X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
रजनीश कुमार सक्सेना
@5760451224046017
राष्ट्रपति के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर भगवान जैसे क्यों?
लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के 10वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित किया है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योतिरंजन पाठक
@1374901269660665
समाज में समानता के लिए 'एक देश एक आरक्षण' व्यवस्था जरूरी है!
सुप्रीम कोर्ट के माननीय पांच जजों में तीन ने इसे संविधान के मूल ढांचों से छेड़छाड़ करने की बातों को नकार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के कथन को कोट करते हुए कहा है कि हर दस साल में आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
गांधी परिवार के 'छुआछूत' का शिकार हुए शशि थरूर, आंबेडकर को हथियार बना अब चुन-चुनकर बदला ले रहे!
शशि थरूर (Shashi Tharoor) की हाल फिलहाल की बातें ध्यान से सुनें तो ऐसा क्यों लगता है जैसे वो कांग्रेस (Congress President Election) की पोल खोल में जी जान से जुटें हैं - और गांधी परिवार (Gandhi Family) को भी कहां बख्श रहे हैं? ये सिर्फ चुनाव तक ही सीमित है या सिलसिला थमने वाला नहीं है?
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
अजीत कुमार मिश्रा
@ajitmishra78
वर्ण व्यवस्था और छुआछूत पर गांधी और अम्बेडकर से बहुत अलग थे सावरकर
गांधी का कहना था कि रोटी - बेटी का संबंध (वर्ण व्यवस्था 'सही' है) पर छूआछूत 'गलत' है. अंबेडकर मानते थे कि जाति व्यवस्था शोषण का आधार है और छूआछूत गलत है. वहीं इन दोनों से इतर सावरकर की सोच थी कि वर्ण-व्यवस्था/ जाति व्यवस्था 'गलत' है और छूआछूत 'अपराध' है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
क्यों हमें याद रखना चाहिए बाबा साहेब अंबेडकर के उन अनाम साथियों को...
बाबा साहेब अंबेडकर के 1940 के दशक के आरंभ में दिल्ली शिफ्ट करने के बाद से लेकर उनके 1956 में निधन तक उनके साथ तीन-चार अनाम लोग उनकी छाया की तरह रहे. वे उनके भाषणों को नोट करते रहते या फिर उनकी लाइब्रेयरी को देखते. बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस के बाद ये सब बाबा साहेब के विचारों को फैलाते रहे.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
@masahid.abbas
त्योहार तो कई हैं लेकिन 26 जनवरी और 15 अगस्त की बात ही अलग है!
India एक सांस्कृतिक और धार्मिक देश है, यहां हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है. लेकिन भारत का National Festival 26 जनवरी और 15 अगस्त एक ऐसा त्योहार है जो पूरा देश एक साथ मनाता है. कोई भी भारतीय हो वह दुनिया के किसी भी देश में हो लेकिन 26 जनवरी और 15 अगस्त के मौके पर वह भारत के प्रेम में सरोबार रहा करते हैं ऐसे में भारत के दोनों राष्ट्रीय पर्व को समझना भी ज़रूरी है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
प्रवीण शेखर
@praveen.shekhar.37
क्या परेशान बीजेपी अम्बेडकर की विरासत पर दावा करने को मजबूर है?
बीजेपी का दावा है कि उसने अंबेडकर जैसी शख्सियत को राजनीतिक प्रवचन में वापस ला दिया है जिसे कांग्रेस ने अनदेखा कर दिया था. आरएसएस ने भी पिछले कुछ वर्षों से इस दलित शख्सियत पर विशेष ध्यान दिया है और इन्हें बड़े हिंदू नेताओं की कतार में शामिल कर लिया है.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
पटेल-अंबेडकर के बाद बीजेपी की कैंपेन लिस्ट में शामिल हुए नेताजी
साल भर के भीतर लाल किले से दोबारा तिरंगा फहराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी का जो लेटेस्ट वर्जन पेश किया है उसमें नया ऐड ऑन फीचर हैं - नेताजी.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या बीजेपी सवर्णों को अचल संपत्ति मान कर चल रही है?
दिल्ली में बीजेपी की कार्यकारिणी में एससी-एसटी एक्ट पर भी गंभीर चर्चा हुई, लेकिन मैसेज सबका साथ और सबका विकास वाले अंदाज में दिया गया. आखिर बीजेपी सवर्णों को अपना स्थाई वोट बैंक मान रही है या कुछ और प्लान है?