आईपीएल 2022 के रोमांचक मैचों में भले ही रनों की ताबड़तोड़ बरसात हो रही हो. लेकिन, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के बल्ले से रन नहीं निकल पा रहे हैं. 19 अप्रैल को आईपीएल 2022 के एक मैच में 'गोल्डन डक' का शिकार हुए टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली पर 'दबाव' साफ नजर आ रहा है. आईपीएल 2022 में रॉयल चैलेजर्स बैंगलोर के लिए खेल रहे विराट कोहली अब तक हुए सात मैचों में 19.83 के औसत से केवल 119 रन ही बना सके हैं. इन सात मैचों में कोहली का हाइएस्ट स्कोर 48 रन रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अप्रैल 2019 से शतक के लिए तरस रहे विराट कोहली आईपीएल 2022 में अब तक अर्द्धशतक बनाने में भी असफल रहे हैं. अपने क्रिकेट करियर के सबसे बुरे दौर से जूझ रहे विराट कोहली के लिए अब 'ब्रेक' लेने की बातें होने लगी हैं. टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने भी विराट कोहली को क्रिकेट से आराम लेने की सलाह दी है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि विराट कोहली के लिए अब 'ब्रेक' क्यों जरूरी नजर आ रहा है?
'दबाव' में शतक छोड़िए, अच्छी पारी भी खेलने में नाकाम
टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली ने 100 पारियों पहले शतक लगाया था. अप्रैल 2019 में आखिरी शतक लगाने के बाद विराट कोहली अब तक 17 टेस्ट, 21 वनडे, 25 टी20 और 37 आईपीएल पारियां खेल चुके हैं. लेकिन, शतक को तरस रहे हैं. वैसे, शतक की बात को फिलहाल किनारे ही रख देना चाहिए. क्योंकि, आईपीएल 2022 की पिछली सात पारियों में विराट कोहली एक अच्छी पारी खेलने में भी नाकाम रहे हैं. इतना ही नहीं विराट कोहली का परफॉर्मेंस सीरीज दर सीरीज खराब ही होता जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो विराट कोहली पर 'दबाव' इस कदर...
आईपीएल 2022 के रोमांचक मैचों में भले ही रनों की ताबड़तोड़ बरसात हो रही हो. लेकिन, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के बल्ले से रन नहीं निकल पा रहे हैं. 19 अप्रैल को आईपीएल 2022 के एक मैच में 'गोल्डन डक' का शिकार हुए टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली पर 'दबाव' साफ नजर आ रहा है. आईपीएल 2022 में रॉयल चैलेजर्स बैंगलोर के लिए खेल रहे विराट कोहली अब तक हुए सात मैचों में 19.83 के औसत से केवल 119 रन ही बना सके हैं. इन सात मैचों में कोहली का हाइएस्ट स्कोर 48 रन रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अप्रैल 2019 से शतक के लिए तरस रहे विराट कोहली आईपीएल 2022 में अब तक अर्द्धशतक बनाने में भी असफल रहे हैं. अपने क्रिकेट करियर के सबसे बुरे दौर से जूझ रहे विराट कोहली के लिए अब 'ब्रेक' लेने की बातें होने लगी हैं. टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने भी विराट कोहली को क्रिकेट से आराम लेने की सलाह दी है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि विराट कोहली के लिए अब 'ब्रेक' क्यों जरूरी नजर आ रहा है?
'दबाव' में शतक छोड़िए, अच्छी पारी भी खेलने में नाकाम
टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली ने 100 पारियों पहले शतक लगाया था. अप्रैल 2019 में आखिरी शतक लगाने के बाद विराट कोहली अब तक 17 टेस्ट, 21 वनडे, 25 टी20 और 37 आईपीएल पारियां खेल चुके हैं. लेकिन, शतक को तरस रहे हैं. वैसे, शतक की बात को फिलहाल किनारे ही रख देना चाहिए. क्योंकि, आईपीएल 2022 की पिछली सात पारियों में विराट कोहली एक अच्छी पारी खेलने में भी नाकाम रहे हैं. इतना ही नहीं विराट कोहली का परफॉर्मेंस सीरीज दर सीरीज खराब ही होता जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो विराट कोहली पर 'दबाव' इस कदर हावी हो गया है कि उनके बल्ले से एक अच्छी पारी की उम्मीद भी अब खत्म सी होती जा रही है. कोहली पर अच्छे प्रदर्शन के साथ ही फैंस की उम्मीदों पर खरे उतरने का दबाव लगातार बना हुआ है. क्योंकि, क्रिकेट के मैदान पर कोहली की 'बादशाहत' उनकी हालिया आईसीसी रैंकिंग गिरने से ही समझी जा सकती है.
2021 का 'दबाव' अब तक महसूस कर रहे हैं किंग कोहली
साल 2021 विराट कोहली के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं बीता था. बीते साल विराट कोहली के नाम के साथ कई विवाद जुड़े. टीम इंडिया के कुछ सीनियर खिलाड़ियों से विवाद, टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के ऐलान, मजबूरी में आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी छोड़ने, वनडे की कप्तानी से भी हाथ धोने जैसे कई मामलों की वजह से विराट कोहली सुर्खियों में रहे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो 2021 में विवादों का विराट के साथ चोली-दामन का साथ रहा. वहीं, विराट कोहली के लगातार कमजोर प्रदर्शन ने इन विवादों से उपजे दबाव को और ज्यादा बढ़ा दिया. टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने भी शायद इसी ओर इशारा करते हुए कहा है कि 'कोहली दिमागी तौर पर पूरी तरह से पक चुके हैं. अगर करियर के बचे हुए सालों में कोहली की बेहतरीन क्रिकेट देखना है, तो आराम देना जरूरी है.'
विराट कोहली क्यों नही ले रहे हैं 'ब्रेक'?
विराट कोहली के लिए ब्रेक लेने के फिलहाल दो ही ऑप्शन हैं. पहला आईपीएल 2022 से दूरी बना लें. और, दूसरा बीसीसीआई से छुट्टी की मांग करें. वैसे, बीसीसीआई के ऊपर वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने से पहले कोई जानकारी नहीं देने की बात कहकर विराट कोहली बोर्ड से पंगा ले चुके हैं. तो, ये समझना कोई बड़ी बात नही है कि दूसरा वाला विकल्प कोहली के लिए पहले से ही बंद है. और, आईपीएल 2022 से दूरी बनाना उनके लिए मुश्किल होगा. क्योंकि, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए क्रिकेट खेलने से आराम लेने पर कोहली की करोड़ों की कमाई पर ब्रेक लग जाएगा.
इस बात में कोई दो राय नही है कि कोरोना महामारी के बीच शुरू हुए क्रिकेट के मुकाबलों में लंबे समय से बायो बबल का चलन ने खिलाड़ियों को मानसिक थकान से भर दिया है. लेकिन, अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर सजग रहने वाले विराट कोहली का क्रिकेट से ब्रेक न लेना चौंकाता नही है. क्योंकि, विराट कोहली के लिए क्रिकेट करियर के गिरते हुए ग्राफ के मौके पर बीसीसीआई से छुट्टी की मांग करना टीम इंडिया में उनके भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगा सकता है. क्योंकि, टीम इंडिया जगह बनाने के लिए चल रही 'रेस' में टीम इंडिया से अलग होने का जोखिम उठाना विराट कोहली के लिए खतरनाक हो सकता है.
वैसे, अगर विराट कोहली कुछ महीनों का 'ब्रेक' ले भी लेते हैं, तो वापसी के साथ ही उन पर फिर से बेहतर प्रदर्शन का दबाव होगा. क्योंकि, विराट कोहली अब खुद टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों में शामिल हो चुके हैं. अगर विराट कोहली कप्तानी जाने से उपजी निराशा, बीसीसीआई से टकराव जैसी समस्याओं से निजात नहीं पाते हैं, तो उनके लिए आने वाला समय और ज्यादा मुश्किल हो सकता है. विराट कोहली के लिए अपने रवैये में अब आक्रामकता की जगह विनम्रता को जगह देना ज्यादा जरूरी हो गया है. लेकिन, लगता नही है कि अपनी हालिया असफलताओं से कोहली ने कोई सबक लिया है.
कहा जा सकता है कि विराट कोहली के अंदर जो कुछ सालों की क्रिकेट बची हुई है. वह उसे अपने व्यवहार और निराशा की भेंट चढ़ाने पर आमादा हैं. एक खिलाड़ी के तौर पर कोहली को जल्द ही अपने लिए कुछ निर्णय करने होंगे. और, अगर वो ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं. तो, इस बात की संभावना भी बढ़ जाएगी कि टीम इंडिया के इस धाकड़ बल्लेबाज को बीसीसीआई ही किनारे लगा दे. क्योंकि, बिना अच्छे प्रदर्शन के दुनिया का कोई भी क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ी को एक निश्चित समय तक के लिए ही मौके दे सकता है. सचिन तेंडुलकर से लेकर महेंद्र सिंह धोनी तक हमारे पास उदाहरणों की कमी नही है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.