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सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
Masoom Sawaal trailer: मासिक धर्म एक पीड़ादायक 'धार्मिक कर्म' क्यों है?
मासिक धर्म/पीरियड्स को लेकर पहले भी कई हिंदी फिल्में बन चुकी हैं. इन फिल्मों में इस संवेदनशील विषय को कई नजरिए से पेश किया गया है. 5 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही फिल्म 'मासूम सवाल' पहली बार इसे एक नए नजरिए से पेश करती है. फिल्म का ट्रेलर लॉन्च कर दिया गया है. इसकी कहानी दिल झकझोर देने वाली है.
सिनेमा
| 6-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
ऑस्कर पैडमैन को नहीं, पैड-वुमन को ही मिलना था
ईरानी फिल्ममेकर Rayka Zehtabchi की फिल्म Period. End of Sentence को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है. ये फिल्म भारतीय गांव की कहानी है जहां की महिलाओं ने पीरियड को एक रुकावट समझना बंद कर दिया.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
महिला दिवस पर सरकार ने भारतीय महिलाओं को सबसे बड़ा तोहफा दिया है...
सरकार ने सुविधा नाम का एक नया बायोडिग्रेडेबल पैड लॉन्च किया है जो 2.50 रुपए प्रति पैड की कीमत पर मिलेगा यानि 10 रुपए में 4. ये पैड्स शायद सरकार का महिला दिवस पर महिलाओं को सबसे बड़ा तोहफा कहा जा सकता है. इसका कारण भी बहुत सीधा सा है...
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या आप जानते हैं पैड्स के अलावा, ये 6 चीजें आती हैं पीरियड्स में काम?
पैड्स और आम टैम्पून्स से अलग ये 6 प्रोडक्ट्स पीरियड्स को ज्यादा आसान बना सकते हैं.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
मनीष जैसल
@jaisal123
ऐसा प्रॉमिस, जो कभी पूरा न हो! सुन तो लीजिये क्या कहते हैं फिल्मी गीत
प्रॉमिस की बातें केवल वैलेंटाइन वीक तक सीमित नहीं हैं. यदि बॉलीवुड को देखें तो मिलता है कि प्रॉमिस करना लम्बे समय से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहा है.
सिनेमा
| 3-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ हुसैन
@siddharth.hussain
सिनेमा हॉल से निकलकर एक ही सवाल मन में था : पैडमैन फिल्म है या मुद्दा ?
'पैडमैन' को आम जनता कितना अपनाएगी, ये तो जल्द पता चल ही जाएगा, लेकिन फिल्म अच्छी है. अक्षय कुमार के दोस्तों ने भी इस मुद्दे को बेबाकी से प्रमोट किया है, ताकि आम लोगों की झिझक दूर हो.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
प्रियंका ओम
@priyanka.om
सैनिटरी पैड और फिल्म स्टार्स का प्रोमोशन
पीरियड्स अन्य नैचुरल कॉल की तरह ही है! बाक़ी चीज़ें रोज़ होती हैं पीरियड महीने में एक बार, फिर इसमें इतनी छुपा छुपी क्यूं? सैनिटेरी पैड खरीदने में इतनी शर्म क्यूं? मेंस्ट्रूअल साइकल और पैड ख़रीदना कोई शर्म की बात नहीं है, बल्कि गर्व की बात है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अमित अरोड़ा
@amit.arora.986
सैनिटरी नैपकिन की कहानी सिर्फ पैडमैन तक ही सीमित नहीं, एक फिल्म इस पहलू पर भी बननी चाहिए..
महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है, परंतु पर्यावरण की रक्षा भी अनिवार्य है. ऐसे में व्यावसायिक रूप से तैयार किए जाने वाले सैनिटरी नैपकिनों की जगह पर्यावरण के अनुकूल, बायो-डिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेन्द्रराज सुथार
@devendraraj.suthar
मासिक धर्म : आखिर चुप्पी कब तक ?
पैडमैन मुरुगनाथम का ये जज़्बा का हर किसी को प्रेरित करता है कि अगर हम समाज में कोई बेहतर बदलाव देखना चाहते हैं तो उसकी शुरुआत हमें खुद से करनी चाहिए क्योंकि नामुमकिन तो कुछ भी नहीं है.