अनुशासन के नाम पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के ईगो को हर्ट करने वाली पहलवान और ओलंपियन विनेश फोगाट के फैंस के लिए अच्छी खबर है. विनेश को इस साल की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने की अनुमति मिल गई है. उत्कृष्ट खेल होने के बावजूद अनुशासनहीनता का टैग देकर विनेश को WFI ने अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. भाग्य केवल विनेश फोगाट पर ही नहीं बल्कि सोनम मलिक समेत दिव्या काकरान पर भी मेहरबान रहा है. WFI से मिली चेतावनी के बाद अब ये दोनों खिलाड़ी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले सकेंगे. ध्यान रहे कि टोक्यो ओलंपिक से लौटने के बाद विनेश फोगाट और सोनम मलिक पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा था. वहीं दिव्या पर भी फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने 'नियमों' के विरुद्ध जाकर काम करने के आरोप लगाए थे. चाहे वो विनेश के हों या फिर सोनम और दिव्या के, ये फैंस ही थे जिनकी बदौलत इंसाफ हुआ है और इन तीनों ही खिलाड़ियों को दोबारा खेलने का मौका मिला है.
बताते चलें कि इस मामले में फैंस ने तीनों प्लेयर का सपोर्ट किया था और जैसा रवैया इन खिलाड़ियों के प्रति तमाम खेलप्रेमियों का सोशल मीडिया पर था साफ था कि वो बृज भूषण शरण सिंह और WFI की कार्यप्रणाली से नाखुश थे.
मामले पर लोगों का यही कहना था कि जिसे फेडरेशन अनुशासनहीनता का नाम दे रहा है वो व्यर्थ की राजनीति है जिसमें खिलाड़ियों को झोंका जा रहा है और कुश्ती संघ के खोखले अहम के चलते उनका पूरा भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. इस पूरी घटना में दिलचस्प ये है कि तीनों ही खिलाड़ियों को WFI के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने एक चिट्ठी लिखी है.
चिट्ठी में इस बात का...
अनुशासन के नाम पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के ईगो को हर्ट करने वाली पहलवान और ओलंपियन विनेश फोगाट के फैंस के लिए अच्छी खबर है. विनेश को इस साल की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने की अनुमति मिल गई है. उत्कृष्ट खेल होने के बावजूद अनुशासनहीनता का टैग देकर विनेश को WFI ने अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. भाग्य केवल विनेश फोगाट पर ही नहीं बल्कि सोनम मलिक समेत दिव्या काकरान पर भी मेहरबान रहा है. WFI से मिली चेतावनी के बाद अब ये दोनों खिलाड़ी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले सकेंगे. ध्यान रहे कि टोक्यो ओलंपिक से लौटने के बाद विनेश फोगाट और सोनम मलिक पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा था. वहीं दिव्या पर भी फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने 'नियमों' के विरुद्ध जाकर काम करने के आरोप लगाए थे. चाहे वो विनेश के हों या फिर सोनम और दिव्या के, ये फैंस ही थे जिनकी बदौलत इंसाफ हुआ है और इन तीनों ही खिलाड़ियों को दोबारा खेलने का मौका मिला है.
बताते चलें कि इस मामले में फैंस ने तीनों प्लेयर का सपोर्ट किया था और जैसा रवैया इन खिलाड़ियों के प्रति तमाम खेलप्रेमियों का सोशल मीडिया पर था साफ था कि वो बृज भूषण शरण सिंह और WFI की कार्यप्रणाली से नाखुश थे.
मामले पर लोगों का यही कहना था कि जिसे फेडरेशन अनुशासनहीनता का नाम दे रहा है वो व्यर्थ की राजनीति है जिसमें खिलाड़ियों को झोंका जा रहा है और कुश्ती संघ के खोखले अहम के चलते उनका पूरा भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. इस पूरी घटना में दिलचस्प ये है कि तीनों ही खिलाड़ियों को WFI के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने एक चिट्ठी लिखी है.
चिट्ठी में इस बात का जिक्र है कि, वे भविष्य में अनुशासनहीनता के किसी भी कार्य के लिए इन तीनों ही खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होंगे.' बात बृज भूषण के खिलाड़ियों को लिखे पत्र की हो रही है तो ये बताना भी बहुत जरूरी है कि इसमें सिंह ने उस जवाब का भी जिक्र किया है जो इन तीनों ही खिलाड़ियों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को दिया था.
अपने पत्र में सिंह ने लिखा है कि, भले ही कारण बताओ नोटिस पर खिलाड़ियों के जवाब संतोषजनक नहीं थे लेकिन भारतीय कुश्ती संघ आपको फिर से एक मौका देना चाहता है ताकि आप लोग (विनेश, सोनम, दिव्या) अपनी गलतियों में सुधार कर सकें. पत्र में सिंह ने माफी का जिक्र किया है और कहा है कि संघ तीनों ही खिलाड़ियों को चेतावनी देते हुए क्षमा करता है.
पत्र में ये भी कहा गया है कि यदि खिलाड़ी पुनः ऐसी गलती करते हैं तो संघ मजबूर होगा, तीनों ही लोगों को कुश्ती से आजीवन प्रतिबंधित करने के लिए. बताया जा रहा है कि इस 'माफी' की जानकारी फेडरेशन की तरफ से खिलाड़ियों को दे दी गई है. मामले पर WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी अपना तर्क पेश किया है.
तोमर के अनुसार सभी तीनों रेसलर अगले हफ्ते, अक्टूबर में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सिलेक्शन ट्रायल में भाग लेंगे. ज्ञात हो कि चैंपियनशिप नॉर्वे के ओस्लो में आयोजित होनी है. हो सकता है कि एक बार के लिए WFI और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह का ये फैसला खिलाड़ियों के प्रति उसकी दरियादिली लगे मगर क्या वाकई ऐसा है?
जवाब है नहीं. खिलाड़ियों ने कुछ खास गलत नहीं किया बावजूद इसके भले ही कुश्ती संघ खिलाड़ियों को माफी देकर इतरा रहा हो लेकिन वो भी इस बात से भली प्रकार से वाकिफ है कि अनुशासनहीता के तुगलकी फरमान का सामना कर रहे यही खिलाड़ी ऐसे हैं जो वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को पदक दिलवा सकते हैं.
यदि भारत इन खिलाड़ियों के बिना ओस्लो जाता है तो भारत की बेइज्जती को कोई नहीं रोक सकता. साफ है कि खिलाड़ियों को ये माफी WFI द्वारा अपनी इज्जत बचाने के लिए दी गई है. चूंकि बात बृज भूषण शरण सिंह से शुरू हुई है तो वो पत्र जो इन्होंने विनेश, सोनम, दिव्या को लिखा है वो भी ईगो से भरा हुआ है और फेडरेशन का ये ईगो ही है जो खिलाड़ियों के पांव में बेड़ियां डालता है और हमारे मेहनतकश खिलाड़ी पदक से चूक जाते हैं.
बहरहाल क्योंकि खिलाड़ियों के साथ पूरा देश और उसकी दुआएं थीं इसलिए अंदाजा था कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को अपनी भूल का एहसास होगा और वो खिलाड़ियों के साथ इंसाफ करेगा. बाकी अब जबकि WFI ने विनेश फोगाट, सोनम मलिक, दिव्यांग काकरान को 'माफी' दे दी है इससे फजीहत सिर्फ और सिर्फ WFI की हुई है.
अब खिलाड़ी शायद ही भारतीय कुश्ती संघ, उसकी कार्यप्रणाली, उसके रवैये और संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह की बातों पर विश्वास कर पाएं. अंत में बस इतना ही कि क्योंकि प्राइवेट पार्टनर की ट्रेनिंग से जुड़ा है तो हम भी बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि उम्मीद है संघ खिलाड़ियों को वो ट्रेनिंग मुहैया कराएगा जिसके वो हक़दार हैं. वरना राजनीति का क्या है? वो इस देश में हर दूसरी चीज पर तो हो ही रही है.
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