कहते हैं कॉन्फिडेंस होना जरूरी है, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंस कतई नहीं होना चाहिए. लेकिन पाकिस्तानी बल्लेबाज अजहर अली इसी ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार मालूम पड़ते हैं. यूं तो क्रिकेट के मैदान पर अक्सर ही कोई न कोई दिलचस्प वाकया होता है, लेकिन इस बार जो हुआ है उसने पूरी दुनिया के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है, लेकिन पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा कि वो हंसे या रोए. ये मामला है ही कुछ ऐसा, जिसे सिवाय पाकिस्तान के हर कोई सेलिब्रेट ही करेगा. ये वाकया कुछ ऐसा है जैसे आखों के सामने अपनी दुनिया लुटते हुए देखना.
खुद को रन आउट होते देखते रहे अजहर
इन दिनों ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच अबू धाबी में दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. कल यानी दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन पाकिस्तान काफी अच्छा खेल रहा था. पाकिस्तान की दूसरी पारी का 53वां ओवर चल रहा था, लेकिन तभी पाकिस्तान को झटका देते हुए अजहर अली का चौथा विकेट गिर गया. अजहर अली के सामने ही उन्हें रन-आउट कर दिया गया और वह बीच पिच पर खड़े अपने साथी बल्लेबाज असद शफीक के साथ बातें करते रहे, लेकिन दौड़ कर अपना विकेट नहीं बचाया. लेकिन क्यों? क्योंकि उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया. जब अजहर अली आउट हुए उस समय वह 64 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे और पाकिस्तान का स्कोर 160 रन था.
चौके ने पैदा किया कंफ्यूजन
अजहर अली ने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज पीटर सिडल की गेंद पर शॉट खेला और गेंद बल्ले का किनारा लेते हुए गले के पास से निकल गई. आगे कोई फील्डर नहीं था तो अजहर भी आराम से बीच पिच में जाकर अपने साथ बल्लेबाज से बात करने लगे. लेकिन गेंद बाउंड्री तक पहुंचने से चंद इंच पहले ही रुक गई, जिसे दूर से अजहर देख ही नहीं पाए. उन्हें लगा कि...
कहते हैं कॉन्फिडेंस होना जरूरी है, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंस कतई नहीं होना चाहिए. लेकिन पाकिस्तानी बल्लेबाज अजहर अली इसी ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार मालूम पड़ते हैं. यूं तो क्रिकेट के मैदान पर अक्सर ही कोई न कोई दिलचस्प वाकया होता है, लेकिन इस बार जो हुआ है उसने पूरी दुनिया के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है, लेकिन पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा कि वो हंसे या रोए. ये मामला है ही कुछ ऐसा, जिसे सिवाय पाकिस्तान के हर कोई सेलिब्रेट ही करेगा. ये वाकया कुछ ऐसा है जैसे आखों के सामने अपनी दुनिया लुटते हुए देखना.
खुद को रन आउट होते देखते रहे अजहर
इन दिनों ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच अबू धाबी में दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. कल यानी दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन पाकिस्तान काफी अच्छा खेल रहा था. पाकिस्तान की दूसरी पारी का 53वां ओवर चल रहा था, लेकिन तभी पाकिस्तान को झटका देते हुए अजहर अली का चौथा विकेट गिर गया. अजहर अली के सामने ही उन्हें रन-आउट कर दिया गया और वह बीच पिच पर खड़े अपने साथी बल्लेबाज असद शफीक के साथ बातें करते रहे, लेकिन दौड़ कर अपना विकेट नहीं बचाया. लेकिन क्यों? क्योंकि उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया. जब अजहर अली आउट हुए उस समय वह 64 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे और पाकिस्तान का स्कोर 160 रन था.
चौके ने पैदा किया कंफ्यूजन
अजहर अली ने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज पीटर सिडल की गेंद पर शॉट खेला और गेंद बल्ले का किनारा लेते हुए गले के पास से निकल गई. आगे कोई फील्डर नहीं था तो अजहर भी आराम से बीच पिच में जाकर अपने साथ बल्लेबाज से बात करने लगे. लेकिन गेंद बाउंड्री तक पहुंचने से चंद इंच पहले ही रुक गई, जिसे दूर से अजहर देख ही नहीं पाए. उन्हें लगा कि बॉल बाउंड्री को छू ही गई होगी. गेंद का पीछा कर रहे मिशेल स्टार्क ने बिना देर किए बॉल को विकेटकीपर टिन पेन की ओर फेंका और उन्होंने अजहर को रन आउट कर दिया, जो उस वक विकेट से चंद फुट के फासले पर खड़े थे. वीडियो देखकर आप भी समझ जाएंगे पूरा मामला.
इंग्लैंड के साथ भी हो चुका है ऐसा
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तानी क्रिकेटर अजहर अली पहले ऐसे शख्स हैं, जिनके साथ ये हुआ है. इससे पहले इंग्लैंड के खिलाड़ी Ian Bell के साथ भी ऐसा हो चुका है. ये मामला है जुलाई 2011 का, जब भारत और इंग्लैंड के बीच मैच हो रहा है. उस दौरान भारतीय गेंदबाज श्रीसंत ने टी ब्रेक से पहले अपने ओवर की आखिरी गेंद फेंकी थी, जिस पर Ian Bell ने शॉट मारा और गेंद सीधे बाउंड्री की ओर चल पड़ी. ये देखकर Ian Bell भी समझ गए कि चौका लग गया और वह भी टी ब्रेक के लिए पवेलियन की ओर चल पड़े. लेकिन तभी बॉल का पीछा कर रहे फील्डर प्रवीण ने गेंद को बाउंड्री से टकराने से पहले ही रोक दिया और उसे अभिनव मुकुंद की ओर फेंका. उन्होंने बिना देर किए गिल्लियां उड़ा दीं और रन आउट की अपील कर दी.
ये सब देखकर सिर्फ इंग्लैंड के खिलाड़ी ही हैरान नहीं थे, बल्कि अंपायर भी हैरान नजर आए. रन आउट की अपील पर थर्ड अंपायर से बात की गई तो बता चला कि बॉल बाउंड्री को छू ही नहीं पाई. इसके बाद इंग्लैंड के कप्तान Andrew Strauss और कोच Andy Flower ने ड्रेसिंग रूम में भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से बात की, जिसके बाद धोनी ने भारतीय टीम की अपील को वापस ले लिया. इसके बाद टी ब्रेक खत्म होने पर मैच दोबारा से शुरू हुआ और Ian Bell ने अपनी आगे की पारी खेली.
तब धोनी ने तो अपनी अपील वापस ले ली थी, लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने अपील वापस नहीं ली और अजहर अली को पवेलियन लौटना पड़ा. दोनों ही वाकयों में बल्लेबाजों की लापरवाही साफ दिखाई देती है. जब तक अंपायर ने चौके का इशारा नहीं किया, तब तक बल्लेबाज खुद से कैसे मान सकते हैं कि चौका हो गया? बॉल के डेड होने से पहले ही पिच छोड़कर पवेलियन की ओर चल देना भी किसी लापरवाही से कम नहीं है. खैर, इन दोनों ही वाकयों में एक ये बात कॉमन है कि बल्लेबाजों ने अपनी कल्पना के आधार पर फैसला कर लिया कि ये तो चौका ही होगा.
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