भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेंचुरियन में दूसरा टेस्ट शुरू हो चुका है. सीरीज जीतने के लिहाज से भारत के लिए यह मैच जीतना अति आवश्यक है. हालांकि भारत ने पहले हार के बाद टीम में जो बदलाव किये हैं वो वाकई समझ से परे है. भारतीय टीम ने इस मैच के लिए पार्थिव पटेल, इशांत शर्मा और केएल राहुल को जगह दी है. जबकि रिद्धिमान साहा, भुवनेश्वर कुमार और शिखर धवन को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन बदलावों में जो सबसे चौंकाने वाला नाम है वो है भुवनेश्वर कुमार का. भुवनेश्वर के बदले इशांत शर्मा का चयन वाकई हैरान करता है.
भुवनेश्वर जिन्होंने पिछले मैच में जबर्दस्त प्रदर्शन किया था. उन्हें केवल इसलिए अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इस पिच पर स्विंग गेंदबाज को शायद उतनी मदद न मिले. हालांकि इस बारे में बात करने से पहले पिछले मैच में भुवनेश्वर के आकड़ें देख लेना भी दिलचस्प होगा. भुवनेश्वर ने पहले टेस्ट में दोनों परियों को मिलाकर 6 विकेट लिए थे. पहली पारी में तो भुवनेश्वर ने घातक गेंदबाजी करते हुए अफ्रीका के चार बल्लेबाजों को सस्ते में पवेलियन भेज कर अफ्रीकी कैंप में खलबली मचा दी थी. भुवनेश्वर ने उस पूरे मैच में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशानी में डाल रखा था.
उस मैच में भुवनेश्वर ने बल्लेबाजी में भी बेहतर हाथ दिखाते हुए 38 रन बनाये थे. पहली पारी में जहां उन्होंने 25 रन बनाये थे तो दूसरी पारी में 13 रन बना कर नाबाद रहे थे. भुवनेश्वर ने अपनी पारी के दौरान महत्वपूर्ण साझीदारियां भी निभाई थी. भुवनेश्वर के रनों की अहमियत भारतीय बल्लेबाजों के बनाये गए रन से समझा जा सकता है. पहले मैच में मुरली विजय ने 14, शिखर धवन ने 32, पुजारा ने 30, कोहली...
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेंचुरियन में दूसरा टेस्ट शुरू हो चुका है. सीरीज जीतने के लिहाज से भारत के लिए यह मैच जीतना अति आवश्यक है. हालांकि भारत ने पहले हार के बाद टीम में जो बदलाव किये हैं वो वाकई समझ से परे है. भारतीय टीम ने इस मैच के लिए पार्थिव पटेल, इशांत शर्मा और केएल राहुल को जगह दी है. जबकि रिद्धिमान साहा, भुवनेश्वर कुमार और शिखर धवन को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन बदलावों में जो सबसे चौंकाने वाला नाम है वो है भुवनेश्वर कुमार का. भुवनेश्वर के बदले इशांत शर्मा का चयन वाकई हैरान करता है.
भुवनेश्वर जिन्होंने पिछले मैच में जबर्दस्त प्रदर्शन किया था. उन्हें केवल इसलिए अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इस पिच पर स्विंग गेंदबाज को शायद उतनी मदद न मिले. हालांकि इस बारे में बात करने से पहले पिछले मैच में भुवनेश्वर के आकड़ें देख लेना भी दिलचस्प होगा. भुवनेश्वर ने पहले टेस्ट में दोनों परियों को मिलाकर 6 विकेट लिए थे. पहली पारी में तो भुवनेश्वर ने घातक गेंदबाजी करते हुए अफ्रीका के चार बल्लेबाजों को सस्ते में पवेलियन भेज कर अफ्रीकी कैंप में खलबली मचा दी थी. भुवनेश्वर ने उस पूरे मैच में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशानी में डाल रखा था.
उस मैच में भुवनेश्वर ने बल्लेबाजी में भी बेहतर हाथ दिखाते हुए 38 रन बनाये थे. पहली पारी में जहां उन्होंने 25 रन बनाये थे तो दूसरी पारी में 13 रन बना कर नाबाद रहे थे. भुवनेश्वर ने अपनी पारी के दौरान महत्वपूर्ण साझीदारियां भी निभाई थी. भुवनेश्वर के रनों की अहमियत भारतीय बल्लेबाजों के बनाये गए रन से समझा जा सकता है. पहले मैच में मुरली विजय ने 14, शिखर धवन ने 32, पुजारा ने 30, कोहली ने 33, रोहित शर्मा ने 21 और रिद्धिमान साहा ने 8 रन बनाये थे.
कोई भी खिलाड़ी इस अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम में रहने की उम्मीद कर सकता है. मगर भुवनेश्वर इस मामले में अनलकी रहे. जहां केवल इस आशंका के बल पर की स्विंग न होने की स्थिति में वो एक साधारण गेंदबाज लगेंगे, उन्हें अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली. हालांकि भुवनेश्वर ने अब तक के अपने करियर में हर तरह के प्लेइंग कंडीशंस में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. खुद साउथ अफ्रीका के महान गेंदबाजों में शुमार एलन डोनाल्ड ने भी भुवनेश्वर के नहीं खिलाए जाने को लेकर आश्चर्य जताया है.
भुवनेश्वर की ही तरह शिखर धवन भी अनलकी रहे. पहले मैच मे हार के बाद शिखर धवन को इस बार बलि का बकरा बनाया गया. पहले मैच में कोई भी बल्लेबाज बेहतर कर पाने में असफल रहा. और सभी की नाकामयाबी का ठीकरा धवन पर ही फूटा. धवन के बारे में यह कहा जा रहा है कि उनकी तकनीक उछाल भरी पिचों पर काफी ख़राब है और ऐसे में पहले ही मैच में उनकी जगह पर राहुल को खिलाने की बात हो रही थी.
यह बात कुछ हद तक सही भी है. मगर क्या कोई भारतीय बल्लेबाज है जो विदेशी पिचों पर बहुत ही सहज दिखता हो? विदेशी पिचों पर भारतीय खिलाड़ियों के रिकॉर्ड पर गौर करें तो जवाब न में ही मिलेगा. भारतीय क्रिकेट का इतिहास गवाह है कि कुछ बल्लेबाजों को छोड़कर, अब तक विदेश का दौरा करने वाली सारी ही भारतीय टीम के बल्लेबाज विदेश की तेज पिचों पर संघर्ष करते ही दिखे हैं. ऐसे में केवल धवन के तकनीक पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता.
वैसे कहने वाले रोहित शर्मा को जबरदस्त प्रतिभाशाली बल्लेबाज मानते रहें हैं. मगर घरेलु पिच से बाहर रोहित का प्रदर्शन अलग ही कहानी बयां करती है. अब हो सकता है कि दुसरे टेस्ट में भारत को बदलाव के बाद जीत मिल जाये. मगर किसी के प्रदर्शन को नजरअंदाज कर केवल आशंका के बिनाह पर किसी का चयन कतई तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता.
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