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सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
Scoop Web series Review: मीडिया के वर्तमान स्वरूप का सहज आईना है स्कूप
आजकल हेडलाइन मैनेजमेंट के नाम पर सनसनीखेज शब्दों का इस्तेमाल आम है, प्रश्नवाचक मुद्रा में अनर्थ करने की स्वतंत्रता जो है. वेब सीरीज की बात करने के पहले हाल ही में हुई ह्रद्य विदारक रेल दुर्घटना की रिपोर्टिंग की बानगी देखिए- एक नामी गिरामी महिला पत्रकार ने, जिनके पति भी फेमस और वेटरेन पत्रकार हैं और एक बड़े मीडिया हाउस से जुड़े हैं, इस रेल दुर्घटना को कत्लेआम, हत्याकांड निरूपित कर दिया.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
मीडिया की नासमझी है कि एससी के हवाले से जो नहीं हुआ उसे भी आदेश बता दिया!
आदर्श स्थिति होती कि मीडिया खेद प्रकट करती और कहती कि उनके गलत विश्लेषण की वजह से न्यायमूर्ति को स्पष्टीकरण देना पड़ा, 'न्यायाधीश वर्मा स्टे के दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि 'योग्यता- सह-वरिष्ठता' का पालन करने पर भी उनकी पात्रता है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
आपका हर फैसला सिर आंखों पर मीलॉर्ड लेकिन बेवजह टिप्पणी कदापि नहीं
बिना किसी संदर्भ के पता नहीं क्यों विद्वान न्यायमूर्ति वन लाइनर टिप्पणी कर बैठे कि मीडिया उनकी ही फाइंडिंग बताने लगा,'...I hope I don't get misquoted, but in the ranking, we are now at 161, in terms of journalistic freedom.'
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
शादी के नाम पर राखी-आदिल का तमाशा आखिरकार अपने क्लाइमेक्स पर आ ही गया!
राखी सावंत ने पति आदिल दुर्रानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। अभिनेत्री ने दावा किया है कि आदिल ने उनसे 4 लाख रुपये और गहने हड़प लिए हैं और उन्हें मारने की कोशिश की है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
#DontSaySorry: पत्रकार अपने रोजनामचे की एंट्री क्यों ठीक करें?
डेमोक्रेसी में फ्रीडम ऑफ़ स्पीच सर्वोपरि है. लेकिन लक्ष्मण रेखा भी तो होनी चाहिए ना. मीडिया के एंकरों का, जर्नलिस्टों का बिना ऑथेंटिकेशन के महज कल्पना के सहारे प्रश्नवाचक चिन्ह की आड़ लेकर विवेचना या विचार प्रस्तुत करने का क्या औचित्य है?
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
AYUSHI MODI
श्रद्धा-आफ़ताब में कैसा प्यार था जो थोड़े ही समय में रूह कंपा देने वाली नफरत में बदल गया?
श्रद्धा हत्याकांड पर चर्चाएं तेज हैं. कई सवाल उठ रहे हैं. और कई तरीके से उठ रहे हैं. लेकिन क्या किसी ने सोचा कि अगर श्रद्धा आफताब के साथ न रहती तो? क्या आफताब श्रद्धा से सच में प्यार करता था?
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
National Press Day: समाज के लिए घातक है मूल्यविहीन पत्रकारिता
जिस तरह मनुष्य के जीवन को सार्थकता प्रदान करने के लिए जीवन मूल्य आवश्यक हैं, उसी तरह मीडिया को भी दिशा देने और उसको लोकहितैषी बनाने के लिए मूल्यों की आवश्यकता रहती है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
हंगामाखेज नहीं, समाधानमूलक हो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ
The Fourth Pillar of Democracy: संचार का उद्देश्य समस्याओं का समाधान देना रहा है. संचार क्षेत्र के अधिष्ठाता देवर्षि नारद की संचार प्रक्रिया एवं सिद्धांतों को जब हम शोध की दृष्टि से देखते हैं तब भी हमें यही ध्यान आता है कि उनका कोई भी संवाद सिर्फ कलह पैदा करने के लिए नहीं था.
सिनेमा
| 7-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
Chup Review: फिल्म ऐसी कि अब तो शायद ही कभी कोई चुप रह पाए...
Chup Review: फिल्म हिट होगी या फ्लॉप, बॉल ऑडियंस के कोर्ट में होती है. ऑडियंस में से ही व्यूअर्स निकल कर आते हैं. और ऑडियंस प्रभावित होता है रिव्यू से जिसे देने वाले अधिकतर फिल्मों को बिना महसूस किए, बिना किसी रिसर्च के, एजेंडे के तहत दे देते हैं.