Kaali Poster Controversy: काली विचित्र हैं या नहीं, लेकिन लीना 'विकृत' जरूर हैं!
विवादित काली फिल्म को बनाने वाली लीना मनिमेकलाई ने फिर से एक विवादित ट्वीट पोस्ट किया और कहा है कि, 'मेरी काली क्वीर हैं. वह पूंजीवाद को नष्ट करती हैं. लीना का ये ट्वीट करना भर था सोशल मीडिया पर लोगों को एक बार फिर से बहस का मौका मिल गया है. ट्वीट के बाद इतना तो साफ़ है कि लीना विकृत जरूर हैं.
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काली पोस्टर कंट्रोवर्सी के मद्देनजर भले ही फिल्म डायरेक्टर लीना मनिमेकलाई की देश भर में थू थू हो रही हो. लेकिन उन्हें इन बातों का, इन आलोचनाओं का कोई फर्क नहीं पड़ता. विवाद के बाद जैसा एटीट्यूड लीना का है, वो एक के बाद एक नए कुतर्क पेश कर रही हैं. और अपनी गलत बात को जी जान लगाकर सही साबित करने की नाकाम कोशिश कर रही हैं. अब इसे इंसान का ढीठ बन जाना कहें या पब्लिसिटी की भूख लीना ने फिर एक ट्वीट किया है और मां काली को क्वीर बताकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है.
काली को लेकर अपने नए विवादित ट्वीट में लीना ने फिर लोगों को बहस में पड़ने का मौका दे दिया है
कंट्रोवर्सी के बाद से ही ट्विटर पर मुखर होकर अपनी दलीलें पेश करने वाली लीना ने अपने नए ट्वीट में लिखा है कि मेरी काली क्वीर (एलजीबीजी के जितने भी प्रकार हैं. जो खुद को आदमी, औरत, ट्रांसजेंडर, गे, लेस्बियन या बाइसेक्शुअल... कुछ भी नहीं मानते) है...वो स्वतंत्र आत्मा है...वो पितृसत्ता पर थूकती है...वो हिंदुत्व को ध्वस्त और पूंजीवाद को नष्ट करती है. वो अपने हजारों हाथों से सभी को गले लगाती है.'
“My Kaali is queer. She is a free spirit. She spits at the patriarchy. She dismantles Hindutva. She destroys capitalism, She embraces everyone with all her thousand hands.”As told to @VOANews Film on Hindu Goddess Sparks Anger in India https://t.co/6QQOaCqKFn
— Leena Manimekalai (@LeenaManimekali) July 8, 2022
ध्यान रहे लीना का ये ट्वीट उस ट्विटर पोस्ट के फौरन बाद आया है जिसमें उन्होंने सिगरेट पीती काली को सही साबित करने के लिए शिव-पार्वती बने दो कलाकारों की सिगरेट पीते हुए तस्वीर को पोस्ट किया था और हिंदूवादी संगठनों को निशाने पर लिया था.
BJP payrolled troll army have no idea about how folk theatre artists chill post their performances.This is not from my film.This is from everyday rural India that these sangh parivars want to destroy with their relentless hate & religious bigotry. Hindutva can never become India. https://t.co/ZsYkDbfJhK
— Leena Manimekalai (@LeenaManimekali) July 7, 2022
क्योंकि विवाद फिर एक बार काली से जुड़ा है और जैसा कि हम देख ही रहे हैं लीना काली को क्वीर बता रही हैं. तो सबसे पहले हमें इस शब्द यानी क्वीर का अर्थ समझ लेना चाहिए. क्वीर उन लोगों के लिए टर्म है जो न तो विषमलैंगिक हैं और न ही सिजेंडर.
मूल रूप से इस शब्द का अर्थ 'अजीब' या विचित्र है. चूंकि अपनी फिल्म के पोस्टर में लीना ने मां काली को LGBTQ का झंडाबरदार दिखाया है तो जब हम इस शब्द यानी क्वीर को उस सन्दर्भ में देखते हैं तो मिलता यही है कि 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में समान-सेक्स इच्छाओं या संबंधों वाले लोगों के खिलाफ क्वीर का इस्तेमाल अपमानजनक रूप से किया गया था.
विषय बहुत सीधा है, काली विचित्र हैं या नहीं इसपर लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं. लेकिन ट्विटर टाइमलाइन पर जैसा दिख रहा है और जिस तरह लीना अपनी राय को गलत तथ्यों के जरिये लोगों पर थोपने में अपनी सारी ऊर्जा खर्च कर रही हैं साफ़ हैं कि वो विकृत हैं. लीना की बीमारी का आलम कुछ यूं है कि अब वो खुद के साथ साथ समाज में भी इंफेक्शन फैला रही हैं जिससे आस्था तो प्रभावित हो ही रही है उसका सीधा असर आपसी वैमनस्य पर भी पड़ा है.
बतौर फिल्मकार जो बात लीना को समझनी चाहिए वो ये कि यहां आस्था उनका निजी विषय बिल्कुल नहीं है. अपनी पर्सनल लाइफ में काली से लेकर किसी भी भगवान को कुछ भी मानने की छूट लीना को भारत का संविधान देता है लेकिन लीना क्योंकि पब्लिक डोमेन में अपने अधकचरे ज्ञान का परिचय दे रही हैं उनकी आलोचना स्वाभाविक है.
लीना धर्म का मां काली का सम्मान करें या न करें हम उनकी सोच को परिवर्तित नहीं कर सकते लेकिन जब वो फ़िल्म बना रही हैं उसमें काली को सिगरेट पीते और LGBTQ का झंडा पकड़े दिखा रही हैं तो वो न तो तर्कसंगत है और न ही उसकी इजाजत कानून देता है.
जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं अपने गलत को सही कहने के लिए लीना बार बार दूसरी गलत चीज का सहारा ले रही हैं. मामले में दिलचस्प ये कि अवगत कराने के बावजूद जिस तरह लीना में कोई सुधार नहीं हो रहा है वो अपने आप ही इस बात की पुष्टि कर देता है कि अब लीना की विकृति एक ऐसी बीमारी में तब्दील हो गई है जिसका इलाज तब ही संभव है जब व्यक्ति खुद चाहे.
अंत में हम बस ये कहकर उपरोक्त तमाम बातों को विराम देंगे कि चूंकि लीना बुरी तरह से बीमारी की गिरफ्त में हैं उन्हें उनके हाल पर छोड़ देना चाहिए. हम जितना उन्हें सुधारने को आतुर रहेंगे उनकी बीमारी उतनी ही बढ़ती जाएगी और तब क्या पता फिर लीना कुछ ऐसा ट्वीट कर दें जिसके बाद बुद्धि और विवेक वाले किसी व्यक्ति को उनपर गुस्सा नहीं बल्कि तरस आए. कुल मिलाकर हमें मिलकर लीना के लिए दुआ करनी चाहिए शायद मां काली हमारी फरियाद सुन लें और लीना को पहले से आराम मिल जाए.
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