भले ही क्रिकेट में बहुत सी चीजें पूर्वनियोजित और पूर्व निर्धारित नहीं होतीं लेकिन बावजूद इसके तमाम चीजें ऐसी होती हैं जो बता देती हैं कि टूर्नामेंट खेलने गयी टीम मैच जीत पाएगी या नहीं. प्लेयिंग इलेवन का भी मामला कुछ कुछ ऐसा ही है. शिखर धवन के नेतृत्व में न्यूजीलैंड से वनडे मैच खेलने जा रही टीम को देखकर एक बार लगा था कि कुछ बड़ा होगा और भारत मुकाबला जीत लेगा. ये सिर्फ एक विचार था. इस विचार पर किसी का पुख्ता यकीन इसलिए भी नहीं था क्योंकि इस टीम का हिस्सा ऋषभ पंत भी थे. अब इसे भाग्य कहें या बीसीसीआई के कुछ लोगों का रहमों करम ख़राब फॉर्म होने के बावजूद ऋषभ पंत को मौका दिया गया और उन्होंने वही किया जिसके लिए हालिया कुछ दिनों में उनकी आलोचना हो रही है.
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मुकाबले में जिस तरफ ऋषभ ने अपने प्रदर्शन से निराश किया है. तमाम तरह के सवाल एक बार फिर उठने शुरू हो गए हैं. भारत को जिस तरह पहले ही मुकाबले में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स ऐसे हैं जो इस बात को लेकर एकमत हैं कि 25 साल के ऋषभ पंत एक ऐसे बोझ हैं जिसका खामियाजा पूरी भारतीय टीम को भुगतना पड़ रहा है.
ध्यान रहे कि बेहद ख़राब फॉर्म होने के बावजूद ऋषभ पंत को टी 20 से लेकर वन-डे और टेस्ट तक बार बार मौके दिए गए लेकिन ऋषभ ने तो जैसे कसम ही खा ली है कि अपने चलते वो पूरी टीम को बर्बाद करके छोड़ेंगे. न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मैच में तो पंत ने हद ही कर दी. बल्लेबाजी को अगर एक बार के लिए दरकिनार कर भी दिया जाए तो जिस चीज के लिए ऋषभ को टीम में लाया गया यानी विकेट कीपिंग उसमें भी ऋषभ ऐसा कुछ नहीं कर पाए जिसे देखकर ये कहा जाए...
भले ही क्रिकेट में बहुत सी चीजें पूर्वनियोजित और पूर्व निर्धारित नहीं होतीं लेकिन बावजूद इसके तमाम चीजें ऐसी होती हैं जो बता देती हैं कि टूर्नामेंट खेलने गयी टीम मैच जीत पाएगी या नहीं. प्लेयिंग इलेवन का भी मामला कुछ कुछ ऐसा ही है. शिखर धवन के नेतृत्व में न्यूजीलैंड से वनडे मैच खेलने जा रही टीम को देखकर एक बार लगा था कि कुछ बड़ा होगा और भारत मुकाबला जीत लेगा. ये सिर्फ एक विचार था. इस विचार पर किसी का पुख्ता यकीन इसलिए भी नहीं था क्योंकि इस टीम का हिस्सा ऋषभ पंत भी थे. अब इसे भाग्य कहें या बीसीसीआई के कुछ लोगों का रहमों करम ख़राब फॉर्म होने के बावजूद ऋषभ पंत को मौका दिया गया और उन्होंने वही किया जिसके लिए हालिया कुछ दिनों में उनकी आलोचना हो रही है.
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मुकाबले में जिस तरफ ऋषभ ने अपने प्रदर्शन से निराश किया है. तमाम तरह के सवाल एक बार फिर उठने शुरू हो गए हैं. भारत को जिस तरह पहले ही मुकाबले में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स ऐसे हैं जो इस बात को लेकर एकमत हैं कि 25 साल के ऋषभ पंत एक ऐसे बोझ हैं जिसका खामियाजा पूरी भारतीय टीम को भुगतना पड़ रहा है.
ध्यान रहे कि बेहद ख़राब फॉर्म होने के बावजूद ऋषभ पंत को टी 20 से लेकर वन-डे और टेस्ट तक बार बार मौके दिए गए लेकिन ऋषभ ने तो जैसे कसम ही खा ली है कि अपने चलते वो पूरी टीम को बर्बाद करके छोड़ेंगे. न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मैच में तो पंत ने हद ही कर दी. बल्लेबाजी को अगर एक बार के लिए दरकिनार कर भी दिया जाए तो जिस चीज के लिए ऋषभ को टीम में लाया गया यानी विकेट कीपिंग उसमें भी ऋषभ ऐसा कुछ नहीं कर पाए जिसे देखकर ये कहा जाए कि इस खिलाडी को टीम का हिस्सा होना चाहिए.
ऑकलैंड में हुए मुकाबले में 23 गेंदों पर ऋषभ पंत का 15 रन बनाना इस बात की पुष्टि कर देता है कि अगर सेलेक्टर्स और बीसीसीआई बार बार उन पर दांव लगा रही है तो ये एक बेकार की मेहनत है. अब वो वक़्त आ गया है जब ऋषभ पंत को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उन लोगों को मौका देना चाहिए जो इस आस पर बेंच पर बैठे हैं कि आज नहीं तो कल उन्हें सेलेक्टर्स जरूर मौका देंगे.
ऋषभ की परफॉरमेंस से तमाम भारतीय क्रिकेट प्रेमी आहत हैं जिसका सीधा असर हमें सोशल मीडिया पर भी दिखाई दे रहा है. ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गयी है. यदि उन रिएक्शंस को देखें और उसका अवलोकन करें तो जैसा जनता का रुख है अब ऋषभ को स्वेच्छा से घर चले जाना चाहिए.
जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं ऑकलैंड में न्यूजीलैंड द्वारा मुंह की खाने का जिम्मेदार ऋषभ पंत को माना जा रहा है. दर्शक खफा हैं लेकिन जैसे हाल हैं सेलेक्टर्स को इसकी कोई परवाह नहीं है. वो पंत को बार बार लगातार मौके दे रहे हैं और पंत अपने से जुड़ी आपदा को अवसर में नहीं परिवर्तित कर पा रहे हैं.
सवाल ये है कि आखिर भाग्य यूं इस तरह पंत पर कब तक मेहरबान रहता है? वो इस बच्चों जैसी परफॉरमेंस के बलबूते कब तक टीम में बने रहते हैं? पंत, उनके गेम, उनकी परफॉरमेंस से जुड़े सवाल तमाम हैं जवाब हमें सिर्फ वक़्त ही देगा तब तक हमें इंतजार करना होगा.
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