न्यूजीलैंड के दौरे पर गई भारतीय टीम ने दोनों देशों के बीच हो रही 5 मैचों की वन डे सीरीज में से 3 मैच जीत लिए हैं और सीरीज पर कब्जा कर लिया है. अब आने वाले दो मैच भले ही न्यूजीलैंड जीत जाए, लेकिन उसकी हार तो हो ही चुकी है. हैमिल्टन और वेलिंगन में होने वाले आगामी दो मैचों से सिर्फ ये साफ होगा कि न्यूजीलैंड दोनों मैच जीतकर सम्मानजनक हार के साथ खेल खत्म करती है या फिर भारत सारे मैच जीतकर प्रचंड जीत दर्ज करता है. हालांकि, अगर हैमिल्टन और वेलिंगन के पुराने रिकॉर्ड पर नजर डालें तो ये भारत को बेहद राहत पहुंचाने वाला दिखता है.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस सीरीज का चौथा वन डे मैच 31 जनवरी को हैमिल्टन के सेड्डन पार्क में होगा, जबकि पांचवां और आखिरी मैच वेलिंगटन के वेस्टपैक स्टेडियम में होना है. इन दोनों का ही पिछला रिकॉर्ड दिखाता है कि इनमें से किसी भी जगह पर न्यूजीलैंड का ऐसा दबदबा नहीं रहा है, जिसके चलते ये कहा जा सके कि इनमें न्यूजीलैंड की जीत हो सकती है. जबकि अगर पिछले रिकॉर्ड को भारत के संदर्भ में देखा जाए तो यूं लग रहा है कि आने वाले दो मैचों में से कम से कम वेलिंगटन में होने वाला मैच तो भारत ही जीतेगा.
हैमिल्टन ही कीवियों को शर्मनाक हार से बचा सकता है!
आने वाले दो मैचों में सिर्फ हैमिल्टन ही है, जहां पर न्यूजीलैंड के जीतने की उम्मीद है. ये उम्मीद भी पिछले रिकॉर्ड के आधार पर लगाई जा रही है. हैमिल्टन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच अब तक कुल 5 वन डे मैच हुए हैं, जिनमें 4 न्यूजीलैंड जीता है, जबकि भारत सिर्फ एक ही मैच जीत सका है. हालांकि, न्यूजीलैंड की धरती पर कीवियों से अब तक हुई सारी वन डे सीरीज में भी भारत एक ही जीता...
न्यूजीलैंड के दौरे पर गई भारतीय टीम ने दोनों देशों के बीच हो रही 5 मैचों की वन डे सीरीज में से 3 मैच जीत लिए हैं और सीरीज पर कब्जा कर लिया है. अब आने वाले दो मैच भले ही न्यूजीलैंड जीत जाए, लेकिन उसकी हार तो हो ही चुकी है. हैमिल्टन और वेलिंगन में होने वाले आगामी दो मैचों से सिर्फ ये साफ होगा कि न्यूजीलैंड दोनों मैच जीतकर सम्मानजनक हार के साथ खेल खत्म करती है या फिर भारत सारे मैच जीतकर प्रचंड जीत दर्ज करता है. हालांकि, अगर हैमिल्टन और वेलिंगन के पुराने रिकॉर्ड पर नजर डालें तो ये भारत को बेहद राहत पहुंचाने वाला दिखता है.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस सीरीज का चौथा वन डे मैच 31 जनवरी को हैमिल्टन के सेड्डन पार्क में होगा, जबकि पांचवां और आखिरी मैच वेलिंगटन के वेस्टपैक स्टेडियम में होना है. इन दोनों का ही पिछला रिकॉर्ड दिखाता है कि इनमें से किसी भी जगह पर न्यूजीलैंड का ऐसा दबदबा नहीं रहा है, जिसके चलते ये कहा जा सके कि इनमें न्यूजीलैंड की जीत हो सकती है. जबकि अगर पिछले रिकॉर्ड को भारत के संदर्भ में देखा जाए तो यूं लग रहा है कि आने वाले दो मैचों में से कम से कम वेलिंगटन में होने वाला मैच तो भारत ही जीतेगा.
हैमिल्टन ही कीवियों को शर्मनाक हार से बचा सकता है!
आने वाले दो मैचों में सिर्फ हैमिल्टन ही है, जहां पर न्यूजीलैंड के जीतने की उम्मीद है. ये उम्मीद भी पिछले रिकॉर्ड के आधार पर लगाई जा रही है. हैमिल्टन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच अब तक कुल 5 वन डे मैच हुए हैं, जिनमें 4 न्यूजीलैंड जीता है, जबकि भारत सिर्फ एक ही मैच जीत सका है. हालांकि, न्यूजीलैंड की धरती पर कीवियों से अब तक हुई सारी वन डे सीरीज में भी भारत एक ही जीता था, लेकिन इस बार फिर से जीत दर्ज कर ली है. ऐसे में भले ही हैमिल्टन में न्यूजीलैंड अधिक बार जीता है, लेकिन भारत भी इस मैच को जीतने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
वेलिंगटन में तो न्यूजीलैंड की हार तय ही समझिए!
अगर वेलिंगटन का पुराना रिकॉर्ड देखें तो पता चलता है कि यहां पर दोनों देशों के बीच कुल 3 मैच हुए हैं. इनमें से दो में भारत जीता है और एक मैच बेनतीजा रहा है. यानी एक तरह से ये तो साफ है कि यहां पर अब तक भारत का दबदबा रहा है. यहां 1990 और 1994 में हुए मैच भारत ने जीते, जबकि सीरीज नहीं जीत सका. जब ऐसी स्थितियों में भारत ने यहां मैच जीत लिए तो इस बार तो सीरीज पर पहले से ही भारत का कब्जा हो चुका है, टीम का मनोबल सातवें आसमान पर है, अब इस स्थिति में तो न्यूजीलैंड का हारना तय ही समझिए.
हैमिल्टन में होने वाले चौथे वन डे मैच में ही न्यूजीलैंड के सामने जीतने का एक मौका दिखता है, लेकिन शुरुआती 3 मैच हारने और सीरीज गंवा बैठने के चलते खिलाड़ियों पर जो दबाव बन गया है, वह शायद ही उन्हें जीतने दे. इतनी बुरी हार से न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों का मनोबल काफी टूट चुका है और सीरीज गंवाने के बाद सोशल मीडिया से लेकर वास्तविक दुनिया तक में कीवियों की आलोचना होने लगी है. पूर्व खिलाड़ी भी ताने मारते दिख रहे हैं. न्यूजीलैंड की पुलिस तो दो मैचों में कीवियों की हार के बाद ही एक ऐसी फेसबुक पोस्ट कर चुकी है, जो उनका मनोबल तोड़ने के लिए काफी थी. अगर सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाए तो यही लगता है कि आने वाले दोनों मैच तो न्यूजीलैंड नहीं जीत पाएगा, या हो सकता है कि शायद हैमिल्टन में होने वाला मैच कीवियों के हक में चला जाए.
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