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Updated: 03 नवम्बर, 2018 05:16 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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आपका बिंदास गालियां देना, शराब और सिगरेट पीना, आपके शारीरिक संबंध या किसी और तरह का नशा भले ही आपकी निजी जिंदगी हो, आपकी पर्सनल चॉइस हो लेकिन अगर वो चीजें आपके बच्चों पर असर करने लगें तो क्या आप खुद को अच्छा पेरेंट कह सकते हैं? ये सवाल इस लाइफस्टाइल वाले लोगों को थोड़ा नाराज कर सकता है, क्योंकि यहां उनकी परवरिश पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है.

अब आप कहेंगे कि इस लाइफस्टाइल का बच्चों की परवरिश के साथ क्या लेनादेना, तो इसे सरल शब्दों में समझाती हूं. एक बच्चा अपने पापा को गालियां देता सुनता है. वो उन्हें सिगरेट और शराब भी पीते देखता है, तो अगर आप उस बच्चे से ये उम्मीद करते हैं कि वो अपने पिता की तरह गालियां नहीं देगा या फिर सिगरेट या शराब नहीं पिएगा तो शायद आप गलत सोचते हैं. वो ये सब करेगा क्योंकि वो ये सब अपने पिता को करते देख रहा है, क्योंकि माता-पिता हमेशा बच्चों के लिए आइडियल होते हैं. वो गलतियां नहीं करते. हालांकि बहुत से पेरेंट्स इस बात का ख्याल रखते हैं कि वो बच्चों के सामने सिगरेट या शराब न पिएं, क्योंकि वो ये जानते हैं कि बच्चों पर इसका गलत असर पड़ेगा.  

हाल ही में टीवी एक्ट्रेस श्वेता सालवे की इंस्टाग्राम तस्वीर पर कुछ लोगों ने उन्हें bad mom कहा, क्योंकि वो तस्वीर में सिगरेट और शराब पीती दिख रही हैं. इसपर नाराज श्वेता ने शराब पीती हुई एक और तस्वीर शेयर की और उसपर लोगों को खूब खरी-खरी सुनाई. और बिल्कुल वैसे ही रिएक्ट किया जैसा वो लोग करते हैं जिनसे कहा जाता है कि शराब और सिगरेट पीना अच्छा नहीं होता. खासतौर पर तब जब कोई महिला ये सब करे.

shweta salveश्वेता साल्वे तस्वीर में सिगरेट और शराब पीती नजर आईं, तो उन्हें bad mom कहा गया

ये सच है कि ये सब करना एक इंसान की निजी पसंद है और कोई दूसरा उसपर बोलने वाला कोई नहीं होता. लेकिन श्वेता सालवे ने जिस तरह खुद को सही ठहराया, वो समझ नहीं आया.

उन्होंने कहा-

''हां मैं शराब और सिगरेट पीती हूं. और कोई भी इसके लिए मुझे जज नहीं कर सकता. अगर मैं दूसरों के लिए ऐसा कुछ नहीं बोलती तो चाहती भी हूं कि दूसरे भी मेरे लिए नहीं बोलें. लेकिन मेरे ये सब करने से मैं कैसे बुरी इंसान या बुरी मां बन गई? क्या मैं अपनी जिंदगी बर्बाद कर रही हूं? क्या मैं खाली बैठी हूं? क्या मैं अपने बच्चे पर ध्यान नहीं दे रही? मैं बहुत से काम करती हूं. मैं भले ही एग्रेसिव हूं लेकिन कभी अपने बच्चे के लिए एक गलत उदाहरण नहीं हूं.

मुझे जवाब दीजिए कि एक वेश्या अपना घर चलाने के लिए और बच्चों को पढ़ाने के लिए अगर अपना जिस्म बेचती है तो क्या वो गलत है? गलत मां है? समाज के लिए कलंक है? मैं और आप उसे जज करने वाले कौन होते हैं? मेरे माता-पिता ने मुझे अच्छा और बुरा सिखाया. वो भी सिगरेट और शराब पीते थे, लेकिन उन्होंने बहुत अच्छी तरह मुझे और मेरे भाई का पालन पोषण किया. हम बच्चों को पता था कि एक उम्र तक हम ये सब नहीं कर सकते. और वयस्क होने पर भी हमारे पास इस बात की चॉइस थी कि हम ऐसा करें या न करें. आज मैं उनके साथ शराब पीती हूं, और ये मानती हूं कि उन्होंने हमें एक शानदार बचपन दिया और मैं भी अपने बच्चे को वही दूंगी. मैं लाइक्स और फॉलोअर्स पर पैसे नहीं खर्चती. आपने मुझे फॉलो किया है और जो मैं हूं, वो ऐसी ही हूं. आपके पास मुझे अनफॉलो करने का ऑपश्न हमेशा है. जिओ और जीने दो.''

श्वेता के इस जवाब की लोग बड़ी तारीफ कर रहे हैं. लेकिन मुझे इसमें तारीफ जैसा कुछ भी नजर नहीं आया. आपने गर्व से कहा है कि आप ऐसी ही हैं. और जैसी भी हैं बिल्कुल सही हैं. आप शराब को सही ठहरा सकती हैं लेकिन आप सिगरेट को सही कैसे ठहरा सकती हैं. आप दो साल की एक बच्ची की मां हैं. आप उसे बचपन से वो माहौल दे रही हैं जो आपको आपके पेरेंट्स ने दिया. जिसका नतीजा ये है कि आप न शराब को गलत ठहरा रही हैं और न सिगरेट को. क्योंकि वो आपके पेरेंट्स भी पीते थे.

shweta salveकोई मां अपने बच्चों के लिए बुरी नहीं हो सकती

यहां तीन बातें श्वेता को समझनी चाहिए-  

पहली-

कहा जाता है कि दिल्ली के प्रदूषण में सांस लेने का मतलब है 44 सिगरेट एक दिन में फूंक देना है. और आप तो अपनी बच्ची को वही प्रदूषित हवा रोज देती हैं. लेकिन आपकी नजर में सिगरेट पीने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि अच्छी मां के नाते आपने बच्ची को ये तो बता ही दिया होगा कि ये बच्चे नहीं पीते. आपको पीनी हो तो 18 साल के बाद पीना. अच्छी मॉम बच्चों को अच्छा बुरा ही तो बताती हैं, इस लिहाज से आप अच्छी मॉम हैं. आप शराब पिएं, गर्व से पिएं, क्योंकि शराब सिर्फ आपके शरीर का नुकसान कर रही है, बच्चे का नहीं. लेकिन जो जहर सिगरेट पीकर आप उसकी सांसों में घोलती हैं उसके लिए आपको अच्छी मॉम नहीं कहा जा सकता.

दूसरी-

आपने खुद को सही बताने के लिए एक वेश्या का उदाहरण दिया. जबकि आपको समझना होगा कि वेश्या घर चलाने के लिए अपना शरीर बेचती है, घाव सिर्फ उसके शरीर पर होते हैं. उसका असर वो अपने बच्चों पर पड़ने नहीं देती. आप भी शराब पीकर अपना स्वास्थ्य खराब करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं, बशर्ते इसका असर आपके बच्चे पर न पड़े.

तीसरी-

आप एक सेलिब्रिटी हैं, टीवी के माध्यम से आपने बहुत से फैंस कमाए हैं जो आपको सिर्फ इसलिए फॉलो करते हैं क्योंकि वो आपको अपना आइकॉन समझते हैं. उसी के नाते आपकी ये नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि आप अपने फॉलोअर्स के सामने अच्छे उदाहरण पेश करें. आप गलत कर रही हैं और उसे मानना तो दूर खुद को सही साबित करने पर तुली हुई हैं. ऐसे कई सेलिब्रिटी हैं जो भले ही सिगरेट शराब पीते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर इस तरह की तस्वीरें कभी पोस्ट नहीं करते क्योंकि ये अच्छा संदेश नहीं देती हैं.

लेकिन ये हमारी मानसिकता है कि जब हम आज़ाद पंछी की तरह जिंदगी जी रहे होते हैं, तो आजादी के नाम पर बहुत सी ऐसी चीजों को गले लगा लेते हैं जो सही न होते हुए भी जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं. पर्सनल चॉइस और निजी जिंदगी के नाम पर आप इसे सही ठहराने की भले ही कितनी ही दलीलें दें, लेकिन गलत कभी सही नहीं बन जाता. अगर ये सब गलत नहीं होता तो सिगरेट के रैपर पर चेतावनी न लिखी होती.

जब हम माता-पिता बन जाते हैं तो सिर्फ हमारा नामकरण नहीं होता बल्कि जिम्मेदारी भी होती है कि बच्चों को कुछ अच्छा सिखाएं, हर गलत को उनसे दूर रखें. बच्चों के पहले शिक्षक उनके माता-पिता होते हैं, तो माता-पिता की भी ये जिम्मेदारी है कि उन्हें एक शिक्षक का मान हमेशा रखना चाहिए. एक तरफ बच्चों को आप ये बताएं कि सिगरेट और शराब अच्छा नहीं है और दूसरी तरफ आप गर्व से उसे पिएं, तो आप अपना आकलन खुद कीजिए कि आप किस तरह का उदाहरण पेश कर रहे हैं.

यहां बात गुड मॉम या बैड मॉम की नहीं है. कोई भी मां अपने बच्चे के लिए बुरी मां नहीं हो सकती. बुरी होती हैं वो बातें, जिन्हें देखकर बच्चे बुरा सीखते हैं. its just simple !!

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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