भारत पर मंडराया ज़ीका वायरस का खतरा
पिछले साल ब्राजील समेत कई दक्षिण अमेरिकी देशों में दहशत फैलाने के बाद जीका वायरस की आहट अब भारत में भी दिखी है.
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कल जैसे ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुजरात में 3 लोगों के जीका वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि की, इस खबर को उतनी तब्बजो नहीं दी गई, क्योंकि भारत में इस वायरस के पाए जाने का यह पहला मामला है और तीनों मरीज, गुजरात राज्य के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के हैं.
इनमें से दो के ब्लड सैंपल 2016 में लिए गए थे जबकि एक का इसी साल लिया गया है, लेकिन ये तय है की इसकी भयवहता से न ही इंकार किया जा सकता है और न ही खतरे के प्रति आंख मुंडाने की जरूरत है. क्योंकि, पिछले साल ब्राजील समेत कई दक्षिण अमेरिकी देशों में दहशत फैलाने के बाद जीका वायरस की आहट अब भारत में भी दिखी है.
WHO ने कहा,‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय.. भारत सरकार ने गुजरात के अहमदाबाद जिले के बापूनगर क्षेत्र में जीका वायरस से बीमारी के प्रयोगशाला में पुष्ट तीन मामलों की जानकारी दी है.’ 10 से 16 फरवरी 2016 के बीच बी.जे मेडिकल कॉलेज में रक्त के कुल 93 नमूने लिए गए. जिसमें से 64 वर्षीय एक पुरुष का नमूना जीका वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया. कहा गया, ‘यह गुजरात से एएफआई निगरानी के जरिए रिपोर्ट किया जाने वाला पहला जीका पॉजिटिव मामला था.’
बीजेएमसी अस्पताल में एक बच्चे को जन्म देने वाली 34 वर्षीय महिला में जीका संक्रमण का पता चला. इसके अलावा, इसी अस्पताल में अपनी गर्भावस्था के 37वें सप्ताह में 22 वर्षीय एक गर्भवती महिला जीका वायरस से ग्रस्त पाई गई. वैसे भी ज़ीका वायरस अपने चपेट में गर्भवती महिलाओं और बच्चो को ही लेती है.
क्या हैं लक्षण - बुख़ार, गले में ख़राश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नज़र आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें.
क्या है बचने के उपाय विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ज़ीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें. मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें.
क्या है इलाजइसका कोई खास इलाज नहीं हैं, बस मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए, अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए और बुखार पर नियंत्रण करने के लिए पैरासीटामोल का प्रयोग करना चाहिए. एस्प्रिन बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए. बच्चों में एस्प्रिन से गंभीर खतरा हो सकता है. ज़ीका वायरस का फ़िलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फ़ौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
ज़ीका वायरस की भयबहता के शिकार ब्राज़ील में जब पिछले साल ओलिंपिक का आयोजन किया जा रहा था तब दुनिया के 100 से ज़्यादा शीर्ष वैज्ञानिकों ने कहा है कि ज़ीका वायरस के कारण इस साल ब्राज़ील के शहर रियो में होने पर रोक लगा देनी चाहिए. पिछले साल बर्जिल में 8 मौते ज़ीका वायरस से हुई थीं और करीब 1 लाख 70 हज़ार से ज्यादा लोग इसके चपेट में आये थे और काफी देशों ने एडवाइजरी भी जारी की थी की अगर बहुत जरुरी न हो तो ब्राज़ील का दौरा करने से लोग परहेज़ भी करें.
पर WHO ने इन मामलों के आधार पर भारत में यात्रा को लेकर किसी तरह की चेतावनी जारी नहीं की है. ये राहत की बात है. पर भारत में ज़ीका वायरस का ये पहला मामला है और लोगों में भी इसके प्रति जागरूकता उतनी नहीं है न ही सरकार के तरफ से इस सन्दर्भ में अभी तक कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. पर आगे चलकर नए मामले भी सामने आ सकते हैं और उम्मीद की जानी चाहिए की समय रहते इस मुसीबत की गंभीरता के प्रति सचेत होने की आवश्यकता है.
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