लो जी आ गया 'योगी आम', क्या आपको पता हैं इसकी खूबियां
अब यूपी में योगी आदित्यनाथ के नाम पर आम उगाए जा रहे हैं. जरा जान तो लीजिए कि इस आम की खूबियां क्या हैं?
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गर्मी का मौसम है और आम का सीजन भी. अब भला ऐसे में किसे पसंद नहीं होगा एक अच्छा दशहरी आम. इस मौसम में अगर मैं आपसे कहूं कि अब आप ऐसे आम का स्वाद चख पाएंगे जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसी खूबियां होंगी तो आप क्या कहेंगे?
दरअसल, मैंगो मैन के नाम से मश्हूर हाजी कलिमुल्ला ने अब आम की एक नई वैराइटी उगाई है. इस वैराइटी का नाम योगी आम रखा गया है. आपको बता दूं कि महिलाबाद इलाके में 5 एकड़ इलाके में दशहरी आम उगाने वाले हाजी कलीमुल्ला 74 साल के हैं और 1957 से आम उगा रहे हैं. 1987 से उन्होंने एक नए तरीके का एक्सपेरिमेंट शुरू किया. इस एक्सपेरिमेंट में उन्होंने एक ही आम के पेड़ में अलग-अलग तरीके के आम उगाना शुरू किया.
योगी आदित्यनाथ के नाम पर उगाया गया आम
खास बात ये है कि इस मैंगो मैन को पद्मश्री भी मिल चुका है. इसके पहले उन्होंने एश्वर्या राय, नरेंद्र मोदी आदि के नाम पर आम उगाए हैं, लेकिन अब तो योगी जी भी इस कड़ी का हिस्सा बन गए हैं.
कलिमुल्ला जी बागान में एक खास पेड़ है. इस पेड़ में ही वो हर बार अलग-अलग तरह के आम उगाते हैं. ये पेड़ लगभग 100 साल पुराना है और इसमें उगाए गए आमों को हर बार नए नाम दिए जाते हैं.
तो क्या है योगी आम की खूबियां...
कलिमुल्ला के मुताबिक ये दशहरी आम की एक नई किस्म है, ये पतली और पूरी तरह से नैचुरल तरीके से उगाया गया है. भई वाह! अब योगी जी की तरह ही शुद्ध प्राकृतिक आम भी उगा दिया गया. एक बात तो माननी पड़ेगी. योगी जी चर्चा में तो आ गए हैं.
आम आदमी यानी हमारे मैंगो मैन कलिमुल्ला एक ही पेड़ पर करीब 300 अलग-अलग तरह के आम उगा चुके हैं. अस्ल-उल-मुखरार, हुस्न-ए-आरा, शर्बती बैग्रेन, पुखराज, वालाजाह पसंद, खस-उल-खास, मक्खन, श्याम सुंदर, प्रिंस, हिमसागर, एश्वर्या, मोदी आम आदि कलिमुल्ला के कुछ लोकप्रिय आमों की किस्मों में शामिल हैं.
योगी आम के बारे में ज्यादा तो अभी किसी को नहीं पता. खुद कलिमुल्ला नहीं जानते कि इसका स्वाद कैसा होगा. दरअसल, योगी आम अभी तक कच्चा है और उसके स्वाद के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. ऐसा खुद कलिमुल्ला कहते हैं.
अब कुछ बातें तो अभी तक साफ नहीं है. पहली ये कि इसका स्वाद कैसा होगा? फिलहाल तो योगी आम नई यूपी सरकार की तरह कच्चा है. इसका रंग पीले की जगह कहीं भगवा ना हो जाए इसका डर कहीं ना कहीं शायद कलिमुल्ला को भी डर सता रहा हो. चलिए इंतजार करते हैं इस आम का.
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