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समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
अपनी शर्तों पर जीने वाली महिला चाहे 20 की हो या 80 साल की, खटकती क्यों है?
महिला की उम्र (women age) भले कुछ भी हो अगर वह अपनी शर्तों पर जिंदगी जीती है तो समाज के लोग उसे 10 नाम देते हैं. वे यह भी नहीं देखते कि उसकी उम्र क्या है? ऐसे लोगों के लिए आशा पारेख (Asha Parekh) का पारा चढ़ना एक सबक है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
सेंटिनल आदिवासियों से मिल चुका शख्स एक अलग कहानी बताता है
अंडमान के नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर अभी तक सिर्फ एक ही शख्स सही मायने में जाकर उन आदिवासियों से जुड़ पाया है. हिंदुस्तान के इस जाने माने व्यक्ति ने अपने एक्स्पीरियंस को साझा किया है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
आदिवासियों को धार्मिक बनाने की 'आत्मघाती-बेवकूफी' से भरी है चाऊ की डायरी
जॉन एलन चाऊ का मकसद साफ था, वो बस आदिवासी लोगों को धर्म का पाठ पढ़ाना चाहता था. उसे अच्छी तरह पता था कि वो दुस्साहस कर रहा है. आत्मघाती दुस्साहस. और इसीलिए उसके मारे जाने को शहादत कहा जाना थोड़ी ज्यादती है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
अंडमान की वो 5 जनजातियां जिनसे दूर रहते हैं लोग!
अंडमान की सिर्फ सेंटिनलीज जनजाति ही नहीं बल्कि कई ऐसी जनजातियां हैं जिनका बाहरी दुनिया से ज्यादा लेना-देना नहीं है और इन जनजातियों को असुरक्षित घोषित किया गया है.