श्रीलंका के साथ टेस्ट सीरीज और फिर वन-डे सीरीज में मिली कामयाबी से खुश हो रहे दर्शकों के लिए अब चिंता का समय आने वाला है. वजह है कि टीम की अगली टेस्ट सीरीज. विराट कोहली और उनके धुरंधर साउथ अफ्रीका जा रहे हैं. सवाल यह है कि क्या वे साउथ अफ्रीका की तेज पिचों पर टिक पाएंगे ? भारतीय टीम का टेस्ट इतिहास कहता है कि तेज पिचों पर टीम के हौसले पस्त हो जाते हैं. ये सिलसिला 1932 से चला आ रहा है, जबसे भारत ने टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया था. भले ही इस वक्त कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने दुनिया की बड़ी-बड़ी टीमों को टेस्ट सीरीज में एकतरफा धूल चटाई हो.
लेकिन सवाल तो सबसे बड़ा यही खड़ा होता है कि ये टीम इंडिया बाहर जाकर खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की तेज पिचों पर क्यूं सहमी-सहमी सी और बेबस नजर आती है.
स्मिथ ने साधा विराट सेना पर निशाना
अब तो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने भी विराट कोहली की टीम पर तंज कसते हुए कहा है कि- "ये टीम तो केवल धीमी पिचों पर ही जीतने में कामयाब होती है. जब ये टीम अफ्रीका में तेज पिच पर खेलेगी, तो उसके लिए काफी मुश्किल भरा रहेगा. अगले साल होने वाली अफ्रीका टेस्ट सीरीज विराट कोहली और उनकी टीम के लिए असली परीक्षा होगी."
जब टीम इंडिया साल 2013-14 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी तो टीम को करारी मात मिली थी. टीम उस समय महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेलने गई थी, जहां उन्हें एक भी जीत नसीब नहीं हुई थी. भारत को वनडे के शुरुआती 2 मैचों में हार मिली, जबकि तीसरा मैच बारिश के चलते रद्द किया गया. वहीं पहला टेस्ट मैच ड्रा रहा तो वहीं दूसरे में भारत को 10 विकेट...
श्रीलंका के साथ टेस्ट सीरीज और फिर वन-डे सीरीज में मिली कामयाबी से खुश हो रहे दर्शकों के लिए अब चिंता का समय आने वाला है. वजह है कि टीम की अगली टेस्ट सीरीज. विराट कोहली और उनके धुरंधर साउथ अफ्रीका जा रहे हैं. सवाल यह है कि क्या वे साउथ अफ्रीका की तेज पिचों पर टिक पाएंगे ? भारतीय टीम का टेस्ट इतिहास कहता है कि तेज पिचों पर टीम के हौसले पस्त हो जाते हैं. ये सिलसिला 1932 से चला आ रहा है, जबसे भारत ने टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया था. भले ही इस वक्त कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने दुनिया की बड़ी-बड़ी टीमों को टेस्ट सीरीज में एकतरफा धूल चटाई हो.
लेकिन सवाल तो सबसे बड़ा यही खड़ा होता है कि ये टीम इंडिया बाहर जाकर खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की तेज पिचों पर क्यूं सहमी-सहमी सी और बेबस नजर आती है.
स्मिथ ने साधा विराट सेना पर निशाना
अब तो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने भी विराट कोहली की टीम पर तंज कसते हुए कहा है कि- "ये टीम तो केवल धीमी पिचों पर ही जीतने में कामयाब होती है. जब ये टीम अफ्रीका में तेज पिच पर खेलेगी, तो उसके लिए काफी मुश्किल भरा रहेगा. अगले साल होने वाली अफ्रीका टेस्ट सीरीज विराट कोहली और उनकी टीम के लिए असली परीक्षा होगी."
जब टीम इंडिया साल 2013-14 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी तो टीम को करारी मात मिली थी. टीम उस समय महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेलने गई थी, जहां उन्हें एक भी जीत नसीब नहीं हुई थी. भारत को वनडे के शुरुआती 2 मैचों में हार मिली, जबकि तीसरा मैच बारिश के चलते रद्द किया गया. वहीं पहला टेस्ट मैच ड्रा रहा तो वहीं दूसरे में भारत को 10 विकेट से हार मिली थी. आइए देखते हैं जब - जब टीम ने विदेशी दौरा किया तो परिणाम ऐसा रहा...
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम का प्रदर्शन...
जब-जब टीम इंडिया साउथ अफ्रीका में खेलने के लिए जाती है. तो कई जीत के सुनहरे सपने कप्तान और टीम अपने साथ लेकर जाती है. लेकिन बाद में कहानी कुछ और हो जाती है. 1992 से अब तक भारत ने अफ्रीका में 17 टेस्ट मैच खेले हैं. जिनमें से सिर्फ 2 मैचों में ही जीत मिली और 8 मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा है. यह रिकॉर्ड देखकर तो वाकई पूर्व कप्तान स्मिथ की बात कुछ हद तक सही मानी जा सकती है. क्योंकि टीम इंडिया के बल्लेबाज स्विंग और उछाल भरी पिचों पर हमेशा ही लड़खड़ाते दिखाई दिए हैं. टीम इंडिया के लिए साउथ अफ्रीका का दौरा हमेशा से ही संघर्षपूर्ण रहा है. वैसे ओवरऑल दोनों देशों की बात की जाए तो 12 टेस्ट सीरीज खेली गई हैं. जिसमें दोनों टीमों ने 6-6 सीरीज अपने नाम की हैं.
भारत का ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन...
अब तक भारत ने टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 11 टेस्ट सीरीज खेली हैं. इनमें से 3 सीरीज ड्रॉ कराकर भारत ने जैसे-तैसे अपनी इज्जत बचाई है. बाकी में उसे करारी हार ही मिली है. इसमें 2011 की वह सीरीज भी शामिल है, जब भारत टेस्ट खेलने वाली टीमों में अव्वल होते हुए भी धोनी की टीम ऑस्ट्रेलिया जाकर 4-0 से सीरीज हार गई थी.
कुल मिलाकर अब तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 94 टेस्ट मैच खेले गए हैं जिसमें 26 में भारत जीता है और 41 में टीम की हार हुई है. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया में भारत ने 42 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उसे सिर्फ 5 में जीत मिली है और बाकी 38 में हार हुई है.
भारत का इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन...
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ ही सबसे ज्यादा 117 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें टीम इंडिया को सिर्फ 25 टेस्ट मैचों में जीत मिली और 43 मैचों में हार. इन मुकाबलों के लिए 17 टेस्ट सीरीज इंग्लैंड में हुई. तेज और स्विंग करती हुई वहां की पिचों ने भारतीय बल्लेबाजों को कभी टिकने नहीं दिया. इंग्लैंड की सरजमीं पर टीम ने 54 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें भारत को सिर्फ 2 टेस्ट में जीत मिली है और 35 टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा है.
अगर पिछले दो दशकों की बात की जाए तो तस्वीर थोड़ी सी बदली जरूर है. खासतौर पर सौरव गांगुली की कप्तानी के बाद से टीम इंडिया ने विदेशी दौरों में दमखम दिखाना शुरू किया है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की तेज पिचें अब भी भारतीयों के लिए चुनौती बनी हुई हैं, लेकिन अब बल्लेबाज तेज गेंदबाजी का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. सवाल यह है कि क्या साउथ अफ्रीका में मिलने वाली चुनौती को भारतीय टीम अपनी साख से टक्कर दे पाएगी?
(कंटेंट: मोनू चहल इंटर्न @iChowk.in)
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