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समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
इंदौर हादसे में जिन्होंने अपनों को खो दिया उनकी पीड़ा कौन समझेगा?
इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे का जिम्मेदार कोई भी हो मगर जिन्होंने अपनों को खो दिया उनकी पीड़ा कौन समझेगा? किसी ने अपना बच्चा खो दिया, किसी ने पत्नी, किसी ने मां तो किसी ने पिता. कोई तो हाथ जोड़े ही बावड़ी (कुएं) में ही समा गया. कहने को कितनी ही बातें कह दी जाएं, मुवाअजे दे दिए जाएं मगर जो चले गए वे लौट कर नहीं आने वाले.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
‘स्व’ के आधार पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्थापित किया ‘हिन्दवी स्वराज्य’!
राज्य संचालन के अन्य क्षेत्रों में भी शिवाजी महाराज ने ‘स्व’ की भावना के आधार पर व्यवस्थाएं बनायीं. स्वराज्य की अपनी मुद्रा होनी चाहिए इसलिए महाराज ने मुगलों द्वारा चलाई गई मुद्रा बंद करके सोने और तांबे के नये सिक्के जारी किए थे. शिवाजी ने बड़े आर्थिक व्यवहार के लिए स्वर्ण मुद्रा बनवायी, जिसे ‘होन’ नाम दिया गया. जबकि सामान्य आर्थिक व्यवहार के लिए तांबे की मुद्रा बनवायी गई, इस ताम्र मुद्रा को ‘शिवराई’ कहा गया.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
बुलडोजर के सामने लेटने वाले को 20% वोट, सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए खुला ऑफर!
तमाम ख़ास और आम मुसलमानों से बात करने पर एक कॉमन राय सामने आ रही है. लोग कह रहे हैं कि कुछ मुसलमानों पर ज़ुल्म कर पूरी क़ौम को डराया जा रहा है. इस ज़ुल्म के खिलाफ जो विपक्षी दल के शीर्ष नेता जमीन पर विरोध करते नजर आएंगे, जेल जाने से नहीं डरेंगे, उन्हें ही अल्पसंख्यक वर्ग बिना बंटे, बिना बिखरे एक मुश्त वोट देगा.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कर्नाटक में सामने आया एक और 'ज्ञानवापी मंदिर'! जानिए क्या है मामला...
सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 इस बात से नहीं रोकता कि किसी धार्मिक स्थल के चरित्र का पता ही न लगाया जाए.' इन सबके बीच कर्नाटक (Karnataka) के मंगलुरु (Mangaluru) में एक मस्जिद (Mosque) में हिंदू मंदिर (Temple) के जैसा वास्तुशिल्प कला (Architecture) के नमूने सामने आए हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
कोरोना का कमाई-काल, और फिर लखनऊ के अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में बीयर की बोतलें मिलना!
इस कोरोनाकाल में जब अस्पतालों ने बल भर पैसा कमाया है तो स्वाभाविक था कि उनके फ्रिज से बियर की बोतलें और मुर्गे जैसी चीजें निकलेंगी. अब जब लखनऊ में जिला प्रशासन के छापे के बाद ऐसा हुआ है तो फिर हैरत कैसी? लोग बेवजह इसे मुद्दा बना रहे हैं. साफ़ है कि ऐसी बातें तो होनी ही नहीं चाहिए.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
वैक्सीन का खौफ जैनेटिक है, चेचक का टीका लगाने वाले 'छपहरे' की दास्तान सुनिए...
चाहे वो गुजरे ज़माने में हुआ चेचक का टीकाकरण हो या फिर वर्तमान में यूपी के बाराबंकी के एक गांव में हुआ कोविड का वैक्सीनेशन जिस तरह गांव के लोगों ने इसे जहर माना औरसरयू नदी में कूदे साफ़ है कि वैक्सीन का डर और उससे भागने की टेक्नीक जेनेटिक है. ये पहले भी था और शायद आगे भी रहेगा.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
योगी आदित्यनाथ को हाथरस केस में गुमराह करने वाले अफसर कौन हैं?
हाथरस केस (Hathras Case) में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की वैसी ही फजीहत हुई है जैसी गोरखपुर अस्पताल और प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस की बसों के मामले में हुआ था - ऐसा तो नहीं कि राजनीतिक नाकामी छिपाने के लिए पुलिस अफसरों को नाप (Police Officers Suspended) दिया गया हो?
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
Unnao rape कैपिटल क्यों है इसका 'जवाब' पुलिस ने अपने अंदाज में दिया!
ज्यादातर आरोपी लोग रसूखवाले हैं क्योंकि उन्हें पता है कि आगे चलकर कोई समस्या आ भी गई तो पुलिस को मैनेज करने के लिए किसे फोन मिलाना है. असल में अपराध कर ही वही रहे हैं जिन्हें बच निकलने का रस्ता पता है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए बेहतर है राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी निभाना!
Ram Mandir को लेकर जो बातें Ram Janmbhoomi Nyas ने योगी आदित्यनाथ के लिए कहीं हैं उन्हें उसपर इसलिए भी विचार करना चाहिए क्योंकि जैसे हालत हैं साफ़ हो गया है कि उत्तर प्रदेश को चलाना और नियम कानून दुरुस्त रखना उनके बस में नहीं है.