बीजेपी अध्यक्ष के रूप में अमित शाह के तीन वर्षों का सफर
ये अमित शाह के कुशल और सफल नेतृतव का ही नतीजा है कि पार्टी मौजूदा वक़्त में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दम्भ भरती है और आज बीजेपी के 11 करोड़ से भी ज्यादा सदस्य हैं.
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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुजरात से राज्यसभा सांसद चुने गए हैं, एक सांसद के रूप में ये उनकी पहली पारी है. इससे पहले वे गुजरात से विधायक रहे हैं. तीन साल पहले अमित शाह को 9 अगस्त के दिन बीजेपी की कमान दी गई थी. अपनी इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया और उन्हें राज्यसभा में भेजा जाना पार्टी की तरफ से उनके लिए एक भेंट की तरह देखा जा रहा है.
पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने से पहले श्री शाह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में काम किया. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस आम चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने प्रदेश कि 73 सीटें अपने नाम कीं जो कि एक रिकॉर्ड है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अमित शाह के योगदान की सराहना की थी. इस प्रदर्शन के बाद उसी साल अमित शाह को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. बतौर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में कामयाब रहे.
आइए जानते हैं उनके तीन वर्षो के सफर में पार्टी ने क्या-क्या हासिल किया...
अमित शाह के अध्यक्ष पद संभालते ही झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी और सहयोगी दलों को भारी जीत मिली साथ ही सरकारें भी बनी. फिलहाल बीजेपी/ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 18 राज्यों में सत्ता पर काबिज हैं. इनमें से जम्मू और कश्मीर, असम और मणिपुर सहित कई ऐसे राज्य हैं जहां बीजेपी पहली बार सत्ता में आई है. उनके अध्यक्ष रहते पार्टी को दो बड़ी हार मिली उनमें दिल्ली और बिहार जैसे प्रदेश शामिल हैं लेकिन हाल ही में हमने देखा कि कैसे पार्टी ने बिहार में महागठबंधन के हाथों मिली हार को फिर से जीत में तब्दील कर लिया और आज उनकी पार्टी प्रदेश में सरकार में शामिल है.
ये अमित शाह के कुशल और सफल नेतृतव का ही नतीजा है कि पार्टी मौजूदा वक़्त में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दम्भ भरती है और आज बीजेपी के 11 करोड़ से भी ज्यादा सदस्य हैं. बतौर बीजेपी अध्यक्ष श्री शाह ने तीन साल में देश के लगभग हर राज्य का न सिर्फ दौरा किया बल्कि वहां के लोगों में बीजेपी के लिए एक खास जगह भी बनाई जो कि उन जगहों पर हुए चुनावों में देखने को मिलती है.
उनकी और मौजूदा प्रधानमंत्री की सबसे बड़ी उपलब्धि है एक समय तक कुछ खास वर्गों की माने जाने वाली पार्टी बीजेपी में पिछड़े और दलितों की रुचि बढ़ाना. इसका उदाहरण हमें यूपी और बिहार जैसे राज्यों में पार्टी के नेतृत्व में दिखता है.
आज बीजेपी लोकसभा और राज्यसभा में सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी है. साथ ही देश के चार शीर्ष पदों पर बैठे लोग बीजेपी से ही हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि ये वक्त बीजेपी के लिए एक पार्टी के तौर पर स्वर्णिम काल की तरह है और आने वाले दिनों में अमित शाह इसे और ऊंचाइयों तक ले जाएंगे क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कुछ दिनों पहले ही ये कह कर विराम लगा दिया था कि वो अभी पार्टी के लिए ही काम करते रहेंगे.
यहां बता दें कि उनके राज्यसभा के चुनाव लड़ने के वक़्त ऐसी खबरें आई थीं कि वो अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
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