श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम में दो मैच विनर खिलाड़ियों को जगह नहीं मिल पाई. सिक्सर किंग युवराज सिंह और सुरेश रैना. दोनों ने टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका में बेहतरीन योगदान दिया है. दोनों जब अपने रंग में होते हैं तो विरोधी गेंदबाजों के छक्के छुट जाते हैं. वैसे ये चयन प्रदर्शन के आधार पर नहीं बल्कि एक फिटनेस टेस्ट के आधार पर किया गया. जिसका नाम है यो यो इंडुरेंस फिटनेस टेस्ट. चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी साफ शब्दों में कह दिया कि फिटनेस से खिलाड़ियों को कोई समझौता नहीं करना चाहिए. वैसे भी अक्सर कहा जाता है कि जो फिट है, वही हिट है. इस टेस्ट के पीछे का कारण है ये भी है कि हर खिलाड़ी की फिटनेस को आंका जाए, जिससे कि वो मैदान पर बढ़िया खेल दिखा सके. इसीलिए अब इस टेस्ट को पास करना खिलाड़ियों के लिए जरुरी कर दिया गया है.
ऐसे होता है यो यो टेस्ट:
इस टेस्ट में बीप की आवाज पर दूरी तय करनी होती है. ये टेस्ट काफी मुश्किल होता है और इसको पास करने के लिए खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. दरअसल यो यो टेस्ट में खिलाड़ियों की स्पीड को मापकर ही स्कोर दिया जाता है और बीच में सिर्फ 10 सैकेंड का ब्रेक होता है. इस टेस्ट को पास करने के लिए खिलाड़ियों को कम से कम 19.5 का स्कोर चाहिेए. जिससे खिलाड़ियों की फिटनेस का अंदाजा लगाया जा सके. इस टेस्ट में 20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रख दिए जाते हैं. एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी का पैर पीछे की ओर होता है तो वह दूसरी की तरफ वह दौड़ना शुरू करता है. जैसे ही बीप बजती है तो उसको मुड़ना होता है. हर मिनट के बाद गति और तेज करनी होती है और ऐसे में अगर खिलाड़ी वक्त पर लाइन तक नहीं पहुंच पाता तो उसे दो बीप्स के भीतर लाइन तक पहुंचना होता है. अगर वह ऐसा करने में नाकाम होता है तो उसे फेल माना जाता है. दिलचस्प बात ये भी है कि यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर बनी होती है, जिसमें रिजल्ट को रिकॉर्ड किया जाता है.
युवराज सिंह और सुरेश रैना प्रैक्टिस के दौरानऐसे हुए युवराज और रैना बाहर:
वैसे अगर देखा जाए तो आजकल भारतीय खिलाड़ियों को टीम में जगह बनाने के लिए ना जाने कितने फिटनेस टेस्ट पास करने पड़ते हैं. जिसमें से अब 'यो-यो' टेस्ट को सबसे अहम माना गया है. बीसीसीआई के अधिकारियों ने बताया कि 'यो यो' टेस्ट में हर खिलाड़ी को कम से कम 19.5 या इससे ज्यादा अंक हासिल करने होते हैं लेकिन टीम इंडिया के दोनों स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह और सुरेश रैना नेशनल क्रिकेट अकेडमी में यो-यो एंडुरेंस टेस्ट पास करने में नाकाम रहे. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार ये दोनों ही खिलाड़ी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में कराये गए 'यो-यो बीप टेस्ट' को पास नहीं कर पाए युवराज और रैना ने बेहद खराब प्रदर्शन किया. दोनों खिलाड़ियों का स्कोर सिर्फ 16 रहा था. और जिसका परिणाम ये रहा कि इन दोनों का नाम श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए अंतिम 11 में नहीं रखा गया.
अभ्यास करते टीम इंडिया के खिलाड़ीयो यो टेस्ट में भारतीय खिलाड़ियों का स्कोर:
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने ये भी बताया, औसतन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यो-यो टेस्ट में 21 का ही स्कोर करते हैं. इस टेस्ट में कप्तान विराट कोहली का स्कोर 21 रहा, इसके अलावा, रवींद्र जाडेजा, मनीष पांडे लगातार यह स्कोर हासिल कर रहे हैं, जबकि बाकी खिलाड़ियों का स्कोर या तो 19.5 है या उससे ज्यादा रहा है. अधिकारी ने ये भी कहा कि 'इससे पहले जब पारपंरिक बीप टेस्ट हुआ करता था तो 90 के दशक के भारतीय खिलाड़ियों में से मोहम्मद अजहरुद्दीन, रोबिन सिंह और अजय जडेजा को छोड़कर अधिकतर 16 से 16.5 का स्कोर बनाते थे. लेकिन अब स्थिति बिल्कुल बदल गई है. और कप्तान खुद ही मानदंड स्थापित कर रहा है ताकि भारतीय टीम पुरी तरीके से फिट रहे. जो कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने लिए बनाए हैं.
बीसीसीआई का है फिटनेस पर ज्यादा जोर:
2019 विश्वकप को देखते हुए कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद किसी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं नजर आ रहे हैं. इन तीनों ने बोर्ड से भी साफ़ कह दिया है कि कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो उसकी फिटनेस के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. जब से विराट कोहली कप्तान बने हैं. तब से वो खुद चाहते हैं कि हमारे पास एक ऐसी टीम हो जो पूरी तरीके से फिट हो. वैसे ये बात भी सही है क्योंकि सीमित ओवरों के मैचों में आपकी फिटनेस अच्छी रहना बहुत जरुरी है.
(कंटेंट: मोनू चहल इंटर्न @iChowk.in)
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