भारत और वेस्टइंडीज के बीच विशाखापट्नम वनडे बराबरी पर छूटा. यानी टाई. इस रोमांचक मैच का नतीजा हार-जीत में हो भी नहीं सकता था. क्योंकि पहली पारी में विराट कोहली ने ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया था, जिसका सम्मान नियती को भी करना पड़ा. भारत की रन-मशीन विराट कोहली ने वन डे में सबसे तेज दस हजार रन बनाने का रिकॉर्ड कायम किया. इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए उन्होंने बड़े आराम से वन डे में अपना 37वां शतक पूरा किया. विराट की उपलब्धि सिर्फ क्रिकेट-प्रमियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है.
एक ऐसे समय में, जब नेताओं के चरित्र से लेकर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमतों तक बहुत सी चीजें लगातार गिर रही हों. केवल एक चीज है जिसका ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के परफॉर्मेंस का ग्राफ. कोहली ने वनडे क्रिकेट में 10,000 रन के उस कीर्तिमान को छू लिया जो किसी भी क्रिकेटर के लिए किसी सपने से कम नहीं होता. विराट से पहले इतनी तेजी से इस मुकाम तक पहुंचने का रिकॉर्ड क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम था. ध्यान रहे कि सचिन ने 10,000 रन बनाने के लिए 259 पारियों में प्रदर्शन किया. वहीं सचिन के विपरीत बात अगर विराट की हो तो विराट ने इस कीर्तिमान तक पहुंचने के लिए महज 205 पारियों का सहारा लिया और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया.
गौरतलब है कि विराट ने सचिन के मुकाबले 54 पारियां कम खेली और ये रिकॉर्ड अपने नाम किया है. अतः हमारे लिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि जैसे-जैसे वक़्त आगे बढ़ेगा विराट ऐसे बहुत से रिकॉर्ड स्थापित करेंगे जिन तक पहुंच पानाऔर उन्हें तोड़ना किसी भी क्रिकेटर के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होगा. सचिन और कोहली के अतिरिक्त भारत के लिए सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी का शुमार...
भारत और वेस्टइंडीज के बीच विशाखापट्नम वनडे बराबरी पर छूटा. यानी टाई. इस रोमांचक मैच का नतीजा हार-जीत में हो भी नहीं सकता था. क्योंकि पहली पारी में विराट कोहली ने ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया था, जिसका सम्मान नियती को भी करना पड़ा. भारत की रन-मशीन विराट कोहली ने वन डे में सबसे तेज दस हजार रन बनाने का रिकॉर्ड कायम किया. इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए उन्होंने बड़े आराम से वन डे में अपना 37वां शतक पूरा किया. विराट की उपलब्धि सिर्फ क्रिकेट-प्रमियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है.
एक ऐसे समय में, जब नेताओं के चरित्र से लेकर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमतों तक बहुत सी चीजें लगातार गिर रही हों. केवल एक चीज है जिसका ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के परफॉर्मेंस का ग्राफ. कोहली ने वनडे क्रिकेट में 10,000 रन के उस कीर्तिमान को छू लिया जो किसी भी क्रिकेटर के लिए किसी सपने से कम नहीं होता. विराट से पहले इतनी तेजी से इस मुकाम तक पहुंचने का रिकॉर्ड क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम था. ध्यान रहे कि सचिन ने 10,000 रन बनाने के लिए 259 पारियों में प्रदर्शन किया. वहीं सचिन के विपरीत बात अगर विराट की हो तो विराट ने इस कीर्तिमान तक पहुंचने के लिए महज 205 पारियों का सहारा लिया और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया.
गौरतलब है कि विराट ने सचिन के मुकाबले 54 पारियां कम खेली और ये रिकॉर्ड अपने नाम किया है. अतः हमारे लिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि जैसे-जैसे वक़्त आगे बढ़ेगा विराट ऐसे बहुत से रिकॉर्ड स्थापित करेंगे जिन तक पहुंच पानाऔर उन्हें तोड़ना किसी भी क्रिकेटर के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होगा. सचिन और कोहली के अतिरिक्त भारत के लिए सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी का शुमार उन क्रिकेटरों में है जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 10,000 रन पूरे किये हैं.
विराट कोहली कितने बड़े परफेक्शनिस्ट है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मुकाबले में उन्होंने एक नहीं बल्कि दो रिकॉर्ड अपने नाम किये हैं. कोहली वनडे क्रिकेट में होम पिच पर सबसे तेज 4000 रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बन गए हैं. चूंकि हमेशा ही विराट और सचिन की तुलना की गई है तो यहां भी हम विराट कोहली को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से कम्पेयर करेंगे. सचिन ने यह मुकाम 92 पारियों में हासिल किया था जबकि कोहली ने महज 78 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की है.
ज्ञात हो कि जिस वक़्त सचिन ने 10,000 रनों का रिकॉर्ड बनाया था उस वक़्त उनकी उम्र 27 साल 341 दिन थी जबकि विराट कोहली ने 29 साल 317 दिन की उम्र में इस मुकाम पर पहुंचे हैं. कोहली का ग्राफ कैसे दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है यदि इसे समझना हो तो हमें कोहली की परफॉरमेंस को बहुत ध्यान से देखना चाहिए. कोहली एक साल में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में अपने ही रिकॉर्ड के करीब आ चुके हैं. साल 2018 में कोहली ने अब तक नौ शतक लगाए हैं.
बहरहाल, सफलता किसी को यूं ही नहीं मिलती. इसके लिए जितनी जरूरी मेहनत है, उतना ही समर्पण भी महत्वपूर्ण है. यदि हम विराट को देखें तो मिलता है कि न सिर्फ वो मेहनती हैं बल्कि उनका डेडिकेशन भी उनके व्यक्तित्व कि ही तरह कमाल का है. चाहे अपनी फिटनेस हो या फिर पूर्णतः वीगन डाइट अपनाना. विराट ने हमें बताया है कि जीत उन लोगों की ही होती है जिनमें कुछ एक्स्ट्रा आर्डिनरी करने का जज्बा होता है.
खैर, अब जबकि विराट ये रिकॉर्ड बना चुके हैं हमारे लिए भी देखना दिलचस्प रहेगा कि क्रिकेट जगत में ऐसा कौन सा खिलाड़ी है जो विराट से आगे निकलने या फिर उनसे आगे निकलने के बारे में सोचता है.
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