क्रिकेट में भगवान का दर्जा हासिल कर चुके सचिन तेंदुलक के 200 रन, वीरेंद्र सहवाग के 219 और अब टेस्ट में विराट कोहली के 211. इस बात में अब कोई दो राय नहीं कि मध्य प्रदेश भारतीय क्रिकेट टीम के लिये सबसे लकी है. वैसे तो मध्य प्रदेश में कम ही मैच होते हैं मगर जब भी होते है, कुछ नया देखने को मिल ही जाता है.
याद कीजिए, 24 फरवरी 2011 का वो दिन. ग्वालियर के कैप्टेन रूप सिंह स्टेडियम में भारत व दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने थे. तब किसे पता था कि वहां इतिहास रचा जाना है. तब वनडे इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी ने 200 रनों का आकड़ा छुआ. जाहिर है, जिस मैदान पर सचिन मौजूद हों, वहां उनके सिवा ये कारनामा भला और कौन करता. सचिन ने उस मैच में 147 गेंद खेलकर 200 रन बनाए. इसमें 25 चौके और 3 छक्के शामिल थे. जैसे ही इतिहास कायम हुआ, सचिन ने अपना बल्ला उठाकर ऊपर देखकर भगवान को धन्यवाद दिया.
जब ग्वालियर में सचिन ने लगाया वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक |
सचिन ने तो इसका उल्लेख अपनी बायोग्राफी में भी किया है. बकौल सचिन, 'शतक बनाने के बाद मैं रात भर इसी के बारे में सोचता रहा और सो नहीं पाया.' सच में क्रिकेट के इतिहास में जो कारनामा कोई नहीं कर पाया था वो सचिन ने करके दिखाया.
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सचिन के दोहरे शतक के बाद सचिन की बेटी सारा ने ग्वालियर स्टेडियम देखा. सचिन की बेटी सारा जब ग्वालियर के स्टडी टूर पर आई तो वह...
क्रिकेट में भगवान का दर्जा हासिल कर चुके सचिन तेंदुलक के 200 रन, वीरेंद्र सहवाग के 219 और अब टेस्ट में विराट कोहली के 211. इस बात में अब कोई दो राय नहीं कि मध्य प्रदेश भारतीय क्रिकेट टीम के लिये सबसे लकी है. वैसे तो मध्य प्रदेश में कम ही मैच होते हैं मगर जब भी होते है, कुछ नया देखने को मिल ही जाता है.
याद कीजिए, 24 फरवरी 2011 का वो दिन. ग्वालियर के कैप्टेन रूप सिंह स्टेडियम में भारत व दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने थे. तब किसे पता था कि वहां इतिहास रचा जाना है. तब वनडे इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी ने 200 रनों का आकड़ा छुआ. जाहिर है, जिस मैदान पर सचिन मौजूद हों, वहां उनके सिवा ये कारनामा भला और कौन करता. सचिन ने उस मैच में 147 गेंद खेलकर 200 रन बनाए. इसमें 25 चौके और 3 छक्के शामिल थे. जैसे ही इतिहास कायम हुआ, सचिन ने अपना बल्ला उठाकर ऊपर देखकर भगवान को धन्यवाद दिया.
जब ग्वालियर में सचिन ने लगाया वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक |
सचिन ने तो इसका उल्लेख अपनी बायोग्राफी में भी किया है. बकौल सचिन, 'शतक बनाने के बाद मैं रात भर इसी के बारे में सोचता रहा और सो नहीं पाया.' सच में क्रिकेट के इतिहास में जो कारनामा कोई नहीं कर पाया था वो सचिन ने करके दिखाया.
यह भी पढ़ें- क्या वाकई सचिन को दोहरा-तिहरा शतक लगाना नहीं आता था?
सचिन के दोहरे शतक के बाद सचिन की बेटी सारा ने ग्वालियर स्टेडियम देखा. सचिन की बेटी सारा जब ग्वालियर के स्टडी टूर पर आई तो वह कैप्टेन रूप सिंह स्टेडियम में उस विकेट को देखने गई, जहां पर वनडे का दोहरा शतक बनाया गया था. सारा ने उस विकेट को अपने हाथों से छूकर देखा और अपने पिता की यादों को महसूस किया.
सचिन के दोहरा शतक बनाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें ग्वालियर आकर सम्मानित किया. यही नहीं, उनके सम्मान में मप्र सरकार ने यूनीवर्सिटी के पास एक सड़क का नाम सचिन तेंदुलकर मार्ग रख दिया.
बहरहाल, बात मध्य प्रदेश और दोहरे शतक की की हो रही है. सचिन ने शुरुआत की उस कारवां को विस्फोटक बल्लेबाज सहवाग ने आगे बढ़ाया. सहवाग ने आतिशी 219 रनों की ये पारी साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली.
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सहवाग ने दोहरे शतक का कारवां आगे बढ़ाया |
सहवाग के दोहरे शतक के चार साल बाद इंदौर में कोई मैच खेला गया. उसे अब जाकर पहले टेस्ट मैच की मेजबानी मिली. किसी को उम्मीद नहीं थी कि यहां टेस्ट मैच सफल हो पाएगा. लोग आएंगें भी या नहीं ये भी नहीं पता था. मगर होलकर स्टेडियम में 22 हज़ार लोग आज टेस्ट मैच देख रहे हैं.
अब इंदौर में मैच था तो दोहरा शतक तो लगना ही था. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के बल्ले से तीन साल बाद कोई टेस्ट शतक निकला. मगर ये इंदौर है जी यहां तो दोहरा शतक होना ही था और हो गया. अजिंक्य रहाणे भी दोहरा शतक लगाने ही वाले थे लेकिन 12 रनों से चूक गए. रहाणे ने 188 रन बनाए.
अब कोहली भी एमपी के दोहरे शतक वाले लिस्ट में हैं... |
इंदौर में टेस्ट मैच के सफल होने के बाह बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इंदौर के लोगों को शुक्रिया कहा है और भरोसा जताया है कि अब आगे भी यहां टेस्ट मैच कराए जाएंगे. वैसे भी, मेरे हिसाब से मध्य प्रदेश में मैच करवाते रहना चाहिये. ताकि हमारे खिलाड़ी 200 रन बनाते रहें और पूरी दुनिया उनके खेल का लुत्फ उठाती रहे.
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