X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Covid Vaccination के 6 महीने: मोदी सरकार के दावों से दूर ही नजर आ रही हकीकत!
कोरोना संकट के दौर में मोदी सरकार की शीर्ष थिंक टैंक संस्था नीति आयोग ने बीती 13 मई को लोगों के लिए एक राहत देने वाली घोषणा की थी. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने दावा किया था कि भारत में अगस्त से दिसंबर के अंत तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध कराई जाएंगी. इसी के साथ वैक्सीन का पूरा रोडमैप भी जारी किया था.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
वैक्सीनेशन पर केंद्र सरकार के दावों से कोसों दूर नजर आ रही है हकीकत!
भारत में पांच एंटी कोविड वैक्सीन अभी भी ट्रायल फेज में हैं. बायो-ई सबयूनिट वैक्सीन की 30 करोड़ डोज अगस्त से दिसंबर के बीच मिलनी हैं, लेकिन यह वैक्सीन ट्रायल के आखिरी दौर में है. जायडस कैडिला और नोवैक्स भी ट्रायल फेज के तीसरे दौर में हैं. वहीं, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन और जेनोवा की वैक्सीन भी ट्रायल के शुरुआती दौर में हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
प्रभाष कुमार दत्ता
@PrabhashKDutta
Covid Vaccine के बनने और लापता होने की रहस्यमय कहानी!
भारत में टीकाकरण का औसत देश में एंटी कोविड वैक्सीन के घरेलू उत्पादन की तुलना में काफी कम नजर आता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत में आबादी के लिहाज से वैक्सीन की मांग बहुत बड़ी है, लेकिन टीकाकरण की गति सरकार द्वारा घोषित किए गए उत्पादन और आपूर्ति क्षमता की तुलना में काफी धीमी है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Covaxin vs Covshield vaccine: दो डोज के बीच में क्यों ज्यादा है टाइम गैप, जानिए
आईसीएमआर के हेड डॉ. बलराम भार्गव का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लेने के साथ ही लोगों में एंटीबॉडीज बनने लगती हैं. कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज में टाइम गैप की वजह से लोगों में एंटीबॉडीज बड़ी मात्रा में बनती हैं. कोवैक्सीन के पहले डोज के बाद इम्यूनिटी उतनी नहीं बढ़ती और एंटीबॉडीज बहुत ज्यादा नहीं बनती हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कोविड वैक्सीनेशन से ब्लड क्लॉटिंग की बात टीकाकरण अभियान में पलीता लगाने से ज्यादा कुछ नहीं!
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक देश के 684 जिलों से 23000 साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं. जिनमें से 700 मामले गंभीर किस्म के थे. इन मामलों में 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच के दौरान 26 मामलों में ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले हैं.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
अगस्त से मिलेंगी 8 एंटी कोविड वैक्सीन, लेकिन लगेंगी कैसे?
भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या करीब 98 करोड़ है. इनमें से 4.10 करोड़ को लोगों को एंटी कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. इस लिहाज से भारत में 18+ की बची हुई 93.9 करोड़ आबादी के दोनों डोज के लिए 187.8 करोड़ एंटी कोविड वैक्सीन की डोज की जरूरत पड़ेगी.