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Updated: 14 फरवरी, 2021 01:24 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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जब भी देश दुनिया मे कहीं एनकाउंटर होता मानवाधिकार के रक्षक आ जाते और कहते 'क्राइम को खत्म करना चाहिए. क्रिमिनल को नहीं. बारंबार ये बात सुनी. हज़ारों हज़ार बार ये बात सुनी और सुन के इसे अनसुना किया.सुनने को तो ये बातें यूपी पुलिस ने भी सुनी होंगी लेकिन उसने इसे हमारी आपकी तरह सुनकर अनसुना नहीं किया बल्कि 'क्रिमिनल सुधरें साथ ही उनमें पुलिस का खौफ भी आए' इसके लिए ज़बरदस्त प्लानिंग की. नतीजा निकला 'डिजिटल चक्रव्यूह' जिसका उद्देश्य उन लोगों की मानसिकता को बदलना है जो किसी युवती, महिला या फिर बच्ची के साथ अश्लील हरकतों को अंजाम देते हैं. प्लानिंग यूपी पुलिस की 1090 सेवा की है. प्लानिंग कितनी 'पक्की' है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महिलाओं से जुड़े हुए अपराधों को रोकने के लिए यूपी पुलिस ने अपने तरकश से ' इंटरनेट' का तीर निकाला है. यूपी में बैठा कोई व्यक्ति अगर ऑनलाइन एडल्ट कंटेंट सर्च कर रहा है तो न केवल 1090 नंबर की सेवा उस व्यक्ति के बारे में अलर्ट देगी. बल्कि यदि उसके इलाके में किसी महिला या बच्ची के साथ कुछ उल्टा सीधा हुआ तो शक के घेरे में वो व्यक्ति भी आएगा और पुलिस उसे भी उठाएगी. पुलिस का मानना है कि कौन क्या देख रहा है इसकी सारी जानकारी 1090 के पास होगी और किसी भी इलाके में कोई वारदात होती है तो बड़ी ही आसानी के साथ आरोपी को दबोच लिया जाएगा.

UP Police, UP, Woman, Safety, Porn, Internet, Girls, Crime, Arrestमहिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के मद्देनजर यूपी पुलिस काफी गंभीर नजर आ रही है

पहली नजर में ये तमाम बातें हवा हवाई लगती हैं लेकिन ये सच हैं. यदि व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से कोई पोर्न साइट, अश्लील वीडियो या बार-बार कुछ ऐसा सर्च करने की कोशिश कर रहा है जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपराध को बढ़ावा देता है तो ऐसे में 1090 सावधान हो जाने के लिए अलर्ट जारी करेगा और 'छिछोरों के न चलेंगे हथकंडे जब 1090 चलाएगी उन पर डंडे...' या फिर जिसको सुधार न पाई मास्टर जी की छड़ी, उसके लिए 1090 की हथकड़ी जैसे स्लोगंस उसकी स्क्रीन पर आ जाएंगे. इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या बलात्कार जैसी चीजों को रोकना है.

1090 अपनी इस मुहिम के प्रति कितना गंभीर है इसे एडीजी 1090 नीरा रावत की बातों से समझा जा सकता है. एडीजी के अनुसार शहरों में जगह जगह ऐसे पोस्टर्स लगाए जाएंगे जो ये बताएंगे कि यदि व्यक्ति ने राह चलते किसी लड़की या महिला के साथ छेड़छाड़ की तो क्या होगा. उस स्थिति में आपको कितनी सजा मिलेगी. ध्यान रहे कि ये सारे प्रयास यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा महिला सुरक्षा के मद्देनजर शुरू किए गए मिशन शक्ति के अंतर्गत किया गया है जिसके बाद अब भविष्य में 1090 कहीं ज्यादा सशक्त होगा. अब पहले शोहदों पर शिकंजा कसा जाएगा फिर उन्हें पकड़ा जाएगा.

बता दें कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सूबे के 6 जिलों में इस संबंध में काम किया जा रहा है. यूपी में करीब 11.6 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं इसलिए वो लोग जो महिलाओं और लड़कियों को अश्लील मैसेज भेजते हैं अब उनकी भी खैर नहीं है. वहीं ये भी घोषणा हुई है कि राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के चौराहों और सार्वजनिक स्थानों अथवा ब्लैक स्पॉट (जहां छेड़छाड़ से संबंधित मामले अधिक होते हों) वहां पर स्लोगन के साथ शोहदों पर शिकंजा कसने के लिए पोस्टर लगाए जाएंगे.

काफी विरोधाभासी है यूपी पुलिस की बातें!

महिलाओं को सुरक्षा मिले लोग उन्हें भोग की वस्तु न समझकर उनका उचित सम्मान करें ये वाक़ई बहुत अच्छी बात है और जो पहल यूपी पुलिस ने की है उसकी सराहना भी होनी चाहिए. लेकिन जिस तरह पोर्न देखने वालों को पुलिस संभावित अपराधी मान रही है ये बात अपने में विरोधाभास लिए हुए है. सवाल होगा कैसे? तो जवाब के तौर पर हम साल 2017 में आई एक रिपोर्ट पेश करना चाहेंगे. साल 2017 में पोर्नहब ने एक स्टडी की थी जिसमें ये पाया गया था कि पोर्न देखने के मामले में विश्व मे भारत चौथे पायदान पर हैं वहीं पोर्न देखने के मामले में भारतीय महिलाएं पहले नंबर पर हैं.

पोर्नहब द्वारा जारी एक अध्ययन में यह खुलाया किया गया था कि पोर्न देखने के मामले में भारत विश्व में चौथे पायदान पर खड़ा है, जिसमें महिलाओं की 30 फीसदी भागीदारी है. अध्ययन में इस बात पर बल दिया गया था कि भारत में पोर्न देखने वाले कुल उपभोक्ताओं में महिलाओं की भागीदारी 30 फीसदी है, जो कि विश्व में सबसे ज्यादा है.

रिपोर्ट ने ये कहकर भी हैरत में डाला था कि भारतके युवा कम उम्र से ही पोर्न देखना शुरू कर देते हैं. वैश्व‍िक स्तर पर जहां पोर्न देखने वालों में 18 से 24 साल के आयुवर्ग के 31 फीसदी लोग हैं. वहीं भारत में 24 साल या उससे कम उम्र के युवा सबसे ज्यादा पोर्न देखते हैं.

इसके बाद जैसा कि पुलिस ने कहा कि यदि कोई पोर्न या एडल्ट साइट देखता है तो उसके मोबाइल पर नोटिफिकेशन आएगा और उसे सावधान करेगा, ये बात भी अपने में तमाम तरह के विरोधाभास लिए हुए है. जिस तरह सिगरेट या शराब पीने वालों पर एक्शन लेने से बेहतर है कि कंपनियों पर एक्शन लिया जाए उसी तरह यदि पुलिस पहले ही इस तरह के कंटेंट को बैन कर दे तो आधी समस्या का समाधान खुद ब खुद हो जाएगा.

गौरतलब है कि यूपी में तमाम शहर हैं जहां धड़ल्ले से पोर्न देखी जा रही है. यूपी का उन्नाव तोे पोर्न देखने वाले टॉप 10 शहरों में शुमार हो चुका है. तो सवाल ये भी उठता है कि किसी अपराध की रोकथाम के लिए उन शहरों में रहने वाले कितने लोगों को शंका के दायरे में लिया जा सकेगा?

बहरहाल हम फिर इस बात को कह रहे हैं कि यूपी पुलिस की तरफ से 1090 ने प्लानिंग तो अच्छी की है मगर तमाम कमियां हैं जो जाहिर तौर पर दिखाई पड़ रही हैं. यदि यूपी पुलिस उन कमियों को दूर कर ले तो इस बात में कोई शक नहीं है कि ये एक अच्छा प्रयास है. महिलाओं के प्रति अपराध कम न भी हुआ तो कम से कम एक डर तो होगा जो बना रहेगा.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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