बेगिंग पाकिस्तान: कोई तो कर्ज दो
पाकिस्तान के आधिकारिक मीडिया हाउस पाकिस्तान टीवी (पीटीवी) ने चीन की राजधानी बीजिंग को उस समय 'बेगिंग' लिख दिया जब इमरान खान चीन में मदद की उम्मीद से उसके टॉपमोस्ट मिनिस्टर्स से मुलाकात कर रहे थे.
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कहते हैं सच्चाई खुद को व्यक्त करने का कोई न कोई तरीका खोज ही लेती है. अब पाकिस्तान के ही केस में देखिए.
हम जानते हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और देश के नए प्रधानमंत्री अन्य देशों में जाकर मदद की गुहार लगा रहे हैं. खासकर तब से जब से पाकिस्तान के लम्बे समय तक मददगार रहे अमेरिका ने मदद देने से इंकार कर दिया है.
मदद मांगने के क्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अभी चीन गए थे. पाकिस्तानी मीडिया में खबर थी कि पाकिस्तान को चीन से 6 बिलियन डॉलर के मदद की उम्मीद थी. लेकिन किसी ने इस बात की उम्मीद नहीं की थी कि ऐसा कुछ हो जाएगा जब लोगों को इस बात पर भी मजाक बनाने का मौका मिल जाएगा.
कहते हैं सच्चाई खुद को व्यक्त करने का कोई न कोई तरीका खोज ही लेती है. अब पाकिस्तान के ही केस में देखिए.
पाकिस्तान के आधिकारिक मीडिया हाउस पाकिस्तान टीवी (पीटीवी) ने चीन की राजधानी बीजिंग को उस समय 'बेगिंग' लिख दिया, जब इमरान खान चीन में मदद की उम्मीद से उसके टॉपमोस्ट मिनिस्टर्स से मुलाकात कर रहे थे और चीन में जगह-जगह अपनी और चीन की दोस्ती को जाहिर कर रहे थे. ये गलती पूरे 20 सेकेंड तक स्क्रीन पर चलती रही.
हालांकि, ये किसी की मानवीय भूल थी और पीटीवी ने माफी भी मांग ली है. लेकिन बीजिंग की जगह बेगिंग के ऑन-स्क्रीन प्रयोग से दुनिया का ध्यान पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था की तरफ चला गया है. क्योंकि ये उस वक्त हुआ, जब इमरान खान चीन के दौरे पर मदद के उद्देश्य से गए हुए थे.
Today, during a live address of the Prime Minister during his ongoing visit to China, a typographical error took place, which remained on screen for 20 seconds & later removed. This incident is regrettable. Strict action has been initiated under rules against concerned officials pic.twitter.com/df2Z8oib5u
— PTV News (@PTVNewsOfficial) November 4, 2018
पिछले महीने इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान की इकोनॉमी की बुरी हालत है और अगर दोस्त देशों ने और आईएमएफ ने उसे लोन नहीं दिया तो पाकिस्तान के पास इतनी विदेशी मुद्रा नहीं होगी कि वो अपना कर्ज चुका पाए और दो से तीन महीने से ज्यादा सामानों का आयात कर पाए. अभी पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा कोष पांच साल के सबसे निचले स्तर 7.8 बिलियन यूएस डॉलर पर है.
अब आईएमएफ से भी मदद मिलना टेढ़ी खीर है, क्योंकि अमेरिका ने इसका विरोध किया है. अमेरिका ने कहा कहा है कि चीन के कर्ज को चुकाने के लिए पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से कोई मदद नहीं मिलनी चाहिए.
पिछले महीने इमरान खान सऊदी अरब गए थे और वहां से उन्हें सफलता हाथ लगी जब उन्हें 6 बिलियन यूएस डॉलर की मदद मिली. 3 बिलियन यूएस डॉलर तो के रूप में मिले और 3 बिलियन तक क्रूड ऑयल इम्पोर्ट का बिल देर से चुकाने की रियायत दी गई. हालांकि, इमरान की आलोचना भी हुई थी कि उन्होंने सऊदी अरब से मदद ली, जिस पर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या करने का आरोप लगा है.
अब पाकिस्तान की दूसरी उम्मीद चीन की तरफ से थी. चीन, जो अपने को पाकिस्तान का भाई कहता है. लेकिन चीन की ये यात्रा पाकिस्तान के लिए बेकार की बेगिंग ही साबित हुई, क्योंकि मदद के नाम पर चीन से पाकिस्तान को बस आश्वासन ही मिला कि वह इस पर आगे विचार करेगा. चीन ने कहा है कि वो कोई भी मदद अपनी सीमाओं के भीतर ही कर सकता है और हम जानते हैं कि अमेरिका से होने वाले ट्रेड वॉर की वजह से चीन के पास लिक्विडिटी की दिक्कत है और चीन के पास फिलहाल विकल्प नहीं हैं. जैसे कि साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा है कि चीन पाकिस्तान की मदद तो करना चाहता है, लेकिन अपने लोगों की मदद करने के लिए इस्लामाबाद को खुद आगे आना होगा.
और वो करना पाकिस्तान के लिए टेढ़ी खीर होगी. आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान पर 92 बिलियन यूएस डॉलर का कर्ज है. आईएमएफ ने कहा है कि 2018-19 में देश को बाहर से 27 बिलियन यूएस डॉलर की मदद की जरूरत होगी, लेकिन पाकिस्तान को उचित दर पर लोन मिलने की उम्मीद कम है, क्योंकि उसकी ऋण स्थिरता हमेशा ही चुनौती के दायरे में रही है.
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