इंसान की संवेदनाएं कैसे मर चुकी हैं ? कन्नौज में एक लड़की के साथ हुई घटना से समझिये!
इंसान की संवेदनाएं कैसे मर चुकी हैं? और किस तरह वो हर चीज का फिल्मांकन कर उसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल करना चाहता है? यूपी में हुई इस घटना से समझिए.
-
Total Shares
दौर जब सोशल मीडिया का हो. और हर दूसरे इंसान का उद्देश्य चीजों को वायरल कर लाइक, कमेंट, शेयर जुटाना हो. तो आदमी बेगैरत भी होता है और बेहया भी. ये बात सुनकर कोई विचलित हो सकता है मगर आज के वक़्त का बड़ा सच यही है. अगर इसका अंदाजा लगाना है तो यूपी के कन्नौज चलिए और उस घटना को देखिये जहां एक लड़की घायल अवस्था में पड़ी मदद की गुहार लगाती रही और मौके पर उपस्थित लोग बजाए मदद के उसका वीडियो बना रहे थे. सिर्फ ज्यादा से ज्यादा वायरल करने के उद्देश्य से लॉन्ग शॉट, क्लोज शॉट लेते लोगों को देखकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आज इंसान की संवेदनाएं मर चुकी हैं और उसे सिर्फ सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने या फिर इन्फ्लुएंसर बनने से मतलब है.
कन्नौज में जो लोगों ने एक घायल लड़की के साथ किया वो पूरी मानवता पर सवालिया निशान लगाता है
दरअसल कन्नौज से आ रहे एक 25 सेकंड के एक वायरल वीडियो में, एक लड़की, जो बुरी तरह से घायल है और जिसके हाथों पर खून के धब्बे हैं, मदद की गुहार लगाती दिख रही है, उसके आस पास भीड़ तो है लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा बल्कि मौके पर मौजूद लोग अपने-अपने मोबाइल से घटना का वीडियो बना रहे हैं.
ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही एक खबर वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि कन्नौज की एक 13 वर्षीय लड़की अपने घर से लापता है जिसे बाद में घायल अवस्था में पाया गया. लड़की के शरीर पर चोट के कई निशान थे.
जिक्र वीडियो का हुआ है जिसमें युवा लड़की को मदद मांगते हुए देखा जा सकता है, लेकिन आसपास खड़े लोग घायल लड़की की मदद करने के बजाए उसका फिल्मांकन करना ज्यादा जरूरी समझते हैं.
Minor cries for help in Uttar Pradesh's Kannauj after being raped, onlookers shoot videoA 12-year-old girl was allegedly raped and then found dumped, drenched in blood behind the Dak Bangla guest house in Kannauj. pic.twitter.com/GdIjSybfrh
— The Jamia Times (@thejamiatimes) October 25, 2022
मामले में दिलचस्प ये भी रहा कि लड़की पुलिस के आने तक लोगों से मदद की गुहार लगाती रही. चूंकि लड़की ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी इसलिए एक पुलिसकर्मी ने उसे गोद में उठाकर इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया.
मामले में जो बात काबिल ए गौर है. वो ये कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लड़की का यौन उत्पीड़न और उसपर हमला हुआ है या नहीं. लेकिन लड़की के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. बताते चलें कि मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मामला चूंकि लड़की से जुड़ा था और घटना उत्तर प्रदेश की है इसलिए प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपनेऑफिशियल हैंडल से वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है कि, 'कन्नौज में खून से लथपथ एक मासूम बच्ची सड़क के किनारे तड़प रही थी लेकिन लोग फिल्म बनाते रहे. लेकिन सवाल यह है कि अपराधी कौन है और कब पकड़ा जाएगा?'
कन्नौज में खून से लथपथ एक मासूम बच्ची सड़क किनारे तड़पती रही लेकिन लोग तमाशबीन बने वीडियो बनाने में जुटे रहे. ऐसे में एक पुलिसकर्मी द्वारा उसे गोद में उठाकर अस्पताल ले जाया गया. पुलिसकर्मी का कृत्य प्रशंसनीय है.लेकिन, सवाल कि इस मासूम का गुनहगार कौन है? और कब पकड़ा जाएगा? pic.twitter.com/CnW9YeQrsu
— UP Congress (@INCUttarPradesh) October 24, 2022
यूपी कांग्रेस ने जो सवाल उठाया है वो बिलकुल माकूल है हमारा भी सवाल यही है कि इस मामले में दोषी कौन है? उसे कब गिरफ्तार किया जाएगा? लेकिन इस पूरे मामले में जो बात विचलित करती है वो है लोगों का नजरिया. क्या हम सोशल मीडिया की इस खोखली दौड़ में इस हद तक अंधे हो गए हैं कि हमें इस बात का एहसास तक न रहा कि हम इंसान है और हमारी ये नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उस इंसान की मदद हर सूरत में करें जो हमसे मदद की उम्मीद कर रहा है.
यूं तो कहने के लिए इस विषय पर कई बातें हैं लेकिन हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि जो कुछ भी कन्नौज में हुआ. या ये कहें कि जनता ने एक घायल लड़की के साथ किया वो बतौर इंसान सम्पूर्ण मानवता को शर्मसार करने वाला है. बतौर मानव हमें इस घटना को देखना होगा और पूरी गहनता के साथ इसका अवलोकन करना होगा.
ये भी पढ़ें -
बुर्के के साथ एंट्री, लेकिन चूड़ी-पायल-झुमके की मनाही! असली सेकुलरिज्म यही है
क्या भारत के खिलाफ कोई गहरी साजिश रच रहा है अमेरिका?
फेसबुक फॉलोअर्स ही घटे थे, लोगों की बैचेनी देखकर लगा बड़ी आफत आ गई!
आपकी राय