भारतीय हॉकी के जाने माने खिलाड़ी मो. शाहिद का गुड़गांव के मेदान्ता अस्पताल में निधन हो गया. पेट की गंभीर बीमारी की वजह से भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान को यहां भर्ती कराया गया था.
80 के दशक के सुपरस्टार 80 के दशक में जब क्रिकेट स्टार कपिल देव का उदय हुआ था तब मो. शाहिद के दीवानों की कमी नहीं थी. आक्रामक हॉकी खेलने वाले मो शाहिद की ड्रिब्लिंग का हर कोई लोहा मानत था.
मोहम्मद शाहिद, पूर्व हॉकी कप्तान |
अपने बेहतरीन हॉकी से सबका दिल जीतने वाले शाहिद मैदान पर तो चमके ही मैदान के बाहर भी उन्हें खूब सम्मान मिला.
1980 चैंपियंस ट्रॉफी में शाहिद को बेस्ट फॉरवर्ड प्लेयर के अवॉर्ड से नवाजा गया. 1980 में मास्को में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के वो सदस्य रहे और 1982 के एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल और 1986 के एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के भी वो अहम सदस्य थे.
1985-86 के दौरान मो शाहिद ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली. मो. शाहिद को उनकी उपलब्धियों के लिए 1980-81 में अर्जुन पुरस्कार और 1986 में पद्मश्री से नवाजा गया. 56 साल के शाहिद ने इंटरनेशनल हॉकी में खूब नाम कमाया मगर वक्त ने उन्हें आज वहां पहुंचा दिया है जहां वो जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रहे हैं.
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