बात गुजरे दिनों की है. विश्व क्रिकेट जगत सकते में तब आया जब ये खबर आई कि थाईलैंड में छुट्टी मनाने गए महान क्रिकेटर शेन वॉर्न की महज 52 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. क्योंकि मरने से पहले तक शेन सोशल मीडिया पर एक्टिव थे. इसलिए फैंस भी इसी बात को दोहरा रहे थे कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है. फैंस की इस बात को थाईलैंड की पुलिस ने वरीयता दी. अचानक कैसे वॉर्न परलोक सिधारे ? इसकी जांच थाईलैंड पुलिस द्वारा शुरू हुई. बाद में थाईलैंड पुलिस ने पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि शेन वॉर्न की मौत नैचुरल कारणों से हुई.
सवाल ये है कि क्या पुलिस से मिली जानकारी के बाद शेन की मौत को लेकर उठने वाले सवालों पर पर्दा गिर गया ? जवाब है नहीं. हर बीतते दिन के साथ शेन की मौत के कारणों के मद्देनजर नयी नयी जानकारियां सामने आ रही हैं. ऐसे में अब जो ताजा तरीन जानकारी सामने आई है उसके अनुसार स्पिन मास्टर शेन वॉर्न न केवल भयंकर वेट लॉस प्रोग्राम पर थे बल्कि वो एक्सट्रीम लिक्विड डाइट पर थे. शेन वॉन किसी भी सूरत में दुबले पतले नजर आना चाहते थे जिसके लिए शायद उन्होंने सीमाएं लांघ दी थीं.
उपरोक्त बात हम यूं ही नहीं कह रहे. ध्यान रहे अपनी मौत से कुछ घंटे पहले ही शेन ने अपने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की थी. तस्वीर...
बात गुजरे दिनों की है. विश्व क्रिकेट जगत सकते में तब आया जब ये खबर आई कि थाईलैंड में छुट्टी मनाने गए महान क्रिकेटर शेन वॉर्न की महज 52 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. क्योंकि मरने से पहले तक शेन सोशल मीडिया पर एक्टिव थे. इसलिए फैंस भी इसी बात को दोहरा रहे थे कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है. फैंस की इस बात को थाईलैंड की पुलिस ने वरीयता दी. अचानक कैसे वॉर्न परलोक सिधारे ? इसकी जांच थाईलैंड पुलिस द्वारा शुरू हुई. बाद में थाईलैंड पुलिस ने पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि शेन वॉर्न की मौत नैचुरल कारणों से हुई.
सवाल ये है कि क्या पुलिस से मिली जानकारी के बाद शेन की मौत को लेकर उठने वाले सवालों पर पर्दा गिर गया ? जवाब है नहीं. हर बीतते दिन के साथ शेन की मौत के कारणों के मद्देनजर नयी नयी जानकारियां सामने आ रही हैं. ऐसे में अब जो ताजा तरीन जानकारी सामने आई है उसके अनुसार स्पिन मास्टर शेन वॉर्न न केवल भयंकर वेट लॉस प्रोग्राम पर थे बल्कि वो एक्सट्रीम लिक्विड डाइट पर थे. शेन वॉन किसी भी सूरत में दुबले पतले नजर आना चाहते थे जिसके लिए शायद उन्होंने सीमाएं लांघ दी थीं.
उपरोक्त बात हम यूं ही नहीं कह रहे. ध्यान रहे अपनी मौत से कुछ घंटे पहले ही शेन ने अपने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की थी. तस्वीर साझा करते हुए शेन ने लिखा था कि उनका ऑपरेशन श्रेड शुरू हो गया है (10 दिन में) और जुलाई तक लक्ष्य कुछ साल पहले इस आकार (जो तस्वीर शेन ने शेयर की) में वापस आना है. ध्यान रहे ये कोई पहली बार नहीं था जब शेन पूरी लिक्विड डाइट पर गए थे. पूर्व में भी उन्होंने इसे अपनाया था जिसका थोड़ा बहुत फायदा उन्हें मिला था.
थाईलैंड में शेन की मौत के बाद जहां एक तरफ परिवार इसे पर्सनल ट्रिप में तबियत ख़राब होना बता रहा है. तो वहीं जो जानकारी शेन के मैनेजर जेम्स एर्स्किन ने दी है वो भी खासी महत्वपूर्ण है. एर्स्किन के अनुसार लेग स्पिनर शेन वॉर्न एक्सट्रीम लिक्विड डाइट पर थे और हालिया दिनों में उनका एकमात्र लक्ष्य पतला / फिट होना था.
चूंकि सारी बहस का रुख पर शेन वॉर्न की लिक्विड डाइट पर आकर मुड़ गया है. इसलिए हमारे लिए भी ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर क्या थी वॉर्न की वो एक्सट्रीम लिक्विड डाइट जो उनकी मौत की वजह बनी.
शेन वार्न की एक्सट्रीम लिक्विड डाइट पर बात करते हुए उनके मैनेजर एर्स्किन ने कहा है कि, वह 14 दिन की लिक्विड डाइट पर थे जिसमें सिर्फ तरल पदार्थ शामिल थे और खाना नहीं था. वहीं वॉर्न की मौत के बाद जो रिपोर्ट्स इंटरनेट पर चर्चा का विषय बानी हैं उनमें बताया गया है कि मौत से पहले वाले हफ्ते में वॉर्न को सामान्य से ज्यादा पसीना आ रहा था.
बात लिक्विड डाइट की हुई है तो हमारे लिए ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि तरल आहारों का उद्देश्य शरीर में कैलोरी की कमी को पूरा करना होता है जिससे वह अतिरिक्त वसा का सेवन करने और वजन कम करने के लिए मजबूर हो जाता है. News.com.au ने एर्स्किन के हवाले से कहा कि वो (वॉर्न) इस तरह के वाहियात डाइट प्लान पर गए जिसमें उन्होंने सिर्फ एक को ख़त्म किया. 14 दिन तक वॉर्न ने सिर्फ तरल प्रदार्थ लिए और ऐसा एक दिन में कम से कम वो चार बार इनका सेवन करते थे.
मौत पर वॉर्न के मैनेजर एर्स्किन ने तमाम बातें की हैं और उन बातों का निचोड़ यही निकला है कि वो वॉर्न जो तरल प्रदार्थों पर इन दिनों जिंदगी काट रहे थे उन्होंने काफी लंबे समय तक सफेद बन्स के साथ मक्खन और लसग्ने चीज ली है. वहीं मैनेजर ने ये भी कहा कि अपने जीवन के एक बड़े हिस्से तक वॉर्न स्मोकिंग में लिप्त थे. एर्स्किन ने वॉर्न के दिल के दौरे को उनके शरीर के लिए एक बड़ा झटका माना.
ध्यान रहे काफी लम्बे समय से वॉर्न अपने बढ़े हुए वजन से परेशान थे हालांकि हमेशा ही उन्होंने किसी भी वेट लॉस प्रोग्राम में जाने से इंकार किया.
कैसे शरीर को प्रभावित करती है लिक्विड डाइट?
बात शेन वॉर्न के लिक्विड डाइट पर जाने से जुड़ी है तो कुछ और बताने से पहले हमारे लिए भी ये बता देना बहुत जरूरी है कि लिक्विड डाइट में मुख्य रूप से खनिजों और विटामिनों को समृद्ध करने और प्रोटीन और वसा को कम करने के उद्देश्य से अलग अलग तरह के जूस लिए जाते हैं जिनमें बिलकुल भी फाइबर नहीं होता. लिक्विड डाइट पर विशेषज्ञों के अपने तर्क है.
उनका यही कहना है कि ऐसा आहार जिसमें सभी पोषक तत्वों का संतुलन नहीं होता है, वह लंबे समय तक प्रभावी नहीं होता है. ओवर डाइटिंग से जहां एक तारीफ महिलाओं में एनीमिया हो सकता है, वहीं इससे मांसपेशियों में कमी हो सकती है और अंगों को सामान्य से अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.
वहीं लिक्विड डाइट पर बीबीसी का मानना यही है कि इसके दुष्प्रभावों में सिरदर्द, चक्कर आना, अत्यधिक थकान, दस्त या कब्ज शामिल हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके बजाय एक विविध और संतुलित आहार की सलाह देते हैं, जिसमें बहुत सारे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और बीज शामिल हैं.
वॉर्न को लेकर दिलचस्प बात ये भी है कि गुजरे दिनों वॉर्न कोरोना वायरस की चपेट में आए थे और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था. ऐसे में उनका वेट लॉस प्रोग्राम के लिए लिक्विड डाइट पर जाना कई मायनों में समझ से परे हैं.
जाते जाते ये बताना भी बहुत जरूरी है इंटरनेट पर चर्चा उन सीसीटीवी फुटेज की भी है जहां उस विला में जहां शेन ठहरे थे वहां कुछ महिलाओं को भी देखा गया. बताया जा रहा है कि ये महिलाएं मसाज करने के उद्देश्य से विला में पहुंची थीं.
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