एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों को किस मुंह से 5000 रुपए दे रहे हैं पप्पू?
Hyderabad Police द्वारा कथित आरोपियों के encounter से गदगद पप्पू यदाव ने हैदराबाद पुलिस की जमकर तारीफ करते हुए इनाम की घोषणा की है. मगर एक पूर्व सांसद और खुद हत्या का आरोपी होने के नाते उन्हें सोचना चाहिए गोली कभी भी समस्या का समाधान नहीं है.
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दिशा मामले में हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) द्वारा एनकाउंटर (Hyderabad Encounter) के बाद, क्या महिलाएं- क्या पुरुष, खुश सारा देश है. सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक पुलिस की 'सूझ बूझ' और उसके द्वारा लिए गए एक्शन की तारीफ हो रही है. मामले ने लोगों को किस हद तक संतोष और रहत दी है, इसे हम इस एनकाउंटर में शामिल उन पुलिसवालों को देखकर समझ सकते हैं जिन्हें घटना के बाद मिठाई खिलाई गई. जिनके पैर छुए गए. जिनपर पुष्प वर्षा हुई. जिनके लिए जिंदाबाद के नारे लगाए गए. तमाम लोग ऐसे हैं, जिनका मानना है कि एक ऐसे वक़्त में जब बरसों इंसाफ के लिए दर-ब-दर भटकना पड़ता है. ये एनकाउंटर वक़्त की जरूरत था. मामला महिलाओं से जुड़ा है और ट्रेंड में है इसलिए इसपर राजनीति होना स्वाभाविक है. ऐसे में जो जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने किया वो अपने आप में तमाम सवाल खड़े करता है. पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने हैदराबाद रेप कांड (Disha Gangrape And Murder) में चारों आरोपियों को पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर ढेर किये जाने पर जमकर तारीफ की है. उन्होंने ऐलान किया है कि वह जल्द ही एनकाउंटर टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को ₹50000 का इनाम देंगे. साथ ही बिहार के सन्दर्भ में उन्होंने ये तक कह दिया कि बिहार में दुष्कर्मियों को गोली मार देनी चाहिए. पप्पू का मानना है कि भी ऐसा करता है वो उसे पांच लाख रुपये का इनाम देंगे.
एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों को 50000 देने से पहले अपने दामन के दाग देखें पप्पू यादव
हैदराबाद में हुए एनकाउंटर के बाद पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने चारों कथित आरोपियों के एनकाउंटर को पूरी तरह से जायज ठहराया है. पूर्व सांसद ने कहा है कि देश में इसी तरीके से बलात्कारियों को सजा दी जानी चाहिए. अगर पप्पू यदव की बातों का गहराई से अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि उन्हें हैदराबाद पुलिस का अंदाज भाया है. उनका यही मानना है कि यही वो तरीका है जिसके जरिये बलात्कार करने वालों के सड़ चुके दिमाग का सही तरीके से इलाज किया जा सकता है.
बात मामले पर राजनीति की भी हुई है तो बता दें कि पप्पू यादव ने हैदराबाद पुलिस द्वारा किये गए इस एनकाउंटर को अपनी राजनीति चमकाने का एक बड़ा माध्यम बनाया. पप्पू यादव ने जहां एक तरफ बिहार की नीतीश कुमार सरकार को घेरा तो वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके निशाने पर रहे. पूर्व सांसद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले दिनों बक्सर और समस्तीपुर में दो अज्ञात महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था साथ ही अपराधियों द्वारा उन्हें जिंदा जलाने के प्रयास भी हुए थे. पप्पू ने नीतीश कुमार से सवाल किया है कि क्या बिहार पुलिस भी बलात्कार के आरोपियों को हैदराबाद की तरह सजा देगी?
वहीं बात अगर उत्तर प्रदेश की हो तो बीते दिनों ही उन्नाव में एक बलात्कार पीड़िता को जिंदा जलाए जाने की घटना सामने आई थी. मामले के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के उन दावों पर सवालिया निशान लगे थे जिनमें उन्होंने उत्तर पदेश को क्राइम फ्री स्टेट बनाने की बात की थी. यूपी के निजाम को लेकर भी पप्पू यादव ने खुल कर बोला है. पूर्व सांसद ने योगी आदित्यनाथ और उनके कानून व्यवस्था के दावों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि क्या उत्तर प्रदेश पुलिस भी बलात्कार के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ भी हैदराबाद कांड के आरोपियों की तरह सजा देगी?
मामले पर पप्पू यदव अपना पक्ष रख चुके हैं और मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए इनाम की घोषणा कर चुके हैं. पप्पू यादव को इस बात को भली भांति समझना होगा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में न्याय के लिए अदालतें हैं. एक पूरी प्रक्रिया है जिसका पालन सिर्फ इस लिए किया जाता है ताकि किसी पीड़ित को न्याय और दोषी को सजा मिल सके. हैदराबाद मामले में भले ही आनन फानन में दोषियों पर हुई कार्रवाई के लिए पुलिस पार्टी की तारीफ हो रही हो मगर एक बड़ा वर्ग है जिसका कहना है कि इसबात को बिलकुल भी नहीं नकारा जा सकता कि स तरफ से पुलिस के द्वारा लोकतंत्र, कानून और न्यायपालिका का मजाक उड़ाया गया है.
अब क्योंकि पप्पू यादव खुद एक सांसद रह चुके हैं तो उन्हें इस बात को भी बखूबी समझना चाहिए कि अपराध, अपराध है. कोई भी अपराध छोटा या बड़ा नहीं होता. अगर आज वो बलात्कार के लिए गोली को जायज ठहरा रहे हैं तो उन्हें चोरी, लूट, डकैती, गबन, मारपीट और हत्या के लिए भी गोली की सजा के प्रावधान को बल देना चाहिए. बाकी बात अगर खुद पप्पू यादव की हो तो उनपर सीपीआई (एम) नेता अजित सरकार की हत्याका आरोप था जिसके लिए वो करीब 5 साल जेल की सजा काट चुके हैं. पप्पू को समझना चाहिए कि आंख का बदला आंख नहीं है. इससे पूरा समाज अंधा हो जाता है. देश में न्याय की व्यवस्था है और न्याय कोर्ट से ही मिलेगा न कि गोली से.
बहरहाल, अब जबकि पप्पू ने वादा कर दिया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि वो अपना वादा निभाएंगे या फिर ये एक ऐसी बयानबाजी है जिसके चलते हमारे नेता आग में घी डालते हुए कई बरसों तक राजनीति करते हैं और सत्ता की चाशनी में डूबी मलाई खाते हैं.
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