New

होम -> सियासत

 |  2-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 11 जून, 2018 07:46 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
  • Total Shares

छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई-झगड़ा और फिर उसका हिंसक हो जाना, ऐसी कई घटनाएं हमारे सामने आती रहती हैं. कहीं गुस्साई भीड़ गाड़ियों को फूंक रही होती है तो कहीं दुकानों को आग के हवाले कर दिया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है इस तरह की घटनाओं में कितना नुकसान होता है? 80 लाख करोड़ रुपए. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है. अगर पर्चेजिंग पावर पैरिटी यानी खरीद क्षमता को आधार मानते हुए देखा जाए तो भारत को 2017 में सिर्फ हिंसा की वजह से 80 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. यानी प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपए का नुकसान.

हिंसा, जीडीपी, आगजनी, प्रति व्यक्ति आय, अर्थव्यवस्था

कमाई का 40 फीसदी तो हिंसा पर खर्च होता है

2016-17 में अगर भारत की प्रति व्यक्ति आय को देखा जाए तो यह आंकड़ा 1,03,219 रुपए है. जबकि प्रति व्यक्ति 40,000 रुपए हिंसा पर खर्च हो गया. अगर देश में कोई हिंसा न होती तो ये पैसे किसी विकास कार्य में खर्च होते. अगर जुमले की भाषा में कहा जाए तो हिंसा न होने पर हर भारतीय को 40,000 रुपए मिल सकते थे. ऐसे में यह सोचने की जरूरत है कि हिंसक घटनाओं से कैसे निपटा जाए, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा हिंसा की वजह से ही खर्च हो जाता है.

ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं

इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) ने इस रिपोर्ट को 163 देशों की स्टडी करने के बाद तैयार किया है. आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि यह आंकड़ा देश की 9 फीसदी जीडीपी के बराबर है. यानी कुल जीडीपी का 9 फीसदी तो भारत में हिंसा की वजह से नुकसान हो जाता है. इस लिस्ट में भारत 136वें स्थान पर है. सबसे बुरी हालत है सीरिया की, जहां हिंसक घटनाओं में जीडीपी का करीब 68 फीसदी खर्च हो जाता है. इसके बाद 63 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर अफगानिस्तान है और तीसरे नंबर पर 51 फीसदी के साथ इराक है. सबसे अच्छी स्थिति स्विटजरलैंड की है, जिसके बाद इंडोनेशिया और बुर्किना फासो आते हैं.

रिपोर्ट एक बात साफ कही गई है कि निवेशकों को शांति पसंद है. यानी जिस देश में अधिक हिंसक घटनाएं होती हैं, वहां निवेशक पैसा लगाने में डरते हैं. भारत का बाजार बहुत अधिक बड़ा होने की वजह से निवेशक आसानी से इसकी ओर खिंचे चले आते हैं, वरना जितनी घटनाएं होती हैं उस हिसाब से तो निवेशक भारत की ओर देखना भी पसंद नहीं करते. अगर हिंसा की घटनाओं पर लगाम लग जाए तो बेशक दुनियाभर के निवेशक आसानी से भारत में निवेश करने को तैयार हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें-

कुमारस्वामी का ये फैसला दिखाता है कि कर्नाटक में कांग्रेस मजबूत नहीं 'मजबूर' है !

संघ को लेकर राहुल गांधी के ताजा विचार जल्द ही आने वाले हैं!

तेज और तेजस्वी की लड़ाई UP के समाजवादी झगड़े से भी खतरनाक है!

#हिंसा, #जीडीपी, #आगजनी, Voilence In India, Cost Of Voilence In India, Voilence Cost On Ppp Basis

लेखक

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय