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Updated: 04 फरवरी, 2018 06:02 PM
गिरिजेश वशिष्ठ
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बीजेपी की जितनी बेइज्जती 3 फरवरी 2018 को हुई उतनी शायद ही कभी हुई हो. मामला अंकित नाम के लड़के की हत्या का है. दरअसल अंकित सक्सेना की हत्या उसकी प्रेमिका के पति ने गला काटकर कर दी थी. संयोग से अंकित की प्रेमिका मुसलमान है. इसके बाद बीजेपी ने जबरदस्त पॉलिटिक्स शुरू कर दी. सोशल मीडिया सेल ने मुसलमानों पर हमले करने शुरू कर दिए. अखलाक की हत्या से अंकित की हत्या की तुलना की जाने लगी.

मामला सोशल मीडिया तक ही नहीं रुका. नेताओं ने बयान देने शुरू कर दिए. दिल्ली प्रदेश बीजेपी के नेता मनोज तिवारी ने तो हद ही कर दी. वो अंकित के घर पहुंच गए और 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करने लगे. उन्होंने कहा कि अंकित की हत्या प्रोफेशनल तरीके से की गई वगैरह वगैरह.. उन्होंने सांप्रदायिक बयान देना शुरू ही किया था कि घर वालों से झाड़ पड़ गई.

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अंकित के चचेरे भाई ने कहा कि यहां जिसे आना है खुले दिल से आए. जिसे सहानुभूति हो वो आए. फोटो खिंचाने के लिए यहां किसी नेता की जरूरत नहीं है. जब ये बात कही गई तो मनोज तिवारी का चेहरा देखने लायक था. इससे पहले कि मनोज तिवारी सहज हो पाते उन्हें एक और झटका लगा. अंकित के पिता ने कहा- "हम इस मामले को धर्म की नजर से देखना नहीं चाहते. हम नहीं चाहते दंगे हों और किसी एक और अंकित की जान चली जाए."

हालात इतने खराब हो गए कि भीड़ के बीच मनोज तिवारी को बयान देना पड़ा कि मामला प्रेम प्रसंग में हत्या का है, इसे धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए. मनोज तिवारी ने कहा कि सीएम केजरीवाल भी परिवार से जरूर मिलें. कुछ ही देर में केजरीवाल का जवाब आ गया. बोले हां परिवार के हरिद्वार से लौटते ही मैं मिलने आऊंगा.

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गिरिजेश वशिष्ठ गिरिजेश वशिष्ठ @girijeshv

लेखक दिल्ली आजतक से जुडे पत्रकार हैं

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