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Updated: 17 जुलाई, 2018 05:44 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जहां एक ओर राजस्थान पुलिस ने कॉन्स्टेबल भर्ती की परीक्षा देने आए विद्यार्थियों के कपड़ों पर कैंची चलाई, वहीं दूसरी ओर, चीन में उइगर मुस्लिमों की ड्रेस भी काटी गई. जहां एक ओर राजस्थान पुलिस के काम को सुरक्षा के सख्त इंतजाम की तरह देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन की पुलिस को मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार करने वालों की तरह देखा जा रहा है. चीन की पुलिस द्वारा सड़कों पर सरेआम मुस्लिम महिलाओं के कपड़ों पर कैंची चलाने की ये घटनाएं कैमरे में भी कैद हो गई हैं, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. जो भी इन तस्वीरों को देख रहा है वह चीनी पुलिस की आलोचना ही कर रहा है.

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बीच सड़क काटे जा रहे महिलाओं के कपड़े

डॉक्यूमेंटिंग अप्रेशन अगेंस्ट मुस्लिम (डीओएएम) संगठन के मुताबिक, चीन की पुलिस पूर्व तुर्किस्तान में उइगर मुस्लिम महिलाओं के कपड़े काट रही है. मध्य एशिया के इस इलाके पर फिलहाल चीन का नियंत्रण है, जिसे शिनजियांग प्रांत के नाम से भी जाना जाता है. चीन की सरकार को महिलाओं के लंबे कपड़ों से दिक्कत है. ऐसे में सड़कों पर कैंची लिए पुलिस घूम रही है और जिस महिला के भी कपड़े कमर से लंबे दिख रहे हैं, उनके कपड़े बीच सड़क पर ही काटकर छोटे कर दिए जा रहे हैं.

पाबंदियां और भी हैं...

चीन में उइगर मुस्लिम महिलाओं पर सिर्फ लंबे कपड़े नहीं पनने की पाबंदी ही नहीं है, बल्कि नकाब पहनने पर भी पाबंदी है. चीन की पुलिस का अत्याचार सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं है, बल्कि पुरुषों पर भी है. पुरुषों को लंबी दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं है. शिनजियांग प्रांत के लोगों पर हर वक्त नजर रखने के लिए इसकी निगरानी के लिए कई ड्रोन भी तैनात किए गए हैं. यानी हवा में पंक्षियों के तरह उड़ते ये ड्रोन हर पल यहां के लोगों पर नजर रखते हैं. इसके अलावा, यहां पर रमजान के दिनों में भी किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन करने की छूट नहीं दी जाती है.

उइगर मुस्लिम महिलाओं को कैद भी किया था

कुछ महीने पहले ही चीन ने शिनजियांग प्रांत की 50 उइगर मुस्लिम महिलाओं को कथित तौर पर आतंकवादी बताते हुए कैद तक कर लिया था. चीन में महिलाओं को गिरफ्तार करने पर गिलगिट और बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. आपको बता दें कि गिलगिट-बाल्टिस्तान और शिनजियांग प्रांत एक दूसरे से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर जुड़े हुए हैं. इन लोगों के पारिवारिक रिश्ते भी हैं और एक-दूसरे से शादी करने की भी परंपरा है. यही वजह है कि शिनजियांग में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार होता है तो गिलगिट-बाल्टिस्तान में उसका असर साफ देखा जा सकता है.

नास्तिक है चीन, नहीं मानता है किसी धर्म को

ऐसा नहीं है कि चीन में सिर्फ मुस्लिम धर्म के लोगों पर नियंत्रण रखने की कोशिश की जाती है. चीन आधिकारिक रूप से एक नास्तिक देश है. यहां की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी किसी भी धर्म को नहीं मानती है. इतना ही नहीं, वह नास्तिक विचार को वज्जो भी देते हैं. चीन में सरकार धर्म से कितनी दूरी बनाती है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कम्युनिस्ट पार्टी के नियमों के अनुसार पार्टी के रिटायर कार्यकर्ता भी किसी धर्म का पालन नहीं कर सकते हैं. हालांकि, आम जनता को चीन की सरकार ने धार्मिक आजादी दी है, लेकिन किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि को करने की छूट नहीं है. चीन में अगर कम्युनिस्ट पार्टी का कोई कार्यकर्ता किसी भी धर्म का पालन करता पाया जाता है तो उसे सजा तक देने का प्रावधान है.

जहां एक ओर सऊदी अरब जैसे देश में मुस्लिम महिलाओं पर छोटे कपड़े पहनने को लेकर पाबंदी है, वहीं दूसरी ओर चीन में लंबे कपड़ों को काटकर छोटा किया जा रहा है. चीन की सरकार ये सब सिर्फ इसलिए कर रही है ताकि मुस्लिम लोगों में किसी तरह की कट्टरता ना फैले. यहां तक कि स्कूली बच्चों के एक धार्मिक कार्यक्रम तक पर उन्होंने रोक लगा दी थी. इतना ही नहीं. यह भी खबर है कि चीन ने इस प्रांत में मुसलमानों के लिए कुछ रिएजुकेशनल कैंप भी लगाए हैं, जिनमें मुस्लिम लोगों से उनकी निजी जिंदगी और राजनीतिक विचारों के बारे में पूछताछ होगी. देखा जाए, तो सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई उनके खिलाफ न जाए ना ही कुछ ऐसा करे, जिससे लोगों का कोई ग्रुप ताकतवर होकर सरकार से विद्रोह कर दे.

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