ट्विटर पर तो गौतम गंभीर ने महबूबा मुफ्ती के छक्के छुड़ा दिए!
कश्मीर और धारा 370 को लेकर जिस तरफ की बहस महबूबा मुफ्ती और गौतम गंभीर के बीच देखने को मिली और जैसे महबूबा गलत को सही ठहरा रही हैं साफ है कि उनका उद्देश्य देश की अखंडता जो प्रभावित करना है.
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चुनावों से ठीक पहले जिस तरह धारा 370 और 35 ए को लेकर बहस चल रही है, देश की राजनीति में उबाल आना स्वाभाविक है. ट्विटर पर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. कारण है पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और क्रिकेट से राजनीति में आए गौतम गंभीर. कश्मीर और धारा 370 पर दोनों के तर्क और वितर्क से ट्विटर का माहौल गर्म है. ट्विटर पर दोनों के बीच तीखी बहस हुई है.
ट्विटर पर जो बातें महबूबा मुफ्ती ने लिखी हैं वो कहीं न कहीं देश की अखंडता को प्रभावित करती नजर आ रही हैं
हुआ कुछ यूं था कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती को लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की गई थी. इस पीआईएल को देखकर अपना आपा खो चुकीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए और कई ऐसी बातें कह दीं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से देश की अखंडता और एकता को प्रभावित करती नजर आ रही हैं.
भाजपा पर अपनी भड़ास निकालते हुए महबूबा ने ट्विटर पर लिखा कि अदालत में समय क्यों बर्बाद किया जाए. अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए बीजेपी की प्रतीक्षा करें. यह स्वचालित रूप से हमें चुनाव लड़ने से वंचित कर देगा क्योंकि भारतीय संविधान अब जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होगा". इतना ही नहीं इसके बाद महबूबा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दोस्तां वालों, तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्तानों में.
Why waste time in court. Wait for BJP to scrap Article 370. It will automatically debar us from fighting elections since Indian constitution won’t be applicable to J&K anymore. Na samjho gay tou mit jaouge aye Hindustan walo. Tumhari dastaan tak bhi na hogi dastaano main. https://t.co/3mvp2lndv2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 8, 2019
महबूबा मुफ़्ती द्वारा कही गयी इस बात पर यूं तो तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आईं मगर उन प्रतिक्रियाओं में जो रिएक्शन गौतम गंभीर से मिला साफ था कि उन्हें महबूबा की ये बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी. पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ने महबूबा को जवाब देते हुए लिखा “यह भारत है, कोई आप जैसा धब्बा नहीं जो मिट जाएगा!”.
@MehboobaMufti यह भारत है, कोई आप जैसा धब्बा नहीं जो मिट जाएगा!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 8, 2019
गौतम गंभीर के इन आरोपों का जवाब महबूबा ने तकरीबन 10 घंटे बाद दिया. जैसा उनका अंदाज था साफ पता चल रहा था कि वो व्यक्तिगत हो गयी हैं और उन्होंने गंभीर के क्रिकेट करियर पर सवालिया निशान लगा दिए हैं.
Hope ur political innings in BJP isnt as abysmal as ur cricket career!
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 9, 2019
महबूबा के इस ट्वीट का जवाब देते हुए गौतम ने कहा कि, इसका मतलब आपने मेरे ट्विटर हैंडल को अनब्लॉक कर दिया है. आपने जवाब देने के लिए 10 घंटे लिए और उसके बाद ऐसा कमजोर जवाब. ये बहुत धीमा था. यह जवाब आपके व्यक्तित्व में गहराई की कमी को दर्शाता है. कोई आश्चर्य नहीं कि आप लोगों को इस मुद्दे के लिए इतना संघर्ष क्यों करना पड़ रहा है.
Oh! So you have unblocked my twitter handle! U needed 10 hours to respond to my tweet and come up with such a pedestrian analogy!!! Too slow. It shows the lack of depth in ur personality. No wonder you guys have struggled to solve the issues at hand.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 9, 2019
गौतम के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए महबूबा ने फिर जवाब दिया कि मुझे तुम्हारे मानसिक स्वास्थ्य की चिंता हो रही है. मुझे ऐसी ट्रोलिंग की आदत है पर ट्रोलिंग का ये लेवल सही नहीं है. और हां लोग रात में सोते हैं. ये अच्छा रहता है. चूंकि तुम्हें कश्मीर के विषय में कोई भी जानकारी नहीं है इसलिए तुम्हें ब्लॉक कर रही हूं तुम दो रुपए प्रति ट्वीट के हिसाब से और कहीं ट्रोलिंग कर सकते हो.
I worry for your mental health. Am used to people trolling but this level of stalking is unhealthy. Id imagine most people sleep at night. Better to ???? since you dont know anything about kashmir . Here blocking you now so u can do the 2 rupee per tweet trolling somewhere else
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 9, 2019
इसके बाद गौतम ने फिर एक ट्वीट किया और कहा कि आपके इस फैसले का स्वागत है. अच्छा हुआ कि एक कठोर व्यक्ति ने मुझे स्वयं ही ब्लॉक कर दिया. बहरहाल जिस वक़्त मैं ये ट्वीट लिख रहा हूं मेरे साथ 1,365,386,456 भारतीय हैं. आप उन्हें कैसे ब्लॉक करेंगी.
Most welcome @MehboobaMufti Ma’am, happy to be blocked by a callous individual. By the way, at the time of writing this tweet there are 1,365,386,456 Indians. How will you block them?
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 9, 2019
खैर ये कोई पहला मौका नहीं है जब गौतम गंभीर ने कश्मीर में धारा 370 को लेकर घाटी के नेताओं पर हमला बोला है. अभी बीते दिनों ही गौतम गंभीर उस वक़्त चर्चा में आए थे जब ट्विटर पर ही उनकी कश्मीर मसले को लेकर नेशनल कांफ्रेंस नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से तीखी नोकझोंक हुई थी. ध्यान रहे कि एक बयान में उमर ने कहा था कि, 'उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता बहाल करने की कोशिश करेगी और वहां एक बार फिर ‘वजीर-ए-आजम’ (प्रधानमंत्री) हो सकता है. उमर के इस बयान के बाद गौतम ने उनपर तंज कसते हुए कहा था कि नसीहत दी थी कि उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए.
गौतम द्वारा कही इस बता को उमर ने भी बहुत गंभीरता से लिया था और कहा था कि, गौतम, मैंने कभी ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली क्योंकि मुझे पता था कि मैं इस मामले में बहुत अच्छा नहीं हूं. आप जम्मू-कश्मीर, इसके इतिहास या इतिहास को आकार देने में नेशनल कांफ्रेंस की भूमिका के बारे में ज्यादा जानते नहीं. फिर भी आप अपनी अनभिज्ञता सबको दिखाने पर आमादा हैं. इसके बाद उमर ने कहा था कि गंभीर को सिर्फ उन्हीं चीजों पर फोकस करना चाहिए जिन्हें वे जानते हैं और वे ‘‘इंडियन प्रीमियर लीग के बारे में ट्वीट करें.
जम्मू कश्मीर में अलगाववाद किस हद तक आमादा है यदि इसे समझना हो तो हम हिजबुल कमांडर रियाज नायकू की उस ऑडियो क्लिप का भी अवलोकन कर सकते हैं जिसमें उसने लोगों से ये अपील की है कि वो अपने को लोकसभा चुनावों से दूर रखें. यदि ऐसा नहीं होता है और वो वोट डालने के लिए अपने अपने घरों से बाहर निकलते हैं तो फिर उन्हें गोलियों का सामना करना पड़ेगा.
बहरहाल ये आरोप प्रत्यारोप कश्मीर की सियासत को कितना प्रभावित करते हैं इसका फैसला जल्द ही हो जाएगा. मगर जिस तरह के तेवर कश्मीरी नेताओं के दिख रहे हैं, साफ है कि भारत के प्रति उनकी ये नफरत अलगाववाद की ज्वाला को और अभिक प्रबल करेगी.
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