आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी और कमान खुद पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक के हाथ में थी. धोनी ने गेंद जोगिंदर शर्मा को थमा दी. पहली गेंद वाइड, दूसरी गेंद मिस्बाह मिस कर गए लेकिन तीसरी गेंद पर उन्होंने छक्का जड़कर भारतीय फैंस को सन्न कर दिया. अब पाकिस्तान को 4 गेंदों पर जीत के लिए महज 6 रन की जरूरत थी, लेकिन मिस्बाह जोगिंदर शर्मा की गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने की कोशिश में श्रीशांत के हाथों कैच आउट हो गए. इसके साथ ही धोनी की युवा टीम इंडिया ने पहले टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया.
2007 में साउथ अफ्रीका में खेले गए पहले टी20 वर्ल्ड कप के फइनल में भारत और पाकिस्तान की रोमांचक भिड़ंत ने न सिर्फ इस मुकाबले को यादगार बनाया बल्कि टी20 क्रिकेट को भी सुपरहिट बना दिया. पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ न्यूजीलैंड से हारने वाली टीम इंडिया चैंपियन की तरह खेली और फाइनल में पाकिस्तान के साथ भिड़ंत पक्की की. 24 मार्च 2007 में जोहानिसबर्ग में खेले गए फाइनल मुकाबले में गौतम गंभीर की 75 रन की शानदार पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाए.
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पाकिस्तान की टीम नियमित अंतराल पर विकेट गंवाती रही और एक समय 77 रन पर 6 विकेट गंवाकर हार की कगार पर पहुंच गई. लेकिन कप्तान मिस्बाह उल हक ने सिर्फ 38 गेंदों पर 43 रन की जोरदार पारी खेलकर पाकिस्तान को मुकाबले में बनाए रखा. लेकिन आखिरी ओवर में जब पाकिस्तान को 4 गेंदों पर महज 6 रन की जरूरत थी तो मिस्बाह एक ऐसा शॉट खेल गए जो पाकिस्तान के हाथों से वर्ल्ड कप ट्रॉफी छीन ले गया.
आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी और कमान खुद पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक के हाथ में थी. धोनी ने गेंद जोगिंदर शर्मा को थमा दी. पहली गेंद वाइड, दूसरी गेंद मिस्बाह मिस कर गए लेकिन तीसरी गेंद पर उन्होंने छक्का जड़कर भारतीय फैंस को सन्न कर दिया. अब पाकिस्तान को 4 गेंदों पर जीत के लिए महज 6 रन की जरूरत थी, लेकिन मिस्बाह जोगिंदर शर्मा की गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने की कोशिश में श्रीशांत के हाथों कैच आउट हो गए. इसके साथ ही धोनी की युवा टीम इंडिया ने पहले टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया. 2007 में साउथ अफ्रीका में खेले गए पहले टी20 वर्ल्ड कप के फइनल में भारत और पाकिस्तान की रोमांचक भिड़ंत ने न सिर्फ इस मुकाबले को यादगार बनाया बल्कि टी20 क्रिकेट को भी सुपरहिट बना दिया. पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ न्यूजीलैंड से हारने वाली टीम इंडिया चैंपियन की तरह खेली और फाइनल में पाकिस्तान के साथ भिड़ंत पक्की की. 24 मार्च 2007 में जोहानिसबर्ग में खेले गए फाइनल मुकाबले में गौतम गंभीर की 75 रन की शानदार पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाए. ये भी पढ़ें: टी20 वर्ल्ड कप कोई भी जीते, सबसे सफल कप्तान धोनी ही रहेंगे पाकिस्तान की टीम नियमित अंतराल पर विकेट गंवाती रही और एक समय 77 रन पर 6 विकेट गंवाकर हार की कगार पर पहुंच गई. लेकिन कप्तान मिस्बाह उल हक ने सिर्फ 38 गेंदों पर 43 रन की जोरदार पारी खेलकर पाकिस्तान को मुकाबले में बनाए रखा. लेकिन आखिरी ओवर में जब पाकिस्तान को 4 गेंदों पर महज 6 रन की जरूरत थी तो मिस्बाह एक ऐसा शॉट खेल गए जो पाकिस्तान के हाथों से वर्ल्ड कप ट्रॉफी छीन ले गया.
ये भी पढ़ें: वर्ल्ड कप में फिर आमने-सामने भारत-पाक, और नया 'मौका-मौका' इस मुकाबले को न सिर्फ 2007 के टी20 वर्ल्ड कप बल्कि क्रिकेट इतिहास के भी सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक माना जाता है. इसी के साथ आगाज हुआ एक शानदार कप्तान धोनी और रोमांचक टी20 क्रिकेट का, आगे चलकर ये दोनों ही चीजें क्रिकेट की दुनिया पर छा गईं. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |