'मन की बात' में मुस्लिम महिलाओं के लिए 'आधी बात' !
पीएम मोदी ने 'मन की बात' में आधी बात की, जिसका सही मतलब क्या है इसे लेकर कंफ्यूजन पैदा हो गया है. उनकी आधी बात का दूसरा पहलू जानना भी आपके लिए बेहद जरूरी है.
-
Total Shares
वो कहते हैं ना... आधी-अधूरी जानकारी खतरनाक होती है. कुछ ऐसा ही हुआ है साल के आखिरी दिन. पीएम मोदी ने 'मन की बात' में आधी बात की, जिसका सही मतलब क्या है इसे लेकर कंफ्यूजन पैदा हो गया है. तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित होने के बाद 'मन की बात' कार्यक्रम में उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के हज पर अकेले जाने को लेकर लगी पाबंदी हटाने की बात कही. उनकी इस बात से भले ही बहुत सी मुस्लिम महिलाएं खुश हो गई हों, लेकिन वास्तव में पीएम मोदी ने सिर्फ आधी बात कही, जिससे लोग खुश हो गए. उनकी आधी बात का दूसरा पहलू जानना भी आपके लिए बेहद जरूरी है.
पीएम ने यह नहीं बताया कि वह किन 'अकेली महिलाओं' की बात कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि उन्हें हाल ही में पता चला कि मुस्लिम महिलाओं के अकेले हज पर जाने को लेकर पाबंदी है. वह किसी पुरुष अभिभावक के बिना, जिसे मेहरम कहते हैं, हज पर नहीं जा सकतीं. आपको बता दें कि मेहरम वह शख्स होता है, जिससे महिला का निकाह नहीं हो सकता, जैसे- पिता, सगा भाई, पुत्र और पौत्र एवं नवासा. वह बोले कई मुस्लिम देशों में भी ऐसी पाबंदी नही है और अब इस पाबंदी को हमने भी हटा दिया है. उन्होंने घोषणा की कि अकेले आवेदन करने वाली महिलाओं को हज यात्रा पर जाने की अनुमति होगी और साथ ही उनके लिए लॉटरी सिस्टम से अलग व्यवस्था की जाएगी. पीएम ने इतना सब तो कहा, लेकिन यह नहीं बताया कि वह किन 'अकेली महिलाओं' की बात कर रहे हैं.
इन महिलाओं के लिए है ये व्यवस्था
मौजूदा नियमों के अनुसार सऊदी अरब में 45 साल या उससे अधिक की उम्र की महिलाएं बिना किसी मेहरम के भी हज यात्रा के लिए जा सकती हैं. हालांकि, वह किसी संगठित ग्रुप के साथ ही जा सकती हैं. साथ ही, इसके लिए उन्हें अपने पति, बेटे या भाई आदि से एक 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' भी देना होगा. मन की बात में पीएम मोदी यही बताने से चूक गए कि जिस दखियानूसी पंरपरा को उन्होंने खत्म करने की बात कही है, दरअसल वह सिर्फ 45 साल से अधिक की महिलाओं के लिए है ना कि 45 साल से कम की महिलाओं के लिए. यानी इससे 45 साल के कम की महिलाओं को कोई राहत नहीं मिलेगी.
ये महिलाएं बिना मेहरम नहीं जा सकेंगी हज
सऊदी अरब के मौजूदा नियमों के अनुसार अगर कोई महिला 45 साल के कम उम्र की है, तो वह अकेली हज पर नहीं जा सकती है. इसके लिए उसके साथ कोई मेहरम यानी कोई पुरुष अभिभावक होना जरूरी है. ऐसे में अगर पीएम मोदी का मतलब सिर्फ 45 साल से अधिक की महिलाओं के लिए था, तो वह तो हज यात्रा अकेले कर सकेंगी. लेकिन अगर पीएम ने सभी मुस्लिम महिलाओं के लिए इस पाबंदी को खत्म करने की बात कही है तो भी 45 साल से कम की महिलाएं अकेले हज पर नहीं जा सकेंगी.
तो अगर पीएम मोदी की मन की 'आधी बात' से सभी मुस्लिम महिलाएं खुश हो गई हैं, तो उन्हें यह जानना जरूरी है कि यह नया नियम सब पर लागू नहीं होगा. अगर भारत सरकार सभी मुस्लिम महिलाओं के लिए अकेले हज पर जाने की अनुमति देने का नियम लागू भी कर दे, तो भी 45 साल से कम की महिलाएं अकेले नहीं जा सकेंगी. दरअसल, हज के लिए महिलाओं को सऊदी अरब में घुसना होगा और सऊदी अरब की सरकार बिना मेहरम 45 साल से कम की अकेली महिलाओं को देश में हज के लिए घुसने ही नहीं देगी. यानी उनका हज वीजा ही मंजूर नहीं होगा. पिछले 5 साल में हज पर गए लोगों को भी हज वीजा नहीं मिलेगा.
ये भी पढ़ें-
ईरान में मुल्लों का 'तख़्तापलट' !
ट्रिपल तलाक पर ओवैसी का अड़ंगा, पूरी लोक सभा का कहना "तलाक, तलाक, तलाक!"
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति - भाजपा के नेता मांगे दो संतान नीति, पर शीर्ष नेतृत्व चुप
आपकी राय