1994 में कपिल देव के संन्यास लेने के बाद भारत को उनकी जैसी काबिलियत रखने वाला कोई दूसरा आलराउंडर नहीं मिला. लेकिन हाल के दिनों में गुजरात के हार्दिक पांड्या ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे लग रहा है की कपिल देव के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को जिस आलराउंडर की तलाश थी वो शायद मिल चुका है. उनमें वे तमाम गुण हैं जो एक सम्पूर्ण आलराउंडर में होने चाहिए. बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग सभी में उन्होंने अपनी क़ाबलियत का प्रदर्शन बखूबी किया है. जिस तरह कपिल देव में अकेले दम पर मैच जिताने की क्षमता थी. उसी तरह की क्षमता पांड्या के पास भी है. इसका जीता-जागता प्रदर्शन उन्होंने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मैच में दिखाया.
पांड्या ने 66 गेंदों में 83 रन की शानदार पारी खेली. वो भी ऐसे समय में जब 11 रन पर तीन विकेट खोने के बाद भारतीय टीम संघर्ष कर रही थी. टीम इंडिया ने 87 रन पर पांच विकेट खो दिए थे. पांड्या ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ छठे विकेट के लिए 118 रनों की बेशकीमती साझेदारी करके टीम की मैच में वापसी कराई. उनकी तूफानी बल्लेबाजी के कारण ही भारत एक अच्छा स्कोर खड़ा कर पाया. न केवल बैटिंग में उन्होंने अपना जलवा दिखाया, बल्कि 2 महत्वपूर्ण विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को हार का मजा चखाया. मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने साफ तौर से स्वीकार किया कि हार्दिक पांड्या की पारी ने ही मैच का पासा पलट दिया.
23 साल के हार्दिक पांड्या ने अक्टूबर 2016 में अपने एकदिवसीय करियर की शुरुआत की थी. अब तक वे 22 एकदिवसीय मैच खेल चुके हैं. उन्होंने 39 की औसत से 391 रन बनाए हैं और स्ट्राइक रेट 130 के करीब है. बॉलर के तौर पर वे अभी तक 25 विकेट ले चुके हैं. जो उनकी प्रतिभा को साबित करती है.
हार्दिक...
1994 में कपिल देव के संन्यास लेने के बाद भारत को उनकी जैसी काबिलियत रखने वाला कोई दूसरा आलराउंडर नहीं मिला. लेकिन हाल के दिनों में गुजरात के हार्दिक पांड्या ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे लग रहा है की कपिल देव के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को जिस आलराउंडर की तलाश थी वो शायद मिल चुका है. उनमें वे तमाम गुण हैं जो एक सम्पूर्ण आलराउंडर में होने चाहिए. बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग सभी में उन्होंने अपनी क़ाबलियत का प्रदर्शन बखूबी किया है. जिस तरह कपिल देव में अकेले दम पर मैच जिताने की क्षमता थी. उसी तरह की क्षमता पांड्या के पास भी है. इसका जीता-जागता प्रदर्शन उन्होंने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मैच में दिखाया.
पांड्या ने 66 गेंदों में 83 रन की शानदार पारी खेली. वो भी ऐसे समय में जब 11 रन पर तीन विकेट खोने के बाद भारतीय टीम संघर्ष कर रही थी. टीम इंडिया ने 87 रन पर पांच विकेट खो दिए थे. पांड्या ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ छठे विकेट के लिए 118 रनों की बेशकीमती साझेदारी करके टीम की मैच में वापसी कराई. उनकी तूफानी बल्लेबाजी के कारण ही भारत एक अच्छा स्कोर खड़ा कर पाया. न केवल बैटिंग में उन्होंने अपना जलवा दिखाया, बल्कि 2 महत्वपूर्ण विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को हार का मजा चखाया. मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने साफ तौर से स्वीकार किया कि हार्दिक पांड्या की पारी ने ही मैच का पासा पलट दिया.
23 साल के हार्दिक पांड्या ने अक्टूबर 2016 में अपने एकदिवसीय करियर की शुरुआत की थी. अब तक वे 22 एकदिवसीय मैच खेल चुके हैं. उन्होंने 39 की औसत से 391 रन बनाए हैं और स्ट्राइक रेट 130 के करीब है. बॉलर के तौर पर वे अभी तक 25 विकेट ले चुके हैं. जो उनकी प्रतिभा को साबित करती है.
हार्दिक पांड्या मुंबई इंडियंस के लिए टी-20 खेलते थे. अगस्त में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने अपना पहला टेस्ट सीरीज खेला. श्रृंखला के तीसरे और अंतिम टेस्ट में शतक जड़ दिया. हार्दिक ने न केवल टी-20 और एकदिवसीय मैचों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का जलवा दिखाया है. बल्कि अब टेस्ट मैचों में भी उनकी काबलियत देखने को मिल रही है.
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने अगस्त 2017 में कहा था की हार्दिक पांड्या में दिग्गज कपिल देव जैसा प्रदर्शन करने की क्षमता है. पांड्या एक ऑलराउंडर की कमी पूरा करते दिख रहे हैं. वो तीनों फॉर्मेट में बेहतरीन खेल दिखा रहे हैं. उनका क्रिकेट के प्रति पॉजिटिव और अग्रेसिव अप्रोच देखने लायक हैं. कुछ दिन पहले ही विराट कोहली ने पांड्या की तारीफ करते हुए यहां तक कहा था कि जो काम इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स करते हैं, वही काम पंड्या भारत के लिए कर सकते हैं.
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