व्यक्ति कोई भी हो, वो विरला ही होगा जिसे अधिक सैलरी न पसंद हो. आम से लेकर खास तक प्रत्येक व्यक्ति यही चाहता है कि उसे अधिक से अधिक पैसा मिले ताकि समाज में उसे ऊंचा कद प्राप्त हो और उसका मान और प्रतिष्ठा बरक़रार रहे. "मोटी सैलरी" सबको भाती है वो चाहे आप हों या फिर मैं. खिलाड़ी भी इससे जुदा नहीं हैं. वो भी हमारी आपकी तरह यही चाहते हैं कि खेल के बदले उन्हें ग्लैमर और पैसा दोनों मिले. बात खेल खिलाड़ी और सैलरी की हो रही है तो आपको एक खबर से अवगत कराते हैं. ये खबर ऐसी है जो आपको हैरत में डाल देगी. हैरत में इसलिए क्योंकि एक तरफ जब हम और आप सैलरी में मामूली 10-15 % के इन्क्रीमेंट से खुश हो जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ हमारे क्रिकेटरों को इतना इनक्रीमेंट मिलने जा रहा है जिसकी कल्पना शायद ही हम कभी कर सकें.
खबर है कि अपनी सैलरी में इजाफे की मांग को लेकर बीसीसीआई से मोर्चा ले रहे कैप्टेन कोहली और उनके साथियों की मुराद उस वक़्त पूरी हो गयी जब सीओए ने इनकी बातों को समझा और इसे जायज माना. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्मित बोर्ड के प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने क्रिकेटरों की सैलरी वृद्धि के प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी है. अब भविष्य में क्रिकेटरों को बढ़ी हुई तनख्वाह मिलेगी जो वर्तमान सैलरी से कई गुना ज्यादा है.
बताया जा रहा है कि बोर्ड के साथ सैंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले ग्रेड ए के खिलाड़ियो को दो करोड़ रुपए के बजाय अब भविष्य में 12 करोड़ रुपए जाएंगे. वहीं ग्रेड बी के क्रिकेटरों को एक करोड़ के बजाय आठ करोड़ रुपए मिलेंगे और ग्रेड सी के खिलाड़ियों को 50 लाख के बजाय चार करोड़ रुपए की सौगात मिल सकती है. आपको बताते...
व्यक्ति कोई भी हो, वो विरला ही होगा जिसे अधिक सैलरी न पसंद हो. आम से लेकर खास तक प्रत्येक व्यक्ति यही चाहता है कि उसे अधिक से अधिक पैसा मिले ताकि समाज में उसे ऊंचा कद प्राप्त हो और उसका मान और प्रतिष्ठा बरक़रार रहे. "मोटी सैलरी" सबको भाती है वो चाहे आप हों या फिर मैं. खिलाड़ी भी इससे जुदा नहीं हैं. वो भी हमारी आपकी तरह यही चाहते हैं कि खेल के बदले उन्हें ग्लैमर और पैसा दोनों मिले. बात खेल खिलाड़ी और सैलरी की हो रही है तो आपको एक खबर से अवगत कराते हैं. ये खबर ऐसी है जो आपको हैरत में डाल देगी. हैरत में इसलिए क्योंकि एक तरफ जब हम और आप सैलरी में मामूली 10-15 % के इन्क्रीमेंट से खुश हो जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ हमारे क्रिकेटरों को इतना इनक्रीमेंट मिलने जा रहा है जिसकी कल्पना शायद ही हम कभी कर सकें.
खबर है कि अपनी सैलरी में इजाफे की मांग को लेकर बीसीसीआई से मोर्चा ले रहे कैप्टेन कोहली और उनके साथियों की मुराद उस वक़्त पूरी हो गयी जब सीओए ने इनकी बातों को समझा और इसे जायज माना. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्मित बोर्ड के प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने क्रिकेटरों की सैलरी वृद्धि के प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी है. अब भविष्य में क्रिकेटरों को बढ़ी हुई तनख्वाह मिलेगी जो वर्तमान सैलरी से कई गुना ज्यादा है.
बताया जा रहा है कि बोर्ड के साथ सैंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले ग्रेड ए के खिलाड़ियो को दो करोड़ रुपए के बजाय अब भविष्य में 12 करोड़ रुपए जाएंगे. वहीं ग्रेड बी के क्रिकेटरों को एक करोड़ के बजाय आठ करोड़ रुपए मिलेंगे और ग्रेड सी के खिलाड़ियों को 50 लाख के बजाय चार करोड़ रुपए की सौगात मिल सकती है. आपको बताते चलें कि कैप्टेन की सैलरी ग्रुप ए के खिलाडियों से ज्यादा होगी. गौरतलब है कि बीते दिनों कप्तान कोहली, पूर्व कप्तान एमएस धोनी और कोच रवि शास्त्री ने दिल्ली में सीओए के साथ मुलाकात की थी जहां बात ज्यादा नहीं बनी थी मगर इस बात पर सहमती बन गयी की भारतीय खिलाडियों को ज्यादा पैसा मिलना चाहिए.
...काश कि बाकी खेलों पर भी ऐसी ही नजर-ए-इनारयत होती !
निस्संदेह एक क्रिकेटर के लिए ये एक अच्छी खबर है. मगर जब हम इसे अन्य खेलों को ध्यान में रखकर सोचे तो हालात उतने सुखद नहीं हैं जितना हमको महसूस हो रहा है. एक तरफ जब सैलरी के नाम पर क्रिकेटर करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अन्य खलों से जुड़े खिलाड़ी इसका एक चौथाई भी नहीं कमा रहे हैं. जब हमनें इस विषय पर खेल मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाईट से जानकारी लेनी चाही तो वहां हमें इस विषय में कुछ नहीं मिला और इंटरनेट पर भी केवल क्योरा पर ही इससे सम्बंधित सवाल थे.
जिनके जवाब पढ़कर पता चला कि हॉकी, फुटबॉल, बैडमिन्टन, समेत कबड्डी, कुश्ती जैसे खेलों से जुड़े खिलाड़ी बेहद आम सा जीवन व्यतीत कर रहे हैं और इनकी सैलरी उतनी ही है जितनी किसी बड़ी सॉफ्टवेर कंपनी में काम करने वाले सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर या किसी मैनेजर की. अपवादों और गिने चुने नामों को छोड़कर दूसरे खेलों के खिलाड़ी बस 'सीमित संसाधनों' तक सीमित कर दिए गए हैं.
एक इंडियन फुटबॉलर साल में कितना कमाता है
इस सवाल पर ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन का मत है कि फुटबाल के खिलाडियों की सैलरी में गत वर्ष की तुलना में 40 से 62% तक का उछाल देखने को मिला है. गुजरे साल जिन खिलाड़ियों ने भारत के लिए खेला उन्हें 65 से 70 लाख रुपए सालाना दिए गए. इसमें भी चंद ही भारतीय फुटबॉलर ऐसे हैं जो ठीक ठाक पैसा कमा रहे हैं वरना फेडरेशन द्वारा इन्हें 8 से 10 लाख रुपए सालाना दे दिए जाते हैं.
कितना पैसा मिलता है हॉकी टीम को
कहने को हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है मगर इस खेल के हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हॉकी से जुड़े खिलाड़ी अन्य खेलों के खिलाडियों और उनको मिलने वाली सैलरी की तुलना में कहीं पीछे हैं. बात अगर सैलरी की हो तो हॉकी के खिलाडियों को सबसे कम पैसा मिलता है. ध्यान रहे कि कुछ दिनों पहले हॉकी इंडिया के खिलाडियों ने तब हड़ताल कर दी थी जब उन्हें लम्बे समय से उनकी सैलरी नहीं दी जा रही थी. आपको बताते चलें कि हॉकी के खिलाड़ियों का अधिकतम सालाना पैकेज 15 लाख रुपए का होता है साथ ही इन्हें प्रत्येक मैच के लिए 25,000 रुपए दिए जाते हैं जो क्रिकेट के मुकाबले कहीं कम है.
क्या हाल हैं बैडमिंटन के
क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल के मुकाबले बीते कुछ दिनों से भारतीयों के बीच बैडमिंटन खासा लोकप्रिय हुआ है और अब इसके खिलाडियों को अच्छे स्पॉन्सर्स मिलने लग गए हैं. जाहिर सी बात है जब स्पॉन्सर्स अच्छे होंगे तो खिलाड़ियों का वेतन भी अच्छा होगा. आपको बता दें कि खिलाड़ियों के स्तर के हिसाब से पैकेज का निर्धारण अलग-अलग किया गया है. बैडमिंटन खिलाड़ियों का न्यूनतम पैकेज 14 लाख और अधिकतम पैकेज 35 लाख है और हॉकी की तरह इन्हें भी हर एक मैच के लिए ठीक ठाक पैसा मिलता है.
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