टी20 वर्ल्ड कप से पहले विराट कोहली लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं. क्योंकि, इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टी20 मैचों में विराट कोहली में से दूसरे मैच में 1 रन और तीसरे में 11 रन ही बनाए थे. और, उनकी खराब फॉर्म के बावजूद रोहित शर्मा की ओर से उनका समर्थन करने के बाद तय माना जा रहा है कि टी20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली टीम इंडिया के स्क्वॉड में शामिल रहेंगे. जबकि, टीम इंडिया के कई वेटरन खिलाड़ियों और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने विराट कोहली के खराब फॉर्म को लेकर उनकी जबरदस्त आलोचना की है. ढाई साल से जारी विराट कोहली के खराब प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर पर भी भरपूर माहौल बना हुआ है. इसके बावजूद टी20 मैचों में अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए मिलने वाले मौके की जगह विराट कोहली ने वेस्टइंडीज दौरे से खुद को 'आराम' दिया है. कोहली के इस फैसले के बाद कहना गलत नहीं होगा कि अब विराट को आराम से ज्यादा 'संन्यास' के बारे में सोचना चाहिए. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों है...
'आराम' के लिए आईपीएल को क्यों नहीं चुना?
विराट कोहली टीम इंडिया के स्टार प्लेयर्स में से एक हैं. जिसकी वजह से टीम इंडिया के तकरीबन हर विदेशी दौरे या घरेलू सीरीज में विराट कोहली स्क्वॉड का हिस्सा होते हैं. लिखी सी बात है कि टीम इंडिया का ये बिजी शेड्यूल कोहली के लिए थकाने वाला है. लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि बीसीसीआई की ओर से विराट कोहली समेत अन्य स्टार खिलाड़ियों को आराम नहीं दिया जाता है. कई कमजोर टीमों के खिलाफ मैचों में इन खिलाड़ियों को स्क्वॉड से बाहर रखा जाता है. लेकिन, टी20 वर्ल्ड कप से पहले तैयारी के आखिरी मौके के तौर पर वेस्टइंडीज के दौरे से अलग होकर विराट कोहली ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. क्योंकि, इस फैसले से क्रिकेट फैन्स के बीच यही मैसेज गया है कि विराट कोहली के लिए टीम इंडिया के लिए खेलने से ज्यादा आईपीएल जरूरी है. क्योंकि, अगर आराम से फॉर्म वापस आती. तो, विराट कोहली को थकाऊ आईपीएल से आराम...
टी20 वर्ल्ड कप से पहले विराट कोहली लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं. क्योंकि, इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टी20 मैचों में विराट कोहली में से दूसरे मैच में 1 रन और तीसरे में 11 रन ही बनाए थे. और, उनकी खराब फॉर्म के बावजूद रोहित शर्मा की ओर से उनका समर्थन करने के बाद तय माना जा रहा है कि टी20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली टीम इंडिया के स्क्वॉड में शामिल रहेंगे. जबकि, टीम इंडिया के कई वेटरन खिलाड़ियों और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने विराट कोहली के खराब फॉर्म को लेकर उनकी जबरदस्त आलोचना की है. ढाई साल से जारी विराट कोहली के खराब प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर पर भी भरपूर माहौल बना हुआ है. इसके बावजूद टी20 मैचों में अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए मिलने वाले मौके की जगह विराट कोहली ने वेस्टइंडीज दौरे से खुद को 'आराम' दिया है. कोहली के इस फैसले के बाद कहना गलत नहीं होगा कि अब विराट को आराम से ज्यादा 'संन्यास' के बारे में सोचना चाहिए. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों है...
'आराम' के लिए आईपीएल को क्यों नहीं चुना?
विराट कोहली टीम इंडिया के स्टार प्लेयर्स में से एक हैं. जिसकी वजह से टीम इंडिया के तकरीबन हर विदेशी दौरे या घरेलू सीरीज में विराट कोहली स्क्वॉड का हिस्सा होते हैं. लिखी सी बात है कि टीम इंडिया का ये बिजी शेड्यूल कोहली के लिए थकाने वाला है. लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि बीसीसीआई की ओर से विराट कोहली समेत अन्य स्टार खिलाड़ियों को आराम नहीं दिया जाता है. कई कमजोर टीमों के खिलाफ मैचों में इन खिलाड़ियों को स्क्वॉड से बाहर रखा जाता है. लेकिन, टी20 वर्ल्ड कप से पहले तैयारी के आखिरी मौके के तौर पर वेस्टइंडीज के दौरे से अलग होकर विराट कोहली ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. क्योंकि, इस फैसले से क्रिकेट फैन्स के बीच यही मैसेज गया है कि विराट कोहली के लिए टीम इंडिया के लिए खेलने से ज्यादा आईपीएल जरूरी है. क्योंकि, अगर आराम से फॉर्म वापस आती. तो, विराट कोहली को थकाऊ आईपीएल से आराम लेना चाहिए था.
टीम इंडिया के पास युवा खिलाड़ियों की फौज
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली टीम इंडिया के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं. लेकिन, सूर्यकुमार यादव, दीपक हूडा जैसे खिलाड़ियों की एक बड़ी फौज आईपीएल के जरिये टीम इंडिया में अपनी दावेदारी ठोक रही है. इतना ही नहीं, इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन घरेलू टूर्नामेंट में भी बेहतर ही रहा है. वहीं, टीम इंडिया के पास दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ी भी हैं. जो अनुभव के साथ ही हालिया प्रदर्शन के लिहाज से विराट कोहली से हर मामले में इक्कीस ही साबित होते हैं.
अगर टीम इंडिया प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों को ही टी20 वर्ल्ड कप के स्क्वॉड में शामिल करने का मन बनाती है. तो, विराट कोहली के लिए टीम इंडिया में अपनी जगह बचाना मुश्किल हो जाएगा. टीम इंडिया को 1983 में पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि 'अगर वर्ल्ड के नंबर 2 गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को टेस्ट मैच में बाहर बिठाया जा सकता है. तो, वर्ल्ड के नंबर 1 को भी बाहर बिठाया जा सकता है. जब आपके पास बहुत से ऑप्शन हैं, तब इन फॉर्म प्लेयर्स को खिलाना चाहिए.'
बड़े खिलाड़ियों को पहले भी किया गया है 'ड्रॉप'
ये पहला मौका नहीं है, जब टीम इंडिया से किसी बड़े खिलाड़ी को ड्रॉप करने की मांग की जा रही हो. इससे पहले कई बड़े खिलाड़ियों को उनके खराब प्रदर्शन की वजह से टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने कोहली के खराब फॉर्म को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'एक ऐसा भी समय था, जब आउट ऑफ फॉर्म होने पर आपकी प्रतिष्ठा को नजरअंदाज कर आपको टीम से ड्रॉप कर दिया जाता था. सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, हरभजन सिंह सभी को उनकी खराब फॉर्म की वजह से ड्रॉप किया गया. ये सभी घरेलू क्रिकेट में खेले, रन बनाए और वापसी की. लगता है कि अब मानदंड काफी बदल गए हैं, जहां आउट ऑफ फॉर्म होने के लिए आराम है. देश में इतनी प्रतिभा है कि प्रतिष्ठा से नहीं खेला जा सकता. भारत के महानतम मैच-विजेताओं में से एक अनिल कुंबले कई मौकों पर बाहर बैठे. बड़ी जीत के लिए एक्शन की जरूरत है.'
T20 World Cup में 'फेल' हुए, तो संन्यास ही रास्ता
विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दो टी20 मैचों में कुल 12 रन ही बना सके हैं. और, अब अपनी खराब फॉर्म की वजह से आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं. हालांकि, ये विराट कोहली के लिए राहत की ही बात है कि उनके हाथ में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले तीन वनडे मैचों की सीरीज में अपनी खराब फॉर्म से निपटने का मौका है. लेकिन, अगर विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में भी फेल हो जाते हैं. तो, इस बात में शायद ही कोई दो राय होगी कि जिस तरह से बीसीसीआई ने विराट कोहली से कप्तानी ली थी. उसी तरह उन्हें टी20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया के टी20 स्क्वॉड से हमेशा के लिए संन्यास दिला दिया जाए.
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