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सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
स्वाति सिंह परिहार
@swatiparihar87
आज के दौर में लेखक नहीं, बेहतर पाठक बनना बहुत ज़रूरी है!
जो लिखा जा रहा है, उसे हमेशा पढ़ा जाएगा, हर लेखन का अपना पाठक बेस होता है, लेकिन लिखना कब है, कैसे है इसका शॉर्टकट क्या हो सकता है की जगह हमें अपने पढ़ने पर ध्यान केंद्रित करना होगा, बेहतर पाठक बनना हमारे लिए सबसे पहले और सबसे ज़्यादा ज़रूरी है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
'नींद की कमी इंसानों को स्वार्थी बनाती है', मतलब शायरों और कवियों ने मेहनत बेवजह की?
फैज़, फ़राज़, जौन एलिया, राहत इंदौरी, ग़ालिब, निदा फाज़ली हर वो शायर जिसने रात को जाग जाग कर शेर लिखे क्या वो सेल्फिश है? सवाल भले ही अटपटा हो जरूरी इसलिए क्योंकि जो शोध यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कली के शोधकर्ताओं ने किया है वो कुछ ऐसा ही बता रहा है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
प्रियंका गांधी ने कविता चोरी कर चुनावी स्वार्थ साधा, रचयिता ने फेल कर दिया!
प्रियंका गांधी वाड्रा चित्रकूट थीं जहां उन्होंने महिला कार्ड खेलते हुए 'उठो द्रौपदी शस्त्र संभालो' पंक्ति का उद्घोष किया. प्रोग्राम अच्छा हुआ. प्रियंका को प्रोग्राम के जरिये वो पब्लिसिटी हासिल हुई जिसकी वो तलबगार थीं. लेकिन प्रियंका का एक कविता के जरिये भाजपा पर यूं इस तरह हमला करना कविता लिखने वाले कवि को रास नहीं आया है और उन्होंने आपत्ति दर्ज की है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
नाज़िश अंसारी
@naaz.ansari.52
जब तक ज़िंदा है, जीने की ख्वाहिश और ज़िंदा हैं सपने... तब तक पाश ज़िंदा रहेंगे!
जब तक निक्कियों के ब्याह में गिरवी रखी जाती रहेगी ज़मीन. और नागरिकता बचाए रखने के लिए बेचा जाता रहेगा ज़मीर. जब तक देश आत्मा की बेगार का कोई कारख़ाना है. उल्लू बनने की प्रयोगशाला है. जब तक प्रेमियों के चुंबन प्रेमिका का चेहरा खूबसूरत बनाते रहेंगे. और आलिंगन उनके शरीर को सांचे में ढालते रहेंगे. जब तक ज़िंदा है जीने की ख्वाहिश और ज़िंदा हैं सपने. तब तक पाश ज़िंदा रहेंगे.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
रामधारी सिंह दिनकर: वो कवि जिसकी रचनाएं राष्ट्रवाद/देशभक्ति के लिए खाद हैं!
रामधारी सिंह दिनकर बर्थडे (Ramdhari Singh Birthday): आज भले ही राष्ट्रवाद (Nationalism) और देशभक्ति पर तमाम तरह की बातें हो रही हों लेकिन अगर हमें वाक़ई राष्ट्रवाद और देशभक्ति को समझना है तो हमें दिनकर को पढ़ना चाहिए जिनका लेखन देशभक्तों के लिए खाद से कम नहीं है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Firaq Gorakhpuri बन रघुपति सहाय ने बताया कि सेकुलरिज्म-भाईचारा है क्या?
एक ऐसे वक़्त में जब हमारे आस पास नफरत अपने पैर पसार चुकी हो, अगर हमें असली सेकुलरिज्म (Secularism ) और भाईचारा (Communal Harmony) सीखना समझना हो तो हमें अपनी जिंदगी में फ़िराक़ गोरखपुरी (Firaq Gorakhpuri) को उतार लेना चाहिए,
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गुलजार का जन्मदिन मना रहे कुछ फैंस के जश्न से तौबा !
आज गुलज़ार (Gulzar Birthday) का बर्थडे है. गुलज़ार साहब के नाम पर सोशल मीडिया पर ट्रक मार्का अनाप शनाप कविताएं और शायरियां (Gulzar Poetry) पोस्ट करना पाप नहीं महापाप है. लोग नहीं जानते कि फैन और फॉलोइंग के नाम पर वो गुलज़ार साहब के साथ ऐसा बहुत कुछ कर रहे हैं जो कहीं न कहीं उनकी आत्मा को कचोटता होगा.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
सरकार विरोधी आंदोलनकारियों को क्यों एक पाकिस्तानी का सहारा लेना पड़ा !
जब आम भारतीयों के लिए आम भाषा में दुष्यंत कुमार जैसे तमाम भारतीय रचनाकारों की रचनाएं लोगों के लबों पर रहती हैं तो फिर इन दिनों क्रांति का अलख जलाने का प्रयास करने वाले प्रदर्शनकारी (JNU Protest) पाकिस्तानी (Pakistan) शायर फैज अहमद फैज़ (faiz ahmed faiz) की आम लोगों को ना समझ मे आने वाली नज़्म क्यों पढ़ रहे हैं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Faiz: हिंदू विरोध 'अल्लाह' के जिक्र से तो इस्लामी एतराज 'अन-अल-हक़' से
Pakistan के शायर Faiz Ahmed Faiz की नज़्म 'हम देखेंगे' चर्चा में है. पाकिस्तान के लिए लिखी गई इस नज्म का इस्तेमाल हिंदुस्तान में CAA का विरोध करने वालों ने किया है ऐसे में इसपर हिंदू मुस्लिम की राजनीति होना स्वाभाविक है.