27 अगस्त से शुरू होने वाले एशिया कप को लेकर क्रेज अपने चरम पर है. क्योंकि, 28 अगस्त को तकरीबन 10 महीने बाद मैदान पर चिर प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमें आमने-सामने होंगी. लेकिन, एशिया कप के शुरू होने से पहले ही इसके कमेंट्री पैनल में एक नाम को शामिल किए जाने पर बवाल मच गया है. दरअसल, भारत में एशिया कप का लाइव टेलीकास्ट स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क करेगा. और, स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क ने अपने कमेंट्री पैनल में गौतम गंभीर, इरफान पठान, वसीम अकरम और रवि शास्त्री जैसे कई दिग्गजों को शामिल किया है. लेकिन, इन दिग्गजों के बीच पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज वकार यूनुस का भी नाम शामिल है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क से वकार यूनुस को पैनल से बाहर निकालने की मांग की जा रही है.
वकार यूनुस की जिहादी मानसिकता पहले भी कई बार सामने आ चुकी है.
क्यों की जा रही है वकार यूनुस को बाहर करने की मांग?
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस हिंदुओं और भारत के खिलाफ नफरती बयान देने के लिए मशहूर हैं. पाकिस्तान के टीवी चैनलों की डिबेट्स में वकार यूनुस कई बार अपनी जिहादी और हिंदूविरोधी मानसिकता का प्रदर्शन कर चुके हैं. बीते साल टी20 वर्ल्ड कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच में पाकिस्तानी टीम ने भारत को 10 विकेट से हराया था. इसी मैच में पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ड्रिंक्स ब्रेक के बीच ग्राउंड पर नमाज अदा करते देखे गए थे. जिस पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और बॉलिंग कोच वकार यूनुस ने कहा था कि 'हिंदुओं के बीच मैदान पर रिजवान का नमाज अदा करना बहुत खास था.'
वकार ने मांगी थी माफी, लेकिन कारण कुछ और ही थे
टी20 वर्ल्ड कप के दौरान की गई वकार यूनुस की इस टिप्पणी पर काफी हंगामा हुआ था. वकार यूनुस के बयान को लेकर पूरी दुनिया में ही उनकी आलोचना हुई थी. हालांकि, विवाद बढ़ने के साथ ही वकार यूनुस ने अपने बयान से पलटी मारते हुए माफी ट्विटर पर लिखा था कि 'आवेश में आकर मैंने ऐसी बात कह दी. मैंने ऐसा कुछ कहा, जो मेरा कहने का मतलब नहीं था, जिससे काफी लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. मेरा ऐसा मकसद बिल्कुल नहीं था, सच में गलती हो गई. खेल लोगों को रंग और धर्म से हटकर जोड़ता है.' लेकिन, इस माफी का कारण स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क के कमेंट्री पैनल में शामिल होने जैसी संभावनाओं को बनाए रखना ही था. क्योंकि, अगर वकार यूनुस ऐसा नहीं करते, तो शायद ही उन्हें एशियन क्रिकेट काउंसिल की ओर से हरी झंडी मिलती. क्योंकि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई के दबदबे के आगे सभी फेल हो जाते हैं.
पाकिस्तानी टीम में खिलाड़ियों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी वकार यूनुस से इस तरह के बयान की उम्मीद किसी ने नहीं की थी. लेकिन, ऐसी उम्मीद करना भी गलत ही है. क्योंकि, जो पाकिस्तान बना ही इस्लाम के नाम पर हो. वहां हिंदुओं के खिलाफ सोच रखना तो एक अर्हता ही मानी जा सकती है. वैसे, पाकिस्तानी बल्लेबाज यूसुफ योहाना के मोहम्मद यूसुफ बनने के से ही समझा जा सकता है कि पाकिस्तानी टीम में अलग धर्म के खिलाड़ियों से भेदभाव किस हद तक था. वहीं, पाकिस्तान के दिग्गज लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को भी हिंदू होने की वजह से पाकिस्तानी टीम में काफी भेदभाव सहन करना पड़ता था.
खुद पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने ये बात एक डिबेट के दौरान कही थी. शोएब अख्तर ने कहा था कि हिंदू होने की वजह से कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ खाना तक नहीं खाते थे. वैसे, इस्लामिक कट्टरता के आगे पाकिस्तानी खिलाड़ियों का झुकना कोई बड़ी बात नहीं है. पाकिस्तानी टीम के कई खिलाड़ी अपनी कट्टर इस्लामिक सोच का मुजाहिरा करते रहे हैं. पूर्व बल्लेबाज शाहिद अफरीदी तो आजकल पाकिस्तान में अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए कश्मीर से लेकर भारत में हिंदुओं द्वारा मुस्लिमों पर अत्याचार तक की बात करने से पीछे नहीं रहते हैं.
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