का इजहार करने की शुरूआत की थी.
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