हरियाणा में बीजेपी सरकार जहां एक ओर खिलाड़ियों की पीठ थपथपा रही है. वहीं, दूसरी तरफ खिलाड़ियों से पानी पिलवा रही है. वाकया है रविवार को जींद में आयोजित बीजेपी की गौरव रैली का. केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंदर सिंह एक ओर तो रियो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित कर रहे थे तो दूसरी तरफ नरवाना की सरकारी हैंडबॉल नर्सरी के खिलाड़ी कार्यक्रम में पानी बांटते नज़र आए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहले इन खिलाड़ियों से पानी बटवाया गया इसके बाद खाने के पैकेट बटवाये गए. अब आयोजकों को जाने क्या सूझी कि उन्होंने खिलाड़ियों से पानी बंटवाने की प्रैक्टिस करवाई. क्या आयोजक इसके लिए अपने वॉलेंटियर्स का इंतजाम नहीं कर सकते थे?
रैली में पानी बांटते एथलीट |
यह वही प्रदेश हैं जहां के खिलाड़ियों ने ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ खेलों में अपना तथा अपने राज्य हरियाणा का नाम रोशन किया था. यह वही हरियाणा है जिस पर भारत को नाज़ है. यह वही हरियाणा है जिसने रियो ओलिंपिक में सबसे ज्यादा खिलाडी भेजे. लेकिन पानी पिलाने की इस घटना ने तो सभी को शर्मसार कर दिया है.
इन हालतों को देखते हुए तो यही लगता है की शायद नेताओं को खिलाड़ियों की अपेक्षा अपनी रैलियों पर ज्यादा ध्यान है. खिलाड़ियों का कल्याण गया भाड़ में.
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समझ में नहीं आता कि ये वही हरियाणा सरकार है जिसने...
हरियाणा में बीजेपी सरकार जहां एक ओर खिलाड़ियों की पीठ थपथपा रही है. वहीं, दूसरी तरफ खिलाड़ियों से पानी पिलवा रही है. वाकया है रविवार को जींद में आयोजित बीजेपी की गौरव रैली का. केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंदर सिंह एक ओर तो रियो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित कर रहे थे तो दूसरी तरफ नरवाना की सरकारी हैंडबॉल नर्सरी के खिलाड़ी कार्यक्रम में पानी बांटते नज़र आए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहले इन खिलाड़ियों से पानी बटवाया गया इसके बाद खाने के पैकेट बटवाये गए. अब आयोजकों को जाने क्या सूझी कि उन्होंने खिलाड़ियों से पानी बंटवाने की प्रैक्टिस करवाई. क्या आयोजक इसके लिए अपने वॉलेंटियर्स का इंतजाम नहीं कर सकते थे?
रैली में पानी बांटते एथलीट |
यह वही प्रदेश हैं जहां के खिलाड़ियों ने ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ खेलों में अपना तथा अपने राज्य हरियाणा का नाम रोशन किया था. यह वही हरियाणा है जिस पर भारत को नाज़ है. यह वही हरियाणा है जिसने रियो ओलिंपिक में सबसे ज्यादा खिलाडी भेजे. लेकिन पानी पिलाने की इस घटना ने तो सभी को शर्मसार कर दिया है.
इन हालतों को देखते हुए तो यही लगता है की शायद नेताओं को खिलाड़ियों की अपेक्षा अपनी रैलियों पर ज्यादा ध्यान है. खिलाड़ियों का कल्याण गया भाड़ में.
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समझ में नहीं आता कि ये वही हरियाणा सरकार है जिसने साक्षी को 2.5 करोड़ का इनाम दिया था. खैर जो भी हो पानी पिलाकर तो देश के खिलाड़ियों का भला होने से रहा. ओलिंपिक गेम्स तो बहुत दूर की बात है. नेता तो नेता है..इनके आगे तो बड़े-बड़े पानी पिलाते हैं. यही तो भारत की राजनीति है. जब तक पानी नहीं पिलाएंगे तब तक भला कैसे होगा. वैसे भी पानी पिलाना पुण्य का काम है शायद इसी पानी से पुण्य मिल जाय.
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