वक्त कहां रुकता है और किसके लिए रुकता है? मगर महेंद्र सिंह धोनी ने तो जैसे वक्त को भी रोक लिया है. अब देखिए न धोनी 37 साल के तो हो गए लेकिन आज भी टीम इंडिया में उनकी अहमियत उतनी है जितनी 10-12 साल पहले हुआ करती थी. बावजूद इसके कि धोनी पहले की तरह तूफानी बल्लेबाजी नहीं करते, बावजूद इसके कि वो टीम के कप्तान भी नहीं रहे. कप्तान नहीं हैं तो क्या हुआ पर वो कप्तान से कम भी कहां हैं?
ये महज़ अफवाह नहीं है कि कप्तान तो विराट कोहली हैं मगर मैदान पर कप्तानी धोनी ही करते हैं. बिल्कुल करते हैं, ये हमें भी साफ दिखता है और खुद विराट भी मानते हैं कि उनके पास धोनी से बेहतर रणनीति नहीं है.
भारतीय क्रिकेट के लिए भी ये सोने पे सुहागा जैसा है. फ्रंट पर आक्रामक तेवर वाले कप्तान विराट और मैदान पर कूल धोनी की जोड़ी विरोधियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. और ये स्थिति यूं ही नहीं बनी है. 2019 में होने वाले वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर टीम मैनेजमेंट ने ब्लू प्रिंट बनाया गया है और इसमें धोनी की बड़ी अहम भूमिका है. विराट को वर्ल्ड चैंपियन बनना है और वो जानते हैं कि उनका सपना पूरा करने के लिए असली ट्रंप कार्ड धोनी ही हैं.
धोनी दुनिया के इकलौते कप्तान हैं जिनके पास आईसीसी की तीनों ट्रॉफ़ी हैं. यानी वर्ल्ड कप, वर्ल्ड टी 20 और चैंपियंस ट्रॉफ़ी का खिताब सिर्फ और सिर्फ धोनी के पास है. दुनिया के मौजूदा कप्तानों में पाकिस्तान के सरफराज अहमद को छोड़ किसी के पास...
वक्त कहां रुकता है और किसके लिए रुकता है? मगर महेंद्र सिंह धोनी ने तो जैसे वक्त को भी रोक लिया है. अब देखिए न धोनी 37 साल के तो हो गए लेकिन आज भी टीम इंडिया में उनकी अहमियत उतनी है जितनी 10-12 साल पहले हुआ करती थी. बावजूद इसके कि धोनी पहले की तरह तूफानी बल्लेबाजी नहीं करते, बावजूद इसके कि वो टीम के कप्तान भी नहीं रहे. कप्तान नहीं हैं तो क्या हुआ पर वो कप्तान से कम भी कहां हैं?
ये महज़ अफवाह नहीं है कि कप्तान तो विराट कोहली हैं मगर मैदान पर कप्तानी धोनी ही करते हैं. बिल्कुल करते हैं, ये हमें भी साफ दिखता है और खुद विराट भी मानते हैं कि उनके पास धोनी से बेहतर रणनीति नहीं है.
भारतीय क्रिकेट के लिए भी ये सोने पे सुहागा जैसा है. फ्रंट पर आक्रामक तेवर वाले कप्तान विराट और मैदान पर कूल धोनी की जोड़ी विरोधियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. और ये स्थिति यूं ही नहीं बनी है. 2019 में होने वाले वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर टीम मैनेजमेंट ने ब्लू प्रिंट बनाया गया है और इसमें धोनी की बड़ी अहम भूमिका है. विराट को वर्ल्ड चैंपियन बनना है और वो जानते हैं कि उनका सपना पूरा करने के लिए असली ट्रंप कार्ड धोनी ही हैं.
धोनी दुनिया के इकलौते कप्तान हैं जिनके पास आईसीसी की तीनों ट्रॉफ़ी हैं. यानी वर्ल्ड कप, वर्ल्ड टी 20 और चैंपियंस ट्रॉफ़ी का खिताब सिर्फ और सिर्फ धोनी के पास है. दुनिया के मौजूदा कप्तानों में पाकिस्तान के सरफराज अहमद को छोड़ किसी के पास आईसीसी की कोई ट्रॉफ़ी नहीं है. यानी धोनी की इस उपलब्धि के आसपास भी कोई नहीं.
कार्डिफ़ में धोनी ने अपना 500वां इंटरनेशनल मैच खेला. ऐसा करने वाले वो दुनिया के नौवें और भारत के तीसरे खिलाड़ी हैं. सचिन तेंदुलकर 664 और राहुल द्रविड़ 509 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले बाकी दो भारतीय हैं. यानी इसमें भी धोनी द्रविड़ को पीछे छोड़ सचिन के बाद आ जाएंगे. अब ज़रा सोचिए 15 साल पहले रेल में टीटीई की नौकरी करने वाले धोनी ने पिछले 14 सालों में कितना लंबा सफ़र तय कर लिया है?
क्या ऐसा बेमिसाल और बेजोड़ करियर सिर्फ प्रदर्शन के दम पर बनता है? इसका जवाब है नहीं, क्योंकि दुनिया में एक से बड़े एक क्रिकेटर हुए जिनका रिकॉर्ड धोनी से भी बेहतर होगा. लेकिन धोनी ने अपनी कामयाबी को कभी सिर पर चढ़ने नहीं दिया. जैसे थे वैसे ही बने रहे. इसलिए उनके फैंस का प्यार भी वैसे ही बना रहा जैसे पहले था. इसलिए हम ये कह सकते हैं कि धोनी जैसा ना कोई हुआ है और ना उन जैसा आगे कोई होगा.
माही को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं !
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