कोर्ट कचहरी एक तरफ 'लव जिहाद' पर योगी आदित्यनाथ का एजेंडा स्पष्ट है!
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath on Love Jihad) लव जिहाद के खिलाफ आखिर अध्यादेश ले ही आई. अध्यादेश में धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. ध्यान रहे कि अध्यादेश उस वक़्त आया है जब इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने लव जिहाद के मद्देनजर अपना फैसला सुनाया है.
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लव जिहाद (Love Jihad) के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का प्रियंका खरवार और सलामत अंसारी (Priyanka Kharwar Salamat Ansari Case) मामले में दिया गया फैसला अभी लोगों के बीच सुर्खियां बटोर भी नहीं पाया था कि योगी सरकार के एक फैसले ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 'लव जिहाद' (Love Jihad) के विरुद्ध अध्यादेश लेकर आई है. अध्यादेश (Ordinance On Love Jihad) में योगी सरकार ने लव जिहाद जैसा घिनौना कृत्य करने वालों पर सख्त रुख अख्तियार किया है. अध्यादेश के अनुसार धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही अध्यादेश में इस बात पर भी बल दिया गया है कि यदि धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो इसकी सूचना जिले के जिलाधिकारी को दो महीने पहले देनी होगी.
योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद के मद्देनजर जो कहा था वो कर के दिखाया
लव जिहाद के मद्देनजर योगी सख्त है. और इसे उन्होंने कितनी गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है यदि कोई धर्म परिवर्तन का इच्छुक है और इसकी सूचना वो जिलाधिकारी को नहीं देता है. तो उसे सजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. इसका उल्लंघन करने वाले को 6 महीने से 3 तीन साल तक की सजा और जुर्माने के 10 हज़ार रुपए देने होंगे.बताया जा रहा है कि जुर्माने का अमाउंट किसी भी सूरत में 10 हजार रुपए से कम न होगा.
इस अध्यादेश पर यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस तर्क दिया है कि इससे जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रहेगी तो वहीं इससे शोषित महिलाओं को इंसाफ भी मिलेगा. सिद्धार्थ नाथ सिंह के अनुसार बीते दिनों में उत्तर प्रदेश में 100 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है. ऐसा करते हुए लोगों ने न केवल छल कपट का इस्तेमाल किया बल्कि कुछ मामले ऐसे भी थे जिसमें ये कुकृत्य बलपूर्वक हुआ.
क्या क्या है इस अध्यादेश में
बात अगर इस नए अध्यादेश में सजा की हो तो जो भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन में लिप्त पाया गया उसे 15,000 रुपए जुर्माने के अलावा 1 से 5 साल तक के लिए जेल में रहना होगा. वहीं अगर ये कुकृत्य एससी या एसटी समुदाय से ताल्लुख रखने वाली नाबालिगों और महिलाओं के साथ होता है तो इस स्थिति में जहां जुर्माने की राशि 25,000 है तो वहीं इसमें 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' को न केवल एक बड़ी समस्या के रूप में देखा जा रहा है बल्कि सरकार भी इसे लेकर काफी सख्त नजर आ रही है. लव जिहाद के चलते जैसे यूपी के हाल हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा तेज है कि उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव लव जिहाद के मुद्दे पर ही लड़ा जाने वाला है.
बता दें कि लव जिहाद पर सिर्फ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ही तल्ख नहीं है. बात अगर उनके मंत्रियों की हो तो उनका भी अंदाज अपने मुखिया जैसा ही है. इस बात को समझने के लिए हमें बीते दिनों यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा द्वारा दिये गए एक बयान पर गौर करना होगा. लव जिहाद पर बोलते हुए मोहसिन रजा ने कहा था कि, अब उत्तर प्रदेश में ये सब नहीं चलेगा.
मोहसिन रजा के अनुसार एक मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में लड़कियों और बच्चियों को बहला फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. मोहसिन रजा पहले ही इस बात का जिक्र कर चुके थे कि ऐसे लोगों को जेल भेजने की तैयारी पूरी है.
वहीं बात सूबे के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक की हो तो उन्होंने भी इस बात का ज़िक्र किया था कि राज्य में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इससे सामाजिक विद्वेष और वैमनस्यता बढ़ी है. ऐसी घटनाएं राज्य की छवि को भी बुरी तरह से धूमिल करती हैं, लिहाजा इसपर कठोर कानून की जरूरत है.
शुरुआत में ही हमने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले का जिक्र किया था जो उसने प्रियंका खरवार और सलामत अंसारी मामले में दिया है. ऐसे में जब हम इस अध्यादेश को देखते हैं तो ये खुद ब खुद साफ हो जाता है कि यूपी के मुखिया अपने इरादों के पक्के हैं. योगी ठान चुके हैं कि आगामी चुनाव में लव जिहाद बड़ा मुद्दा बनेगा और ये अध्यादेश उसकी शुरुआत भर है.
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