क्या राजस्थान क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष होंगे 22 वर्षीय रुचिर मोदी? ये चर्चा हर तरफ है क्योंकि रुचिर मोदी ने ठीक उसी तरह से राजस्थान क्रिकेट में एंट्री मारी है जिस तरह से उनके पिता और वर्तमान में राजस्थान क्रिकेट संघ अध्यक्ष ललित मोदी ने नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर एंट्री मारी थी. राजस्थान के अलवर जिले के क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर रुचिर मोदी की ताजपोशी हुई है. मगर राजस्थान सरकार ने और राजस्थान क्रिकेट संघ ने ये बात 20 दिनों क्यों छुपा कर रखी ये हर किसी की जुबान पर है.
आरसीए के सचिव सोमेंद्र तिवारी के अनुसार 23 अगस्त को अलवर जिला संघ में हुए चुनाव में रुचिर मोदी अध्यक्ष पद पर जीते हैं. हैरत की बात है कि किसी को कानों कान खबर नहीं हुई और रुचिर मोदी चुनाव जीत भी गए. आईपीएल के पूर्व कमिश्नर की इस गुगली से बीसीसीआई भी सकते में है. पहली बार अलवर को देखा, जमीन खरीदी और जिला क्रिकेट का अध्यक्ष बन गए. हालांकि कुछ हो रहा है इसके कयास तो लग रहे थे क्योंकि 21 जुलाई राजस्थान क्रिकेट संघ के जयपुर दफ्तर में रुचिर मोदी पहुंचे थे. पर ये किसी को भी न पता चल सका कि रुचिर मोदी राजस्थान क्रिकेट का हिस्सा बनेंगे.
अपने पिता ललित मोदी के साथ रुचिर मोदी |
किसी भी जिला के अध्यक्ष पद पर चुनाव जीतने के लिए उस जिले में जमीन होनी जरुरी है और रुचिर मोदी ने भी अलवर में जमीन खरीदी है. हालांकि रुचिर मोदी का अपने पिता के साथ जयपुर में मैच देखने आने के अलावा राजस्थान क्रिकेट से कोई जुड़ाव नहीं रहा है. ये आरसीए से सचिव सोमेंद्र तिवारी भी मानते हैं. आरसीए के अनुसार रुचिर फिलहाल ग्रेजुएशन कर मुंबई में रह रहे हैं और कोई काम नहीं कर रहे हैं....
क्या राजस्थान क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष होंगे 22 वर्षीय रुचिर मोदी? ये चर्चा हर तरफ है क्योंकि रुचिर मोदी ने ठीक उसी तरह से राजस्थान क्रिकेट में एंट्री मारी है जिस तरह से उनके पिता और वर्तमान में राजस्थान क्रिकेट संघ अध्यक्ष ललित मोदी ने नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर एंट्री मारी थी. राजस्थान के अलवर जिले के क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर रुचिर मोदी की ताजपोशी हुई है. मगर राजस्थान सरकार ने और राजस्थान क्रिकेट संघ ने ये बात 20 दिनों क्यों छुपा कर रखी ये हर किसी की जुबान पर है.
आरसीए के सचिव सोमेंद्र तिवारी के अनुसार 23 अगस्त को अलवर जिला संघ में हुए चुनाव में रुचिर मोदी अध्यक्ष पद पर जीते हैं. हैरत की बात है कि किसी को कानों कान खबर नहीं हुई और रुचिर मोदी चुनाव जीत भी गए. आईपीएल के पूर्व कमिश्नर की इस गुगली से बीसीसीआई भी सकते में है. पहली बार अलवर को देखा, जमीन खरीदी और जिला क्रिकेट का अध्यक्ष बन गए. हालांकि कुछ हो रहा है इसके कयास तो लग रहे थे क्योंकि 21 जुलाई राजस्थान क्रिकेट संघ के जयपुर दफ्तर में रुचिर मोदी पहुंचे थे. पर ये किसी को भी न पता चल सका कि रुचिर मोदी राजस्थान क्रिकेट का हिस्सा बनेंगे.
अपने पिता ललित मोदी के साथ रुचिर मोदी |
किसी भी जिला के अध्यक्ष पद पर चुनाव जीतने के लिए उस जिले में जमीन होनी जरुरी है और रुचिर मोदी ने भी अलवर में जमीन खरीदी है. हालांकि रुचिर मोदी का अपने पिता के साथ जयपुर में मैच देखने आने के अलावा राजस्थान क्रिकेट से कोई जुड़ाव नहीं रहा है. ये आरसीए से सचिव सोमेंद्र तिवारी भी मानते हैं. आरसीए के अनुसार रुचिर फिलहाल ग्रेजुएशन कर मुंबई में रह रहे हैं और कोई काम नहीं कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि क्या अब राजस्थान क्रिकेट का जयपुर दफ्तर लंदन से वाया मुंबई चलेगा. अब तक ललित मोदी वीडियो काफ्रेंसिंग के जरीए लंदन से आरसीए को चलाते आ रहे हैं.
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दो महीने में अलवर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने रुचिर मोदी
महज दो महीने में रुचिर मोदी अलवर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बन गए. अलवर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बनने के लिए रुचिर मोदी की जमीन अलवर में होना जरुरी था इसलिए रुचिर ने अलवर में जमीन तो खरीदी मगर अलवर से दूर, ताकि किसी को पता न चल सके. अलवर के राजगढ़ कस्बे के करोठा गांव के खेती की भूमि के खसरा नंबर 88 में कुछ अवैध प्लाटिंग की गई थी. उसी में 177 गज का एक प्लाट 3 लाख 93 हजार में रुचिर ने खरीदी है. ये 20 जुलाई 2016 को बाबूलाल से रजिस्ट्री करवाई है इसमें रुचिर ने अपना पता दिया है निवासी आनंद 41, गांधी ग्राम रोड जूहु मुंबई का. लोगों के अनुसार रुचिर 20 जुलाई को मुंबई से दिल्ली प्लेन से आए और फिर आठ-दस गाड़ियों के साथ रजिस्ट्री कराने आए थे. उसी दिन अलवर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भी भर दिया था. फिर निर्विरोध चुनाव हो गए और किसी को कानो-कान खबर भी नहीं हुई.
अलवर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बनने के लिए रुचिर की जमीन अलवर में होना जरुरी था इसलिए रुचिर ने अलवर में जमीन खरीदी |
कौन हैं रुचिर मोदी
ललित मोदी और मीनल मोदी के बेटे हैं रुचिर मोदी. अपने पिता की तरह ही वो भी अपने फ्लेमब्वायंट ईमेज को लेकर चर्चित रहे हैं. पार्टियों में इनकी मस्ती और लड़कियों के साथ इनके फोटोग्राफ हमेशा सुर्खियां बनती है. पिछले साल तो मुंबई पुलिस में हड़कंप मच गया था जब रुचिर मोदी भारी-भरकम सुरक्षा लवाजमे के साथ गाड़ियों के काफिले के साथ निकले थे. ग्रेजुएशन करने के बाद से कुछ नहीं कर रहे हैं तो पिता ने क्रिकेट में इनका भविष्य संवारने के लिए जरुरी कदम उठाया है.
पार्टियों में मस्ती और लड़कियों के साथ इनके फोटो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं |
रुचिर के राजस्थान क्रिकेट में आने की वजहें
ऐसा कहा जा रहा है कि ललित मोदी पर देश से भागने और गबन के आरोपों के बावजूद राजस्थान क्रिकेट संघ पर ललित मोदी के अध्यक्ष पद पर बने रहने की वजह से बीसीसीआई ने आरसीए की मान्यता रद्द कर रखी है. मोदी ने भी अपनी जान पर खतरा बताते हुए भारत आने से मना कर दिया है. लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार राजस्थान क्रिकेट का चुनाव 15 नवंबर तक जरुरी है. ऐसे में ललित मोदी के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं. माना जा रहा है कि इसलिए रुचिर मोदी को आरसीए का अध्यक्ष बनाकर बीसीसीआई से आरसीए की मान्यता बहाल करवाई जाएगी.
मुंबई में रहते हैं रुचिर मोदी |
ऐसा भी कहा जा रहा है कि रुचिर मोदी की स्थिति राजस्थान क्रिकेट में मजबूत करने के लिए ही ललित मोदी दक्षिण अफ्रिका के क्रिकेटर और भारतीय टीम के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन को राजस्थान के क्रिकेट खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए भेजा है. बताया जाता है कि गैरी कर्स्टन को बीसीसीआई ने आरसीए में आने से मना किया था क्योंकि बीसीसीआई ने आरसीए की मान्यता खत्म कर दी है लेकिन ललित मोदी ने एक निजी कंपनी के जरिए गैरी कर्स्टन को कोचिंग के लिए जयपुर भिजवाया है. ये इसलिए भी किया जा रहा है कि नवंबर के आरसीए पद के अध्यक्ष के चुनाव में जिला संघों की नाराजगी नहीं झेलना पड़े कि बीसीसीआई की मान्यता रद्द होने से राजस्थान क्रिकेट का बंटाधार हो गया है.
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अलवर का चुनाव भी विवादों में
रुचिर मोदी भले ही अलवर जिले के क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बन गए हों लेकिन ये विवाद लंबा खिंचेगा जैसे कि इनके पिता ललित मोदी के नागौर से अध्यक्ष बनने पर हुआ था. 2010 से ही अलवर जिला क्रिकेट संघ के चुनाव पर रोक लगी हुई है. एक मात्र यही जिला बचा हुआ था जहां रोक की वजह से चुनाव नहीं हुए थे, ऐसे में ललित मोदी ने बेटे को भेजने के लिए अलवर को ही चुना. अब बुधवार को अलवर के जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे. इनका आरोप है कि रुचिर को अध्यक्ष बनाने के लिए मृत क्रिकेट क्लबों को कागजों में फिर से जीवित किया गया है. लेकिन आरसीए के सचिव सोमेंद्र तिवारी का कहना है कि सारी फार्मेलिटीज पूरी कर ली गई हैं. और एक यही जिला खाली था इसलिए रुचिर मोदी को अलवर से लाया गया.
अपनी बहन के साथ रुचिर मोदी |
इसी तरह से आए थे ललित मोदी
2003 दिसंबर में सत्ता में आते ही वसुंधरा ने किशोर रुंगटा, कमल मोरारका और राजसिंह डूंगरपूर की तिकड़ी को धवस्त करते हुए खेल अध्यादेश लाकर क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव का एलान कर दिया. तब तक राजस्थान में ललित मोदी को न कोई जानता था और न किसी को पता था कि अक्टूबर 2004 का खेल अध्यादेश किस लिए है. उस वक्त नागौर में ललित कुमार मान के एक शख्स ने जमीन खरीदी और ललित कुमार दिसंबर 2004 में नागौर जिला क्रिकेट का अध्यक्ष बन गया लेकिन नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद की हैसियत से अचानक 21 मई को ललित मोदी राजस्थान क्रिकेट के अध्यक्ष चुन लिए गए थे. ये सब इतनी जल्दी हुआ था कि रूंगटा, मोरारका और राज सिंह डूंगरपुर को कुछ पता भी नहीं चल पाया था. बाद में ललित कुमार और ललित मोदी के साइन में अंतर को लेकर रुंगटा कोर्ट गए जहां ललित मोदी के पक्ष में ही फैसला आया.
अपने पिता की तरह ही क्रिकेट की दुनिया में आए हैं रुचिर मोदी |
वसुंधरा सरकार का साथ या ललित मोदी की चाल
क्या राजस्थान सरकार के खेल मंत्री की यह दलील यकीन करने लायक है कि जब खेल विभाग का अधिकारी चुनाव अधिकारी होता है तब राजस्थान के खेलमंत्री को 21 दिन बाद मीडिया से खबर मिली कि रुचिर मोदी अलवर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बन गए हैं. खेलमंत्री गजेंद्र खिंवसर कहते हैं कि जो खेल अधिकारी चुनाव कराने गया था उससे मैं पूछुंगा कि हमें क्यों नही बताया और हमने पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट मांगी है. तो क्या खेल मंत्री से अलग किसी और के इशारे पर रुचिर मोदी चुने गए हैं ये भी लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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