भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 3 जुलाई से शुरू हो रहा है. शुरूआत में 3 T-20 मैच खेले जाएंगे. उसके बाद 3 एकदिवसीय मुकाबले और अंत में 3 टेस्ट मैच रखे गये हैं. यह सारणी भारतीय टीम के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. वर्तमान सीरीज़ से पहले भारत ने 2014 में इंग्लैंड का एक संपूर्ण दौरा किया था जिसमें 5 टेस्ट मैच, 5 एक दिवसीय और 1 T-20 मैच था. उस दौरे की शुरूआत टेस्ट मैचों से हुई थी. 2014 में भारत 5 टेस्ट मैचों में से केवल 1 मैच जीत पाया था जबकि इंग्लैंड ने 3 टेस्ट जीते थे. इसके विपरीत एकदिवसीय श्रृंखला को भारत ने 3-1 से जीता था.
विदेशी दौरों में भारतीय टीम टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है. जब तक भारतीय बल्लेबाजों को विदेशी पिचों की आदत होती है, तब तक भारत सीरीज़ हार चुका होता है. ऐसा ही कुछ भारत के साथ उनके पिछले दक्षिण अफ्रीका के दौरे में हुआ था. दक्षिण अफ्रीका के दौरे का आरंभ टेस्ट मैचों से हुआ था. दक्षिण अफ्रीका के दौरे में भारतीय टीम बिना किसी ख़ास अभ्यास मैच के टेस्ट सीरीज़ में उतरी थी. इसका परिणाम यह हुआ था कि मेज़बान देश टेस्ट सीरीज़ 2-1 से जीत गया था.
आयरलैंड के विरुद्ध 2 T-20 मैच, प्रारंभिक अभ्यास मैचों के रूप में भारतीय टीम के लिए सहायक तो होंगे ही, वह इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले T-20 मैचों के लिए लय का काम भी करेंगे. लगभग एक महीना इंग्लैंड की पिचों पर खेलने के बाद ही भारतीय टीम पहला टेस्ट मैच खेलेगी.
पहला टेस्ट मैच 1 अगस्त से शुरू होगा. उस समय तक इंग्लैंड में क्रिकेट सीजन समाप्त होने को होता है और पिच अपनी ताज़गी खो चुकी होगी. ऐसी स्थिति में भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने का यह एक आदर्श समय होगा. भारत के दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया ने भी इंग्लैंड के साथ एक दिवसीय...
भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 3 जुलाई से शुरू हो रहा है. शुरूआत में 3 T-20 मैच खेले जाएंगे. उसके बाद 3 एकदिवसीय मुकाबले और अंत में 3 टेस्ट मैच रखे गये हैं. यह सारणी भारतीय टीम के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. वर्तमान सीरीज़ से पहले भारत ने 2014 में इंग्लैंड का एक संपूर्ण दौरा किया था जिसमें 5 टेस्ट मैच, 5 एक दिवसीय और 1 T-20 मैच था. उस दौरे की शुरूआत टेस्ट मैचों से हुई थी. 2014 में भारत 5 टेस्ट मैचों में से केवल 1 मैच जीत पाया था जबकि इंग्लैंड ने 3 टेस्ट जीते थे. इसके विपरीत एकदिवसीय श्रृंखला को भारत ने 3-1 से जीता था.
विदेशी दौरों में भारतीय टीम टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है. जब तक भारतीय बल्लेबाजों को विदेशी पिचों की आदत होती है, तब तक भारत सीरीज़ हार चुका होता है. ऐसा ही कुछ भारत के साथ उनके पिछले दक्षिण अफ्रीका के दौरे में हुआ था. दक्षिण अफ्रीका के दौरे का आरंभ टेस्ट मैचों से हुआ था. दक्षिण अफ्रीका के दौरे में भारतीय टीम बिना किसी ख़ास अभ्यास मैच के टेस्ट सीरीज़ में उतरी थी. इसका परिणाम यह हुआ था कि मेज़बान देश टेस्ट सीरीज़ 2-1 से जीत गया था.
आयरलैंड के विरुद्ध 2 T-20 मैच, प्रारंभिक अभ्यास मैचों के रूप में भारतीय टीम के लिए सहायक तो होंगे ही, वह इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले T-20 मैचों के लिए लय का काम भी करेंगे. लगभग एक महीना इंग्लैंड की पिचों पर खेलने के बाद ही भारतीय टीम पहला टेस्ट मैच खेलेगी.
पहला टेस्ट मैच 1 अगस्त से शुरू होगा. उस समय तक इंग्लैंड में क्रिकेट सीजन समाप्त होने को होता है और पिच अपनी ताज़गी खो चुकी होगी. ऐसी स्थिति में भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने का यह एक आदर्श समय होगा. भारत के दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया ने भी इंग्लैंड के साथ एक दिवसीय श्रृंखला खेली थी जिसमे इंग्लैंड ने अपनी बल्लेबाजी से मेहमानों को चारों खाने चित कर दिया था. इंग्लैंड के बल्लेबाज़ बहतरीन फॉर्म में हैं. उनकी बल्लेबाजी का जवाब देने के लिए भारत को भी अपनी कमर कसनी होगी. इंग्लैंड में क्रिकेट सीजन और मैचों की सारणी भारतीय टीम के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. भारतीय प्रशंसकों को इस स्थिति में अपनी टीम से अच्छे नतीजे दिखाने की उम्मीद होगी.
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मेसी एक महान खिलाड़ी के साथ एक बेहतर इंसान भी हैं
क्या यो-यो टेस्ट खिलाड़ियों की प्रतिभा से ज्यादा बड़ा हो गया है?
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