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Updated: 10 जुलाई, 2019 11:42 AM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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बच्चे जितने मासूम होते हैं उनकी बातें भी उतनी ही प्यारी होती हैं. लेकिन बच्चे जब ये कहें कि 'हमने मरे हुए लोगों को देखा है' तो अचानक मासूमियत खौफ में बदल जाती है. आप ये कह सकते हैं कि बच्चे बातें भी बनाते हैं और कल्पनाएं भी करते हैं. लेकिन किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले कुछ बच्चों की कही हुई ये बातें सुन लीजिए. डेली मेल ने कुछ माओं के अनुभव एक लेख में बताए हैं-

'वो मेरी दोस्त है, और वो मर चुकी है..'

रोजेलिन 3 साल की है, और एक दिन अपनी मां से बातें करते-करते उसने कुछ ऐसा बताया कि मां का खून ठंडा पड़ा गया. आइसक्रीम खाते-खाते रोजेलिन ने कहा- 'मेरी एक नई दोस्त बनी है'. मां- 'अरे वाह, क्या नाम है उसका?' रोजेलिन- ''टिली, वो हमारे ही घर में रहती है. वो मेरी दोस्त है, और वो मर चुकी है. ऐलेक्स भी मेरा दोस्त है. वो भी यहीं रहता है, वो भी मर चुका है. उसकी मम्मी और दादा जी भी मर चुके हैं. हम लोग साथ में खेलते हैं.'

children who see ghostरोजेलिन की बातों ने मां रेबेका बहुत घबरा गई थीं

रोजेलिन की मां रेबेका जो एक पत्रकार हैं, ये सब सुनकर घबरा गईं. वो कहती हैं कि वो किसी टिली और ऐलेक्स को नहीं जानते. उन्होंने अपनी बेटी से मौत के बारे में कभी कोई बात नहीं की. इसलिए रोजेलिन का ये सब कहना बहुत हैरान करता है. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब उनकी बेटी ने उन्हें डराया हो. जब रोजेलिन 18 महीने की थी तब उसने इशारे से बताया था- 'देखो मम्मी भेड़ें' जबकि वहां कोई भेड़ नहीं थी. लेकिन वो चिल्लाती रही कि भेड़ हैं. कुछ सप्ताह बाद उसने उदास होकर बताया कि 'मम्मी अब वो भेड़ चली गईं.'

रेबेका भूत में विश्वास तो नहीं करती थीं, लेकिन उनका कहना था कि ये बातें उन्हें डरा रही थीं इसलिए उन्होंने इसकी तह में जाना चाहा. खोजबीन करने पर पता लगा कि 1861 के सेंसस रिकॉर्ड के मुताबिक एलेक्जेंडर टर्नर नाम का एक 10 साल का लड़का वहां रहा करता था. और उसके 30 साल बाद के रिकॉर्ड बताते हैं कि 20 साल की मैटिलडा ओक 1891 में वहां रहती थी. रेबेका कहती हैं कि मैं अपने मन को यही सोचकर बहलाती रही कि एलेक्स, टिली और भेड़ों का झुंड मेरी बेटी के दिमाग की ही उपज थे, लेकिन तभी एक हालिया स्टडी के बारे में पता लगा जो ये कहती है कि ब्रिटेन के 5 में से एक व्यक्ति ने भूत की उपस्थिति का अनुभव किया है. उन्होंने और खोजबीन की तो पता लगा कि वो अकेली नहीं थी बल्कि उनकी तरह और भी कई पेरेंट्स हैं.

दादी मिलने आई थीं...

6 बच्चों की मां केटी जोन्स की 11 साल की बेटी ऐलिस जब 2 साल की थी, तभी से ऐसे लोगों का जिक्र कर रही थी जो अब वहां नहीं रहते थे. दो साल की ऐलिस बहुत रोती थी. कहती थी कि उसके कमरे में दो आदमी हैं जो उसे घूर रहे हैं और उसपर चिल्ला रहे हैं, और ये सब उसे अच्छा नहीं लग रहा. फिर उसने कहना शुरू किया कि शीला नाम की एक लड़की उसके बिस्तर के छोर पर बैठकर अपनी मां के लिए रोती है. केटी ने पुराने अखबारों में खोजा तो पता चला कि इस नाम की एक बच्ची की वहां हत्या की गई थी. जिसे जानकर केटी सिहर गई.

ऐलिस ने तब बताया कि उसकी मां केटी की दादी जिसकी मृत्यु ऐलिस के जन्म के एक साल पहले ही हो गई थी, वो ऐलिस के बेडरूम में आई थीं, और उन्होंने उन आदमियों को जाने के लिए कहा और वो चले गए. केटी कहती हैं कि ऐलिस ने उनकी दादी (नन्ना) के पहने हुए कपड़ों के बारे में जो भी जानकारी दी वो एकदम सही थी. जबकि ऐलिस ने कभी नन्ना को देखा ही नहीं था.

children who see ghostऐलिस 2 की उम्र से मृत लोगों का जिक्र कर ही है

जब ऐलिस 3 साल की थी, उनके परिवार में किसी के यहां एक मृत बच्चे का जन्म हुआ था. ऐलिस ने बताया कि नन्ना एक बच्चे के साथ उससे मिलने आई थीं, जिसका नाम मैक्स था. जबकि ऐलिस को कभी भी उस मृत बच्चे या उसके नाम के बारे में नहीं बताया गया था, क्योंकि वो बहुत छोटी थी ये सब नहीं समझती थी. कुछ साल बाद तक ऐलिस कहती रही कि नन्ना और मैक्स वहीं हैं. उसने अपनी मां को ये भी बताया कि आज मैक्स का चौथा जन्मदिन है. जब केटी ने चैक किया तो पता चला कि वो सही कह रही थी. दिन और उम्र के बारे में उसके पास एकदम सही जानकारी थी.

ऐलिस की मां कहती हैं कि शुरू-शुरू में जब बेटी ये सब कहती थी तो वो उसपर ध्यान नहीं देती थीं, लेकिन वो कहती गई और उन्हें यकीन होता गया. अब ऐलिस 11 साल की है और उसे अब ये सब कम दिखाई देता है. लेकिन अपनी नन्ना को आज भी याद करती है.

वही गाना जो दादी सुनाती थीं...

ट्रीशिया जॉर्डन के दो बच्चे हैं, 7 साल का लूका और 4 साल का बॉबी. लूका उनकी मृत दादी को बचपन से देख रहा है. ये बात ट्रीशिया को बहुत परेशान करती थी, लेकिन अब उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है. ट्रीशिया की दादी की मृत्यु तब हुई जब लूका 18 महीने का था. उसने तब बोलना शुरू ही किया था. उसने पहली बात यही बताई कि कैसे ग्रैनी उसके साथ बिस्तर में होती हैं. ये सुनकर ट्रीशिया डर जाती थीं और बात बदल देती थीं.

लेकिन ट्रीशिया का डर तब और बढ़ गया जब लूका वही गाना गाने लगा जो दादी ट्रीशिया को सुनाया करती थीं. ट्रीशिया ने वो गाना कभी अपने बेटे को नहीं सुनाया था, और दादी के अलावा कोई वो गीत नहीं जानता था.

children who see ghost7 साल का लूकाअपनी ग्रैनी को बचपन से देख रहा है

समय बीतता गया और ट्रीशिया को अहसास हुआ कि अगर लूका को कोई डर नहीं है, वो सुरक्षित है तो सब ठीक है. अब लूका 11 साल का हो गया है और कई साल से उसने ऐसा कुछ नहीं देखा, और अब उसे दादी की कोई याद भी नहीं है. ट्रीशिया कहती हैं कि वो मृत्यु के बाद भी जीवन होने को थोड़ा बहुत मानती थीं, लेकिन लूका के साथ हुए अनुभवों को देखकर वो अब इसपर और भी यकीन करने लगी हैं.

कोई दूसरे जीवन से हैलो कहना चाह रहा था...

लंदन की होली स्मिथ का 6 साल का बेटा है रिले. रिले जब 2 साल का था वो कहीं जा रहे थे, तब रिले ने इशारा करते हुए कहा कि 'देखो मम्मी, वहां एक सैनिक है जो हमें देखकर हाथ हिला रहा है'. वहां कोई नहीं था. वो बहुत उत्साहित था. लेकिन तब वो उदास हो गया जब उसने कहा कि सैनिक चला गया. होली कहती हैं कि- मैं उसकी बात सुनकर डरी नहीं, बल्कि मुझे लगा कि ये तो एक बहुत कीमती अहसास है कि कोई दूसरे जीवन से हैलो कहना चाह रहा है.

children who see ghostरिले का काल्पनिक दोस्त भी है

होली कहती हैं जब रिले 18 महीने का था तब मैं उसके कमरे में गई तो वो किसी के साथ बात कर रहा था, वो धीरे बोल रहा था, हाथों से इशारे कर रहा था, जवाब दे रहा था, लेकिन वहां कोई और नहीं था. मैंने पूछा कि कौन था वहां, तो उसने कहा वो हंप्टी था. उसी समय हमारे पड़ोस में किसी की मृत्यु हुई थी जो बहुत मोटा था.

स्कूल में रिले का एक काल्पनिक दोस्त भी था जिसका नाम जॉर्ज था. वो सिर्फ उसके साथ ही खेलता था. मुझे लगता था कि वो रिले की कल्पना है लेकिन इतनी सारी बातों के देखते हुए मैं अब ये नहीं कह सकती कि वो महज कल्पना हो सकती थी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

तो ये रहे वो अनुभव जो बच्चों की माओं ने बताए थे. लेकिन इसपर अगर एक्सपर्ट की राय न जानी जाए तो ये लगेगा कि अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है.

रॉयल कॉलेज ऑफ साइकियाट्रिस्ट के सदस्य डॉ स्टीफन वेस्टगार्थ, जो एक बाल मनोचिकित्सक भी हैं, छोट बच्चों के इस तरह के व्यवहार को बेहद सामान्य मानते हैं. वो कहते हैं- 'बच्चों की कल्पनाशील दुनिया बहुत बड़ी है जिसमें वयस्कों की दुनिया की तरह सामाजिक और भौतिक नियम-कायदे नहीं होते. पेरेंट होने के नाते मैं एक बच्चे के इन अनुभवों के लिए चिंतित नहीं होऊंगा, देखा जाए तो इसे बहुत सकारात्मक माना जा सकता है, क्योंकि ये दिखाता है कि उनके पास एक सुस्पष्ट और अच्छी तरह से परिभाषित करने योग्य कल्पना है. पर जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं और मस्तिष्क विकसित होता है, वो जो भी अनुभव कर रहे होते हैं उसे तर्कसंगत बनाना शुरू कर देते हैं और इसलिए धीरे-धीरे ये एपिसोड खत्म हो जाते हैं'

कैरॉन बी गुडे, एक मनोचिकित्सक और 'Kids Who See Ghosts' पुस्तक की लेखिका हैं. उनका कहना है कि- बच्चों का इस तरह की पैरानॉर्मल चीजें दिखाई देना काफी हद तक कुछ चीजों से जुड़ा होता है, जैसे- बहुत ज्यादा डाइट सोडा, फूड एलर्जी, भावनात्मक अधिभार यानी इमोशनल ओवरलोड, या फिर घरेलू वातावरण का नकारात्मक होना. कुछ तनावपूर्ण परिस्थितियां तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को प्रभावित कर देती हैं जिसका सीधा असर मस्तिष्क पर पड़ता है. उनके शोध के अनुसार, तनावपूर्ण परिस्थितियां या कोई दर्दनाक घटना- जैसे किसी प्रियजन की मौत, बच्चों को कम से कम एक बार ये अनुभव कराती हैं.

children1_112718030427.jpgबच्चों की कल्पनाओं की दुनिया बहुत असीम है

इन अनुभवों और मनोवैज्ञनिकों के तर्कों जानने के बाद ये समझ आता है कि वो बच्चे जो बचपन से अकेले हैं, या उन्हें अंदर ही अंदर कुछ परेशान कर रहा है, किसी तरह का तनाव है, वो इस तरह की कल्पनाएं करने लगते हैं. जिन्हें हर मता-पिता अलग तरीके से लेता है. जो लोग भूतों पर यकीन करते हैं वो बच्चों की इन कल्पनाओं से डर जाते हैं और जो नहीं करते वो इसे सिर्फ बातें बनाना कहते हैं. लेकिन फिर कुछ बातें जैसे ऐलिस का नन्ना को न जानते हुए भी उनके कपड़ों के बारे में सही बताना और मृत बच्चे का नाम और जन्मदिन सही बताना किसी दूसरी दिशा की तरफ ही इशारा करते हैं. लेकिन हां, आप इस बात को भी नकार नहीं सकते कि बच्चे कालपनिक दोस्त बनाते हैं. इन बातों पर आप यकीन करें न करें, कुछ लोग करते हैं. लेकिन अगर आपको भी यही लगता है कि बच्चे झूठ नहीं बोलते, तो आपको ये भी समझना होगा कि बच्चे बड़ों से ज्यादा कल्पनाशील होते हैं.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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