X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
दिव्या राकेश शर्मा
@1609812972748481
गंदगी फैला रही महिलाओं को सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लगाकर ही सुधारा जा सकता है
महिलाएं जो कि अपने घर को चमका कर रखती हैं जो फर्श पर एक तिनका देख अपनी कामवाली या बच्चों पर बिगड़ जाती हैं. कभी कभी रौद्र रूप धारण कर ताडंव करने लगती हैं वे महिलाएं सार्वजनिक स्थल तो छोड़िए धार्मिक स्थलों पर भी गंदगी का ढेर लगा आती हैं. जो अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
होली के त्योहार पर आम घरों की महिलाओं का रूटीन क्या होता है?
एक त्योहार ही तो वह मौका होता है जब सभी घरवाले एक जगह होते हैं. उसमें भी बाहर से सामान मंगा लेंगे तो फिर बात ही क्या रह जाएगी? उन्हें तो मां के हाथ का ही सबकुछ बना अच्छा लगता है. इसलिए कमर दर्द लिए मां रसोई से छत और बाजार के चक्कर लगाती रहती है.
स्पोर्ट्स
| 3-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
घर की मुर्गी दाल बराबर! यही हम भारतवासियों का हाल है. पांच साल पहले बैतूल (मध्यप्रदेश) की गार्बेज रन को क्रेडिट देने के बजाय उसी 'रन' से प्रेरित जापान की स्पोगोमी के कसीदे पढ़े जा रहे हैं!
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
International Men's Day 2022: डियर पति तुम करते क्या हो, ये दर्द काहे खत्म नहीं होता?
पत्नी हाउसवाइफ है तब वह रोज नए-नए तानों से पति का स्वागत करती है और अगर वह कामकाजी है तब तो डोज डबल हो जाता है. जहां भी ये होता है, उन पुरुषों के नाम रहम भरे कुछ शब्द...
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
60 साल बाद आदमी नहाया फिर मौत हो गई... मजाक नहीं, मैटर सीरियस है, बहुत सीरियस!
दुनिया के सबसे गंदे आदमी के रूप में पहचान रखने वाले एक ईरानी व्यक्ति की 94 साल की उम्र में मृत्यु हो गई. ये तब हुआ जब उसने 60 से अधिक वर्षों में अपना पहला स्नान किया। बताया जा रहा है कि जो व्यक्ति मरा उसका उनका पसंदीदा भोजन पॉर्क्यूपाइन का मांस था.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
दिवाली पर समाज से इन 8 बातों को भी साफ करने की जरूरत है!
हमारे समाज और घरों की तरह बहुत सारी गंदगी हमारे मन में भी छिपी हुई है. तो क्यों ना इस बार दिवाली के त्योहार पर घर की सफाई के साथ मन की भी सफाई कर ली जाए.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
क्या दिवाली की सफाई सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है, उनका हर त्योहार काम करने में क्यों बीते?
अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं का त्योहार घर के काम करने और रसोई में खाना पकाने में बीत जाता है. घर के सारे लोग त्योहार एंजॉय करते हैं और औरतें सज-धज कर रसोई में काम करती रहती हैं. क्या उनके लिए त्योहार का मतलब सिर्फ काम है?
सोशल मीडिया
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Dominos को पता है हम रेस्त्रां की दाल में बाल इग्नोर करने वाले लोग हैं, उसे क्या ही फर्क पड़ेगा
तुषार नाम के ट्विटर यूजर ने ट्विटर पर डॉमिनोज बेंगलुरु से जुड़ी कुछ तस्वीरों को साझा किया है. तस्वीरों में जहां पर पिज्जा बनाने के लिए आंटे की लोइयां रखी हैं, वहां उसके ऊपर टॉयलेट ब्रश और पोंछा टंगे हैं. इतने गंभीर मामले पर डॉमिनोज ने अपना पक्ष रखा तो है. लेकिन वो एक फॉर्मेलिटी से ज्यादा और कुछ नहीं है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
कोर्ट जी, कृपया सिंह साहब को क़ुतुब मीनार सौंप दीजिये, और बस 1 महीने उनसे मैंटेन करवा लीजिये
कोर्ट में एक याचिका आई है जिसमें याचिकाकर्ता महेंदर ध्वज प्रसाद सिंह ने दिलचस्प दावा किया है कि क़ुतुब मीनार पर उनका मालिकाना हक़ है. अब जबकि बात यहां तक आ ही गयी है तो कोर्ट को बिना देरी किये क़ुतुब मीनार को सिंह साहब को सौंप देना चाहिए लेकिन कुछ जरूरी शर्तों के साथ.